
जानिए मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि, आज का पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और व्रत-त्योहार से जुड़ी खास जानकारी।
21 नवंबर 2025 का दिन भक्तिभाव और शुभता से भरा हुआ है। इस दिन किए गए व्रत, पूजा और धार्मिक कार्य व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य, शांति और समृद्धि लाते हैं। कहा जाता है कि आज के दिन की सच्ची आराधना से ईश्वर विशेष आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 21 नवंबर 2025 को कौन-सा व्रत या त्योहार है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों विशेष है? 21 नवंबर 2025, शुक्रवार के दिन मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। यह दिन अमावस्या समाप्ति के बाद शुक्ल पक्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसी के साथ चंद्र मास के नए पक्ष का प्रारंभ होता है, जो नूतन शुभारंभ, मनोबल, और आध्यात्मिक ऊर्जा का द्योतक है। आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और गंड मूल नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जो कुछ कार्यों के लिए शुभ और कुछ के लिए सावधानीपूर्वक रहने का संकेत देता है।
तिथि: शुक्ल पक्ष प्रतिपदा – दोपहर 2:48 बजे तक
नक्षत्र: अनुराधा – दोपहर 1:56 बजे तक, तत्पश्चात ज्येष्ठा
योग: अतिगण्ड – सुबह 10:44 बजे तक
करण: बव – दोपहर 2:46 बजे तक, तत्पश्चात बालव
वार: शुक्रवार (माता लक्ष्मी और बृहस्पति देव का दिन)
मास: मार्गशीर्ष (हेमंत ऋतु)
विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
सूर्य राशि: वृश्चिक
चंद्र राशि: वृश्चिक
ऋतु: हेमंत
आयन: दक्षिणायन
दिशाशूल: पश्चिम दिशा
सूर्योदय: सुबह 6:49 बजे
सूर्यास्त: शाम 5:25 बजे
चंद्रोदय: सुबह 7:44 बजे
चंद्रास्त: शाम 5:56 बजे
अभिजित मुहूर्त: 11:46 AM से 12:28 PM
विजय मुहूर्त: 1:53 PM से 2:35 PM
राहुकाल: 10:47 AM से 12:07 PM
गुलिक काल: 8:08 AM से 9:28 AM
यमगंड काल: 2:46 PM से 4:06 PM
सर्वार्थ सिद्धि योग: 6:49 AM से 1:56 PM तक
21 नवंबर 2025 का दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की शुरुआत का है। यह काल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना के लिए शुभ माना गया है। शुक्रवार का दिन होने के कारण लक्ष्मी पूजन, सौभाग्य की कामना, और धन वृद्धि के उपाय अत्यंत फलदायी रहते हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग कार्यों की सफलता, नए कार्यारंभ और व्रत-संकल्प के लिए अत्यंत उत्तम माना गया है।
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर या मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
चंदन, पुष्प, दीपक और धूप अर्पित करें।
"ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
प्रसाद में खीर या मीठे चावल अर्पित करें।
ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं और दान दें।
आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो किसी भी कार्य की सफलता का संकेत है।
गंड मूल नक्षत्र दोपहर 1:56 बजे तक रहेगा, इसलिए दोपहर के बाद शुभ कार्य करना अधिक लाभकारी रहेगा।
शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन करने से घर में समृद्धि, शांति और धन की वृद्धि होती है।
21 नवंबर 2025 का दिन शुक्ल पक्ष की शुरुआत, सर्वार्थ सिद्धि योग, और लक्ष्मी पूजन के कारण अत्यंत शुभ है। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत, निवेश, खरीदारी, और धार्मिक अनुष्ठान के लिए आदर्श माना गया है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति से पूजन करने पर व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और सफलता का वास होता है।
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