अकाल मृत्यु-भय से मुक्ति, अनिष्ट ग्रहों के प्रभावों से दूर करने, निरोगी एवं लंबा आयुष्य प्राप्त करने, सभी बाधा और परेशानी से छुटकारा पाने के लिए कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, 27 नवंबर 2023, सोमवार के दिन वाराणसी के श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर के आचार्यों द्वारा आयोजित महामृत्युंजय मंत्र जाप, महामृत्युंजय यज्ञ एवं रुद्राभिषेक में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें।
ऑनलाइन पूजा का लाभ निश्चित तौर पर मिलता है। किसी भी पूजा में सबसे अधिक महत्व नाम और गोत्र का होता है। आप पूरे विश्व में कहीं भी रहने पर आपकी पहचान आपके नाम और गोत्र से होती है, तो पूजा किसके नाम से आयोजित हो रही है यह निर्धारित करता है कि पूजा का फल किसे मिलेगा।कोई भी समस्या, बीमारी या दोष हो सभी पूजाओं को नाम और गोत्र से ही संपन्न किया जा सकता है। ऐसे में किसी भी तीर्थ स्थान या मंदिर में आपके नाम और गोत्र के उच्चारण से पूजा का फल आपको प्राप्त होता है।
यदि आपको अपना गोत्र पता नहीं है तो इस स्थिति मैं आप अपना गोत्र कश्यप मान सकते हैं क्योंकि कश्यप ऋषि एक ऐसे ऋषि थे जिनकी संतान हर जाति में पाई जाती हैं और इसी कारण वे श्रेष्ट ऋषि माने जाते हैं। इन विवरणों का पंडित जी द्वारा पूजा के दौरान जाप किया जाएगा।