क्या आप अपने परिवार में सुख-समृद्धि और पोषण की कामना रखते हैं? अन्नपूर्णा स्तुति से पाएं माँ अन्नपूर्णा का आशीर्वाद – जानिए इसका पाठ और चमत्कारी लाभ।
अन्नपूर्णा स्तुति माता अन्नपूर्णा को समर्पित एक पवित्र प्रार्थना है, जो अन्न, समृद्धि और संतोष की देवी मानी जाती हैं। इस स्तुति का पाठ करने से घर में धन-धान्य और शांति बनी रहती है।
भारत की धार्मिक परंपरा में अन्न को ईश्वर का रूप माना गया है। जब हम अन्न की देवी की बात करते हैं, तो माँ अन्नपूर्णा का नाम सबसे पहले आता है। माँ अन्नपूर्णा को अन्न और भोजन देने वाली देवी कहा गया है। वे सभी जीवों को पोषण देती हैं और किसी को भूखा नहीं रहने देतीं। ऐसा विश्वास है कि जो भक्त सच्चे मन से माँ अन्नपूर्णा की पूजा करता है, उसके घर में कभी अन्न, धन और शांति की कमी नहीं होती। माँ की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी स्तुति का विशेष महत्व है। इस लेख में पढ़िए मां अन्नपूर्णा स्तुति, विधि एवं इस स्तुति के पाठ से होने वाले लाभ के बारे में...
नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी
निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी ।
प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥१॥
नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी
मुक्ताहारविलम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी ।
काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥२॥
योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मार्थनिष्ठाकरी
चन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी ।
सर्वैश्वर्यसमस्तवाञ्छितकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥३॥
कैलासाचलकन्दरालयकरी गौरी उमा शङ्करी
कौमारी निगमार्थगोचरकरी ओङ्कारबीजाक्षरी ।
मोक्षद्वारकपाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥४॥
दृश्यादृश्यविभूतिवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरी
लीलानाटकसूत्रभेदनकरी विज्ञानदीपाङ्कुरी ।
श्रीविश्वेशमनःप्रसादनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥५॥
उर्वीसर्वजनेश्वरी भगवती मातान्नपूर्णेश्वरी
वेणीनीलसमानकुन्तलहरी नित्यान्नदानेश्वरी ।
सर्वानन्दकरी सदा शुभकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥६॥
आदिक्षान्तसमस्तवर्णनकरी शम्भोस्त्रिभावाकरी
काश्मीरात्रिजलेश्वरी त्रिलहरी नित्याङ्कुरा शर्वरी ।
कामाकाङ्क्षकरी जनोदयकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥७॥
देवी सर्वविचित्ररत्नरचिता दाक्षायणी सुन्दरी
वामं स्वादुपयोधरप्रियकरी सौभाग्यमाहेश्वरी ।
भक्ताभीष्टकरी सदा शुभकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥८॥
चन्द्रार्कानलकोटिकोटिसदृशा चन्द्रांशुबिम्बाधरी
चन्द्रार्काग्निसमानकुन्तलधरी चन्द्रार्कवर्णेश्वरी ।
मालापुस्तकपाशासाङ्कुशधरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥९॥
क्षत्रत्राणकरी महाऽभयकरी माता कृपासागरी
साक्षान्मोक्षकरी सदा शिवकरी विश्वेश्वरश्रीधरी ।
दक्षाक्रन्दकरी निरामयकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥१०॥
अन्नपूर्णे सदापूर्णे शङ्करप्राणवल्लभे ।
ज्ञानवैराग्यसिद्ध्यर्थं भिक्षां देहि च पार्वति ॥११॥
माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वरः ।
बान्धवाः शिवभक्ताश्च स्वदेशो भुवनत्रयम् ॥
यदि आप माँ अन्नपूर्णा की कृपा पाना चाहते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में अन्न, धन और शांति चाहते हैं, तो इस विधि से स्तुति का पाठ करना श्रेष्ठ रहेगा:
माँ अन्नपूर्णा की कृपा से जीवन में अन्न की कमी नहीं रहती। जिनके घर में बार-बार आर्थिक तंगी या भोजन की कमी की स्थिति बनती है, उन्हें इसका पाठ अवश्य करना चाहिए।
जब माँ अन्नपूर्णा की स्तुति की जाती है, तो घर में पकने वाला भोजन भी एक तरह से प्रसाद बन जाता है। इससे भोजन करने वाले लोगों के मन और शरीर दोनों पर सकारात्मक असर होता है।
अन्न जब पर्याप्त और पवित्र होता है, तो परिवार में क्लेश, अशांति और मनमुटाव कम होता है। अन्नपूर्णा स्तुति परिवार में मेलजोल और शांति बनाए रखती है।
माँ की कृपा से पुराने कर्ज, आर्थिक बाधाएं और दरिद्रता का नाश होता है। इस स्तुति को विशेष रूप से अमावस्या, पूर्णिमा और नवरात्रि में करना अत्यधिक फलदायी होता है।
माँ अन्नपूर्णा के पाठ से मन में संतोष, भक्ति और ईश्वर के प्रति विश्वास की भावना प्रबल होती है, जो आज के समय में सबसे आवश्यक है।
जो लोग प्रतिदिन कमाने-खाने की स्थिति में हैं या जिन्हें रोज़ी-रोटी की चिंता सताती है, उनके लिए यह स्तुति अत्यंत उपयोगी है। ऐसी मान्यता है कि माँ की कृपा से भुखमरी की समस्या दूर होती है और भोजन की व्यवस्था स्वतः होने लगती है।
नियमित स्तुति पाठ करने से रसोईघर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे भोजन बनाना और खाना दोनों ही एक दिव्य अनुभव बन जाते हैं।
नवरात्रि, अन्नकूट, अन्नपूर्णा जयंती और व्रतों के दिनों में यह स्तुति करने से विशेष पुण्य मिलता है और जातक की मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।
माँ अन्नपूर्णा संतोष, श्रद्धा और समृद्धि की प्रतीक हैं। यदि आप जीवन में सुख-शांति, अन्न-धन की संपन्नता और आर्थिक स्थिरता चाहते हैं, तो माँ अन्नपूर्णा की स्तुति ज़रूर करें। हमारी कामना है कि माता अन्नपूर्णा का आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहे।
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