2 अक्टूबर 2025 को क्या है?
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2 अक्टूबर 2025 को क्या है?

2 अक्टूबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, दुर्गा अष्टमी और महागौरी पूजन का महत्व, शुभ-अशुभ समय और आराधना से जुड़ी खास जानकारी।

आज के दिन के बारे में

2 अक्टूबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष माना जाता है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति से किए जाने वाले अनुष्ठान जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाते हैं। यह दिन भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर भी लेकर आता है। इस लेख में जानिए 2 अक्टूबर 2025 का धार्मिक महत्व और इससे जुड़ी खास बातें।

2 अक्टूबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 2 अक्टूबर 2025 को कौन-सा व्रत और त्योहार है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों खास है?

2 अक्टूबर 2025, गुरुवार को दशमी तिथि है। यह दिन विजयदशमी (दशहरा) के रूप में मनाया जाएगा। विजयदशमी, माँ दुर्गा की बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक मानी जाती है। इस दिन रावण दहन, दुर्गा विसर्जन और विद्यारंभ का विशेष महत्व है। बंगाल और दक्षिण भारत में यह दिन अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। साथ ही, यह दिन राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और संत श्री मध्वाचार्य जयंती के रूप में भी मनाया जाएगा।

पंचांग विवरण

  • तिथि: दशमी – शाम 7:12 बजे तक

  • नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा – सुबह 9:14 बजे तक

  • योग: सुकर्मा – रात 11:29 बजे तक

  • करण: तैतिल – सुबह 7:11 बजे तक

  • वार: गुरुवार (बृहस्पति देव का दिन)

महत्त्व और पूजा

  • विजयदशमी / दशहरा

यह दिन भगवान श्रीराम की रावण पर विजय और माँ दुर्गा की महिषासुर पर विजय का प्रतीक है। इस दिन रावण दहन, दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन और विजय जुलूस निकाले जाते हैं।

  • सरस्वती विसर्जन और विद्यारंभ

बंगाल और दक्षिण भारत में सरस्वती पूजा सम्पन्न होने के बाद इस दिन विसर्जन किया जाता है। छोटे बच्चों के लिए अक्षरारंभ / विद्यारंभ संस्कार का महत्व है।

विशेष पर्व

  • गाँधी जयंती – राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयंती।

  • मध्वाचार्य जयंती – वेदांत दर्शन के महान आचार्य की जयंती।

  • मैसूर दशहरा – दक्षिण भारत में अद्भुत शाही जुलूस और उत्सव।

पूजा विधि

  • प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।

  • देवी दुर्गा और भगवान श्रीराम की पूजा करें।

  • शस्त्र, उपकरण और वाहन की पूजन करें (अयुध पूजा का महत्व रहता है)।

  • रामचरितमानस, दुर्गा सप्तशती या सरस्वती स्तोत्र का पाठ करें।

  • रावण दहन एवं दीप प्रज्वलन कर विजय का उत्सव मनाएं।

शुभ-अशुभ समय

  • शुभ मुहूर्त: 11:25 AM से 12:11 PM

  • राहुकाल: 1:17 PM से 2:46 PM

  • गुलिक काल: 8:50 AM से 10:19 AM

  • यमघंट काल: 5:51 AM से 7:20 AM

सूर्य और चंद्र

  • सूर्योदय: 5:51 AM

  • सूर्यास्त: 5:45 PM

  • चंद्र उदय: 2:40 PM

  • चंद्रास्त: 12:37 AM

ग्रह और राशि

  • सूर्य राशि: कन्या

  • चंद्र राशि: मकर

  • दिशाशूल: दक्षिण दिशा

  • ऋतु: शरद

  • आयन: दक्षिणायन

निष्कर्ष

2 अक्टूबर 2025 का दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत विशेष है। इस दिन दशहरा, दुर्गा विसर्जन, विद्यारंभ और विजयदशमी पर्व से बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश मिलता है।

साथ ही गांधी जयंती और मध्वाचार्य जयंती जैसे अवसर इस दिन को और भी ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बनाते हैं। इस दिन पूजा-पाठ, रावण दहन और सांस्कृतिक उत्सव करने से जीवन में साहस, विजय, विद्या और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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Published by Sri Mandir·October 2, 2025

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