नृसिंह भगवान की कृपा से सभी बाधाओं का अंत होता है और भक्त को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
भगवान नरसिंह जी की नित्य पूजा और आरती करने से जातक के सभी शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं। भगवान नरसिंह अपने भक्तों के किसी भी शत्रु, बाधा, संकट व विपदा को हरने में सक्षम हैं। ऐसे में जो व्यक्ति प्रतिदिन भगवान नरसिंह जी की आरती सुनता और पढ़ता है, उसके जीवन में कोई भी विपत्ति नहीं आती है और अगर कोई विपदा आती भी है तो वे उसे उन समस्यायों से लड़ने के लिए सक्षम बनाता है। इसी के साथ ही नित्य आरती पढ़ने से उस पर भगवान नरसिंह जी की कृपा बनी रहती है। तो आइए पढ़ते हैं नरसिंह जी की आरती (Narsingh Ji Ki Aarti) हिंदी में।
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे
॥ ॐ जय नरसिंह हरे ॥
तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी ।
अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी
॥ ॐ जय नरसिंह हरे ॥
सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी, प्रभु दुस्यु जियो मारी ।
दास जान आपनायो, दास जान आपनायो, जनपर कृपा करी
॥ ॐ जय नरसिंह हरे ॥
ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे, प्रभु माला पहिनावे ।
शिवजी जय जय कहकर, पुष्पन बरसावे
॥ ॐ जय नरसिंह हरे ॥
और ये भी पढ़े
एकादशी माता की आरती संकट माता की आरती श्री जानकीनाथ जी की आरती श्री रामायण जी की आरती
Did you like this article?
वरुण देव की संपूर्ण आरती का पाठ करें और प्राप्त करें मानसिक शांति, जलतत्त्व संतुलन और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद।
बटुक भैरव आरती से होती है भक्ति और शांति की प्राप्ति। यहां पढ़ें पूरी आरती हिंदी में, विधि और इसके लाभों के साथ
चिंतपूर्णी आरती माँ चिंतपूर्णी की उपासना का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिन्हें सभी चिंताओं और कष्टों का निवारण करने वाली देवी माना जाता है