9 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, आश्विन कृष्ण द्वितीया, हरितालिका व्रत पारण और द्वितीया श्राद्ध का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
9 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक आस्था और शुभ अवसरों से भरा होगा। इस दिन कौन-कौन से व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, इनके पीछे की पौराणिक मान्यताएं क्या कहती हैं और कौन से शुभ मुहूर्त आपके लिए लाभकारी रहेंगे, यह जानना दिलचस्प होगा। इस लेख में जानिए 9 सितंबर 2025 से जुड़ी पूरी और खास जानकारी, जो इस दिन को विशेष बनाती है।
9 सितंबर 2025, मंगलवार का दिन है और यह भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस दिन विशेष रूप से पितृ पक्ष की द्वितीया श्राद्ध मनाया जाता है। पितृ पक्ष एक 16 दिवसीय अवधि है, जिसमें पितरों को तर्पण, श्राद्ध और पूजा अर्चना के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इस दिन से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है, जो 22 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान पितरों के आशीर्वाद से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
तिथि: भाद्रपद कृष्ण पक्ष द्वितीया
वार: मंगलवार
नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद
योग: धृति
करण: वणिज
राहुकाल: अपराह्न 3:02 से 4:35 बजे तक
गुलिक काल: अपराह्न 11:55 से 1:28 बजे तक
यमघंट काल: प्रात: 8:48 से 10:21 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: प्रात: 11:31 से 12:19 बजे तक
पूजा विधि
स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
पितरों के नाम का स्मरण करें और उन्हें तर्पण अर्पित करें।
पुश्प, फल, तिल और जल अर्पित करें।
'ॐ पितृभ्यो नमः' मंत्र का जाप करें।
ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा दें।
9 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। पितृ पक्ष की द्वितीया श्राद्ध के माध्यम से पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। इस दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं और पितरों के आशीर्वाद से अपने जीवन को धन्य बनाएं।
Did you like this article?
30 September 2025 Ko Kya Hai? जानें नवरात्रि का नौवाँ और अंतिम दिन, शुभ दशमी व्रत का महत्व, पंचांग विवरण, शुभ मुहूर्त और देवी सिद्धिदात्री की पूजा विधि की सम्पूर्ण जानकारी।
29 September 2025 Ko Kya Hai? जानें नवरात्रि का आठवाँ दिन, देवी महागौरी पूजा का महत्व, पंचांग विवरण, शुभ मुहूर्त और आराधना की सम्पूर्ण जानकारी।
28 September 2025 Ko Kya Hai? जानें नवरात्रि का सातवाँ दिन, महाष्टमी व्रत का महत्व, पंचांग विवरण, शुभ मुहूर्त और देवी कालरात्रि की पूजा विधि की सम्पूर्ण जानकारी।