भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीष पाने के लिए श्रावण नाग पंचमी विशेष नाग वासुकि अभिषेक, 1008 नाग गायत्री मंत्र जाप और हवन
भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीष पाने के लिए श्रावण नाग पंचमी विशेष नाग वासुकि अभिषेक, 1008 नाग गायत्री मंत्र जाप और हवन
भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीष पाने के लिए श्रावण नाग पंचमी विशेष नाग वासुकि अभिषेक, 1008 नाग गायत्री मंत्र जाप और हवन
भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीष पाने के लिए श्रावण नाग पंचमी विशेष नाग वासुकि अभिषेक, 1008 नाग गायत्री मंत्र जाप और हवन
भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीष पाने के लिए श्रावण नाग पंचमी विशेष नाग वासुकि अभिषेक, 1008 नाग गायत्री मंत्र जाप और हवन
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भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीष पाने के लिए श्रावण नाग पंचमी विशेष नाग वासुकि अभिषेक, 1008 नाग गायत्री मंत्र जाप और हवन
श्रावण नाग पंचमी विशेष

नाग वासुकी अभिषेक, 1008 नाग गायत्री मंत्र जाप और हवन

भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीष पाने के लिए
temple venue
नाग वासुकि मंदिर, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
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srimandir devotees
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विशेष मंत्र द्वारा कृपा मिलेगी
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भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीष पाने के लिए श्रावण नाग पंचमी विशेष नाग वासुकि अभिषेक, 1008 नाग गायत्री मंत्र जाप और हवन

हिंदु धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। जिस तरह भगवान शिव को श्रावण माह प्रिय है उसी तरह नाग भी विशेष प्रिय है, इसलिए वे नाग को अपने गले में धारण किए रहते हैं। यही कारण है कि उन्हें ‘नागभूषण’ भी कहा जाता है। इसके पिछे एक अत्यंत ही रोचक कथा है, पुराणों के अनुसार सर्पों को रहने के लिए पाताल लोक दिया गया, किंतु कुछ सर्प पृथ्वी पर आकर उत्पात मचाने लगे थे। जिसे देख भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ को उनका अंत करने भेजा। गरुड़ द्वारा सर्पों का अंत देख वासुकी रक्षा की विनती करने महादेव की शरण में गए और उनसे सुरक्षा का वचन प्राप्त किया। इसके बाद वासुकी गरुड़ को रोकने चले गए लेकिन पराजित हो गए और युद्ध में लहूलुहान होने के कारण वासुकी ने महादेव का आह्वान किया। महादेव ने प्रकट होकर गरुड़ को वासुकी पर प्रहार करने से मना किया लेकिन विष्णु जी की आज्ञा को याद करते हुए गरुड़ ने पुनः वासुकी पर आक्रमण किया। इससे महादेव क्रोधित हो गए, फिर गरुड़ ने विष्णु जी का आह्वान किया।

धर्म और वचन के कारण विष्णु जी और महादेव में युद्ध आरम्भ हो गया। जब यह युद्ध रुका तो वासुकी ने महादेव से निवेदन किया कि जिस प्रकार गरुड़ को भगवान विष्णु के वाहन होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है उसी प्रकार सर्पों पर भी महादेव द्वारा थोड़ी कृपा की जाए जिससे भविष्य में कभी नागवंश पर आक्रमण न हो। इसके बाद महादेव ने प्रसन्न होकर वासुकी को अपने कंठ में सदा के लिए धारण किया। वहीं समुंद्र मंथन के दौरान भी इनका जिक्र मिलता है, जब अमृत पाने के लिए देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन का फैसला लिया था तब वासुकी नाग को ही रस्सी के तौर पर उपयोग किया गया था। समुंद्र मंथन के अलावा वासुकी नाग का वर्णन कई हिंदू धार्मिक ग्रंथों में मिलता है, दरअसल वासुकी त्रिपुरदाह के समय शिव के धनुष की डोर बनकर अहम भुमिका निभाई थी। मान्यता है कि शिव को समर्पित श्रावण माह में नाग पंचमी के दिन शिव के प्रिय नाग वासुकी अभिषेक, 1008 नाग गायत्री मंत्र जाप और हवन करने से सभी तरह के भय एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति का आशीष मिलता है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और इस भगवान शिव के साथ वासुकी नाग का आशीर्वाद पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
भय से नियंत्रण का आशीष
शास्त्रों के अनुसार, पंचमी के दिन इनकी पूजा करने से मनुष्य को सांपों के भय से मुक्ति भी मिलती है। कई बार व्यक्ति को चुनौतियों के साथ भय का सामना भी करना पड़ता है। मान्यता है कि श्रावण मास की नागपंचमी के दिन यह पूजा करने से भक्तों को भय से मुक्ति के साथ अन्य समस्याओं का सामना करने के लिए साहस का वरदान मिलता है।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए
मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर, और किसी भी प्रकार के दोषों से सुरक्षा मिलती है। वहीं अगर यह पूजा नागपंचमी पर कि जाए तो यह अत्यंत प्रभावशाली होती है।
puja benefits
ग्रहों के अशुभ प्रभावों से राहत
नाग की पूजा ग्रहों के अशुभ प्रभावों से राहत पाने के लिए अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। नाग देवता की पूजा विशेष रूप से राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को कम करने में सहायक होती है। वहीं श्रावण माह में नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से समृद्धि, सुख-शांति और रक्षा का आशीष प्राप्त होता है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा चयन करें

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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का लाइव अपडेट्स प्राप्त करें।
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पूजा वीडियो एवं प्रसाद

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

नाग वासुकि मंदिर, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

नाग वासुकि मंदिर, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
नदियों का शहर कहे जाने वाले शहर प्रयागराज में स्थित नागों के राजा वासुकी जी का मंदिर का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंंथन के समय वासुकि नाग की मंदराचल पर्वत से हुए रगड़ और घर्षण के कारण उनके शरीर में अत्यधिक जलन होने लगी थी। जलन के निवारण के लिए वासुकी भगवान विष्णु और महादेव की शरण में गए। भगवान विष्णु और महादेव ने उन्हें प्रयागराज में जाकर सरस्वती के जल का पान करके गंगा तट पर विश्राम करने की सलाह दी। सलाह को मानते हुए वासुकी जी ने सरस्वती का जल ग्रहण किया और आराम करने लगे। इसके बाद देवताओं ने वासुकि जी से इसी स्थान पर रहकर मनुष्यों के कष्टों का निवारण करने की प्रार्थना की। जिसके बाद वासुकी प्रयागराज में इस स्थान पर स्थापित हो गए और तभी से यह मंदिर बना हुआ है। इसके साथ ही भगवान विष्णु और भोलनेथ ने उन्हें यह आशीर्वाद भी दिया कि तीर्थ राज प्रयागराज के दर्शन का फल वासुकि नाग का दर्शन करने के बाद ही पूर्ण रूप से मिलेगा। इसके साथ ही नाग पंचमी के दिन तीनों लोक में उनकी व उनके सेना की पूजा की जाएगी। यही कारण है कि नागपंचमी के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ एकत्र होती है। मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने से सर्पदंश, ग्रह दोष के अलावा काल सर्प दोष से मुक्ति का आशीष प्राप्त होता है।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
Safal Srivastava

Safal Srivastava

23 July, 2025

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Jai shree mahakal apki mandir app k wajah se yeh pooja complete ho payi .


Mamta kapooor family

Mamta kapooor family

23 July, 2025

starstarstarstarstar

Sabkuch peaceful thank you thank you very much sab kuchh bahut Sundar Hai sab kuchh peaceful hai


आकाश सोलंकी एवं समस्त परिवार

आकाश सोलंकी एवं समस्त परिवार

22 July, 2025

starstarstarstarstar

aap Sabhi pujniya Pandit Ji ko mere aur mere Parivar ki or se कोटि-कोटि Charan Sparsh Puja Karke Puja ki video Dekhkar Atma Ham logon ka bahut jyada prasann Hua aap Sabhi Brahman Pandit Ji ko dhanyvad Bhagwan Hamari samast manokamna purn Kare

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
7 May 2023
शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
4 May 2023

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

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श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

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