भौतिक सुख-समृद्धि एवं भावनात्मक कल्याण के लिए ज्योतिर्लिंग पूर्णिमा विशेष सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा
भौतिक सुख-समृद्धि एवं भावनात्मक कल्याण के लिए ज्योतिर्लिंग पूर्णिमा विशेष सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा
भौतिक सुख-समृद्धि एवं भावनात्मक कल्याण के लिए ज्योतिर्लिंग पूर्णिमा विशेष सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा
भौतिक सुख-समृद्धि एवं भावनात्मक कल्याण के लिए ज्योतिर्लिंग पूर्णिमा विशेष सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा
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भौतिक सुख-समृद्धि एवं भावनात्मक कल्याण के लिए ज्योतिर्लिंग पूर्णिमा विशेष सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा
ज्योतिर्लिंग पूर्णिमा विशेष

भौतिक सुख-समृद्धि एवं भावनात्मक कल्याण के लिए

भौतिक सुख-समृद्धि की प्राप्ति, अवसाद एवं चिंता से मुक्ति के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा
pooja date
21 जुलाई, रविवार, आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

भौतिक सुख-समृद्धि एवं भावनात्मक कल्याण के लिए ज्योतिर्लिंग पूर्णिमा विशेष सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा

हिंदू धर्म में भगवान सत्यनारायण का विशेष महत्व है। स्कंद पुराण के अनुसार भगवान सत्यनारायण श्री हरि विष्णु के ही एक स्वरूप हैं। पंचांग के अनुसार हर पूर्णिमा को सत्य नारायण भगवान की पूजा उपासना की जाती है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के नारायण स्वरूप की पूजा की जाती है। पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस शुभ दिन में इनके स्वरूपों की विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा करने का विशेष महत्व होता है। पुराणों में सत्यनारायण व्रत कथा का बहुत महत्व बताया गया है। सत्यनारायण कथा की महिमा स्वयं भगवान सत्यनारायण ने नारद मुनि को सुनाई थी। सत्यनारायण व्रत कथा में भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप के बारे में बताया गया है। माना जाता है कि इस व्रत कथा को करने से घर में सुख और समृद्धि आती है, जिससे भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।

शास्त्रों में वर्णित है कि सत्यनारायण कथा करने से व्यक्ति को हजारों वर्षों तक किए गए यज्ञ के बराबर फल मिलता है। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन इस कथा को करने से सभी दुख एवं दरिद्रता दूर होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इसके अलावा वह सभी कष्टों से मुक्त हो जाता है। वहीं, पूर्णिमा नवग्रह शांति पूजा करने के लिए भी एक शुभ दिन है। ऐसा माना जाता है कि यह पूजा कुंडली में ग्रह दोषों के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करती है, जो व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा पर नवग्रह शांति पूजा करने से व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ और समृद्ध हो सकता है। इसलिए पूर्णिमा तिथि पर सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और समृद्धि और बेहतर भावनात्मक कल्याण का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
भौतिक सुख-समृद्धि की प्राप्ति
मान्यता है कि सत्यनारायण कथा से आर्थिक स्थिरता और प्रचुरता आती है। पूर्णिमा के शुभ दिन पर सत्यनारायण कथा कर भक्त धन और भौतिक सफलता के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। वहीं, नवग्रह शांति पूजा, जो नौ ग्रहों को शांत करती है, इस दिन करने से ग्रह बाधाओं को दूर कर सकती है और समृद्धि को आकर्षित कर सकती है। यह पूजा व्यवसाय और प्रोफेशनल लाइफ में किए गए प्रयासों में सफलता की संभावना को भी बढ़ाती है। भगवान सत्यनारायण के आशीष से सभी नवग्रहों के अनुकूल प्रभावों के कारण व्यावसायिक लक्ष्यों और आर्थिक विकास को प्राप्त करने में मदद मिलता है।
puja benefits
भावनात्मक कल्याण के आशीष के लिए
माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा के साथ नवग्रह शांति पूजा करने से ग्रहों के प्रभावों में सामंजस्य स्थापित होता है, आंतरिक शांति और मन की संतुलित स्थिति को बढ़ावा मिलता है। भगवान सत्यनारायण एवं नौ ग्रहों का आह्वान करके, भक्तों को आंतरिक शांति और भावनात्मक संतुलन की भावना का अनुभव होता है। इस अनुष्ठान से मन में उत्पन्न हुए नकारात्मक भावनाओं को दूर करने और सकारात्मकता को बढ़ावा देने में मदद मिलता है।
puja benefits
अच्छा सेहत के आशीष के लिए
माना जाता है कि सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा शरीर और मन को शुद्ध करके समग्र कल्याण को बढ़ावा देती है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान नारायण की कृपा से दुखों का निवारण हो सकता है, जिससे व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, नवग्रह शांति पूजा, विशेष रूप से, स्वास्थ्य पर ग्रहों की स्थिति के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए की जाती है, जिससे संभावित रूप से बेहतर स्वास्थ्य और जीवन शक्ति सुनिश्चित होती है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा चयन करें

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का लाइव अपडेट्स प्राप्त करें।
Number-4

पूजा वीडियो एवं प्रसाद

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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जय राज यादव

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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों