
1 नवंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, भीष्म पंचक आरंभ, कंस वध और शुभ-अशुभ मुहूर्त से जुड़ी खास जानकारी।
1 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से शुभ माना जाता है। इस दिन किए जाने वाले पूजन, व्रत और दान से जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य की वृद्धि होती है। भक्त विशेष रूप से इस दिन भगवान और देवी-देवताओं की आराधना कर अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। इस लेख में जानिए 1 नवंबर 2025 के धार्मिक महत्व, पूजन विधि और इससे जुड़ी खास बातें।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 1 नवंबर 2025 को कौन-सा व्रत या त्योहार है और यह दिन धार्मिक रूप से क्यों विशेष है?
1 नवंबर 2025, शनिवार के दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। इस दिन से भीष्म पंचक व्रत की शुरुआत होती है और कंस वध का पर्व भी मनाया जाता है। यह दिन कार्तिक माह के पवित्र दिनों में से एक है, जो धर्म, पुण्य और श्रद्धा की दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
पंचांग विवरण
महत्त्व और पर्व
1 नवंबर 2025 से भीष्म पंचक व्रत प्रारंभ होगा, जो पांच दिनों तक चलता है और देवउठनी एकादशी तक मनाया जाता है। यह व्रत भीष्म पितामह की स्मृति में रखा जाता है। कहा जाता है कि इन दिनों में व्रत, दान और पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
पूजा और व्रत विधि
प्रातः स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करें।
घर या मंदिर में भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें।
दीपक जलाएं, पुष्प और तुलसीदल अर्पित करें।
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
भीष्म पंचक व्रत की संकल्पना कर उपवास या फलाहार करें।
शाम के समय आरती करें और भगवान से धर्म, बल और शांति की प्रार्थना करें।
शुभ-अशुभ समय
सूर्य और चंद्र विवरण
ग्रह और राशि
निष्कर्ष
1 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन भीष्म पंचक व्रत की शुरुआत होती है, जो श्रद्धा और तपस्या का प्रतीक है। साथ ही कंस वध का पर्व अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देता है। इस दिन पूजा-पाठ, दान और उपवास करने से जीवन में शांति, धर्म, और पुण्य की वृद्धि होती है।
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