6 अगस्त 2025 को क्या है? जानें इस दिन का पंचांग, त्रयोदशी व्रत, प्रदोष महापर्व और शुभ समय।
6 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक उत्सव और शुभ संयोगों से एक विशेष दिन है। इस दिन कौन-कौन से व्रत और पर्व मनाए जाएंगे, इनके पीछे की पौराणिक मान्यताएं क्या हैं और कौन से शुभ मुहूर्त आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, यह जानना रोचक होगा। इस लेख में जानिए 6 अगस्त 2025 से जुड़ी पूरी और खास जानकारी।
6 अगस्त 2025 को बुधवार है और यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन बुध प्रदोष व्रत मनाया जाता है, जो भगवान शिव व माता पार्वती को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत से मनोकामना पूर्ति, संतान सुख, धन-समृद्धि और पारिवारिक शांति प्राप्त होती है।
तिथि: त्रयोदशी (श्रावण शुक्ल त्रयोदशी)
आरंभ: 6 अगस्त दोपहर 2:08 बजे
समाप्ति: 7 अगस्त दोपहर 2:28 बजे तक
नक्षत्र: मूल दोपहर तक, फिर पूर्वाषाढ़ा
योग: वैधृति
करण: बालव
वार: बुधवार
श्रावण मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाता है। विशेषकर बुधवार को आने वाले प्रदोष को बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत मानसिक शांति, संतान सुख और समृद्धि के लिए रखा जाता है।
प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धूप‑दीप अर्पित करें।
शिव‑पार्वती की कथा या स्तुति का पाठ करें।
रात्रि में जागरण करें और भजन‑कीर्तन करें।
अगले दिन व्रत का पारण करके प्रसाद लें।
राहुकाल: दोपहर 12:05 से 1:44 तक
गुलिक काल: 10:25 से 12:05 तक
यमघंट काल: 7:07 से 8:46 तक
शुभ समय: दोपहर 11:39 से 12:31 तक
6 अगस्त 2025 का दिन श्रावण शुक्ल त्रयोदशी और बुध प्रदोष व्रत का शुभ संयोग लेकर आता है। इस दिन की गई शिव पूजा से भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह दिन आध्यात्मिक साधना, व्रत पालन और पारिवारिक सुख-शांति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
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