बाधाओं से मुक्ति साहस एवं निर्भयता के लिए नृसिंह जयंती विशेष नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप और यज्ञ
बाधाओं से मुक्ति साहस एवं निर्भयता के लिए नृसिंह जयंती विशेष नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप और यज्ञ
बाधाओं से मुक्ति साहस एवं निर्भयता के लिए नृसिंह जयंती विशेष नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप और यज्ञ
बाधाओं से मुक्ति साहस एवं निर्भयता के लिए नृसिंह जयंती विशेष नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप और यज्ञ
बाधाओं से मुक्ति साहस एवं निर्भयता के लिए नृसिंह जयंती विशेष नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप और यज्ञ
बाधाओं से मुक्ति साहस एवं निर्भयता के लिए नृसिंह जयंती विशेष नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप और यज्ञ
बाधाओं से मुक्ति साहस एवं निर्भयता के लिए नृसिंह जयंती विशेष नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप और यज्ञ
नृसिंह जयंती विशेष

नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप और यज्ञ

बाधाओं से मुक्ति साहस एवं निर्भयता के लिए
temple venue
श्री दीर्घ विष्णु मंदिर, मथुरा, उत्तर प्रदेश
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

बाधाओं से मुक्ति साहस एवं निर्भयता के लिए नृसिंह जयंती विशेष नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप और यज्ञ

भगवान विष्णु ब्रह्मांड के रक्षक हैं और भगवान नृसिंह भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार वैशाख शुक्ल चतुर्दशी पर नृसिंह जयंती मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु ने राक्षस हिरण्यकश्यप को मारने के लिए नृसिंह का विकराल रूप धारण किया था। मान्यता है कि इस शुभ दिन पर नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप और यज्ञ करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। जो लोग अपने जीवन से नकारात्मकता को दूर करना चाहते हैं और साहस एवं निर्भयता प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें इस पूजा में अवश्य भाग लेना चाहिए। यह पूजा दिनांक 22 मई 2024 को मथुरा के श्री दीर्घ विष्णु मंदिर, में आयोजित की जाएगी। श्री मंदिर द्वारा इस पूजा में भाग लें एवं भगवान नृसिंह से आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
बाधाओं से मुक्ति
भगवान नृसिंह विष्णु के सबसे उग्र रूपों में से एक हैं, जो अपने भक्तों को सभी नकारात्मक एवं बुरी ऊर्जाओं से बचाते हैं। व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक शक्तियां कई बाधाएं उत्पन्न करती हैं। नृसिंह जयंती के शुभ दिन पर नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ और 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप करने से न केवल भक्तों के जीवन से बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। इसके अलावा ग्रहों के दुष्प्रभाव, काला जादू एवं बुरी नजर भी दूर होती है।
puja benefits
साहस एवं निर्भयता के लिए
शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु के दिव्य अवतार भगवान नृसिंह की पूजा करने से भक्तों को सभी प्रकार के भय, चिंता एवं नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति मिलती है, इसके अलावा उन्हें निर्भयता का आशीर्वाद मिलता है। नृसिंह जयंती के शुभ दिन पर 108 नृसिंह मूल मंत्र जाप करने से सभी प्रकार के भय एवं चिंताएं दूर हो जाती हैं। यह पूजा भक्तों को साहस, आत्मविश्वास और निर्भयता का आशीर्वाद मिलता है।
puja benefits
शत्रुओं से सुरक्षा
नृसिंह जयंती के शुभ दिन पर इस विशेष पाठ एवं यज्ञ को करने से शत्रुओं का शमन होता है और उनकी बुरी साजिशों से भी सुरक्षा प्राप्त होता है। जिस प्रकार भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की, उसी प्रकार संकट के समय भगवान नृसिंह का स्मरण करने से भक्तों को संकट से तुरंत राहत मिलती है। जो भक्त नृसिंह कवच स्तोत्र पाठ, 108 नरसिम्हा मूल मंत्र जाप और यज्ञ करते हैं, वे अपने दुश्मनों पर विजय प्राप्त करते हैं और कोर्ट कचहरी से संबंधित मामलों में विजय होते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

श्री दीर्घ विष्णु मंदिर,मथुरा, उत्तर प्रदेश

श्री दीर्घ विष्णु मंदिर,मथुरा, उत्तर प्रदेश
मथुरा में स्थित श्री दीर्घ विष्णु मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां श्रद्धा से जो भी व्यक्ति सिर झुकाता है उसके सारे दुख श्री हरि स्वयं हर लेते हैं। माना जाता है यहां कुंवारी लड़कियों द्वारा 16 सोमवार व्रत और विष्णु जी की पूजा करने से उसे मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, विवाह में कोई भी बाधा नहीं आती और संतान का सुख प्राप्त होता है। वराह पुराण, नारद पुराण और श्रीमद्भागवत गीता में भी दीर्घ विष्णु मंदिर का वर्णन देखने को मिलता है।

वराह पुराण के अनुसार, विष्णु कहते हैं कि इस पृथ्वी, अंतरिक्ष और पाताल लोक में कोई ऐसा स्थान नहीं है जो मथुरा के समान मुझे प्यारा हो। 4500 साल पहले इसकी स्थापना हुई थी, जिसका निर्माण श्रीकृष्ण के छ: भुजा स्वरूप को याद करने और यमुना के तीर्थ प्रयाग को बचाने के लिए किया गया था। यहां स्थित भगवान, श्री कृष्ण के विराट रूप को दर्शाता है जो उन्होंने कंस के वध के समय लिया था।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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