इस्कॉन मंदिर भोपाल
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इस्कॉन मंदिर भोपाल

क्या आप जानना चाहते हैं भोपाल इस्कॉन मंदिर कब जाएं? कहाँ है? क्या देखें? फोटो और पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें

इस्कॉन मंदिर भोपाल के बारे में

भोपाल का इस्कॉन मंदिर यशोदा के नंदलाल श्रीकृष्ण को समर्पित एक भव्य और अलौकिक धाम है, जहां दूर-दूर से भक्त उनके दर्शन के लिए आते हैं। यहां हर त्यौहार विशेष उल्लास और भक्ति के साथ मनाया जाता है, जिससे मंदिर का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो जाता है। अगर आप भी इस आध्यात्मिक रौनक और उत्सव की अनुभूति लेना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िए।

इस्कॉन मंदिर भोपाल मंदिर कहां है?

बाल गोपाल का प्रसिद्ध इस्कॉन भोपाल मंदिर रायसेन रोड पर एनआरआई कॉलेज के पास, पटेल नगर मध्य प्रदेश में स्थित है। यहां राधा‑गोविंदजी, गौरा‑निताई और जगन्नाथ‑भक्तिपाठ का आयोजन होता है और रोजाता कीर्तन, प्रवचन और आरती भी होती है। मंदिर में हजारों की संख्या में भक्तगण दर्शन करने आते हैं।

स्कॉन भोपाल मंदिर का इतिहास और महत्व

जानकारी के अनुसार, इस्कॉन भोपाल मंदिर का इतिहास काफी पुराना है और समय के साथ इस मंदिर का महत्व काफी बढ़ा है। यह मंदिर श्री श्री गौर राधा वल्लभ के पूजा स्थल के रूप में स्थापित हुआ था और आज यह भोपाल में भगवान श्री कृष्ण के भक्तों का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। मंदिर की स्थापत्य कला और वास्तु में समय-समय पर परिवर्तन किए गए हैं, जिससे इसकी भव्यता और आकर्षण और अधिक बढ़ गया है। इस मंदिर की सबसे प्रमुख वार्षिक परंपरा रथयात्रा है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2012 में हुई थी। तब से यह आयोजन हर वर्ष बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न होता है। यह रथयात्रा हजारों श्रद्धालुओं को एक साथ जोड़ती है। इसके अलावा, भोपाल में एक और भव्य इस्कॉन मंदिर के निर्माण होने जा रहा है, जिसकी हाल ही में आधारशिला रखी गई है। इस मंदिर में लगभग 70 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसकी 2028 तक बनकर तैयार होने की संभावना है। इसी के साथ इस्कॉन भोपाल मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। यहां नियमित रूप से कीर्तन, प्रवचन और रथयात्रा जैसे उत्सवों का आयोजन होता है, जो भक्ति भाव को जागृत करते हैं।

इस्कॉन भोपाल मंदिर का दर्शन और आरती का समय

मंदिर में दर्शन-आऱती का समय निर्धारित है। हालांकि, विशेष पर्व औऱ त्योहार पर यह समय बदल सकता है।

दर्शन का समय

  • सुबहः 4ः00 से रात 9ः00
  • दोपहर में साफ-सफाई के चलते कुछ देर के लिए मंदिर के कपाट बंद होते हैं।

आरती का समय

  • मंगल आरती: 4:30 बजे सुबह
  • शृंगार आरती: 7:30 बजे सुबह
  • राजभोग आरती: 12:30 बजे दोपहर
  • उत्थान आरती: 4:15 बजे शाम
  • संध्या आरती: 7:00 बजे रात

इस्कॉन भोपाल में मिलने वाला प्रसाद

इस्कॉन भोपाल मंदिर में भक्तों को शुद्ध, सात्विक और पूरी तरह शाकाहारी भोजन प्रसाद स्वरूप दिया जाता है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित किया जाता है। इस प्रसाद को विशेष महत्व देते हुए इसे महा-प्रसाद कहा जाता है। मंदिर परिसर में एक विशेष प्रसाद कक्ष भी मौजूद है, जहाँ श्रद्धालु शांति और भक्ति के साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।

यहां मनाए जाने वाले मुख्य त्यौहार

इस्कॉन भोपाल अपनी आध्यात्मिक शांति और दिव्यता के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। यहाँ वर्षभर अनेक धार्मिक त्योहार पूरे उत्साह और भक्ति भाव से मनाए जाते हैं। हर पर्व पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है और वातावरण भक्तिमय हो उठता है। इन पावन अवसरों पर श्रद्धा, रंग, कीर्तन और आनंद से पूरा परिसर गूंज उठता है।

  • कृष्ण जन्माष्टमीः भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को बहुत ही धूमधाम और भक्ति भाव से मनाया जाता है। रात 12 बजे विशेष आरती और झूला उत्सव होता है।

  • राधाष्टमीः राधारानी के जन्मदिन पर मंदिर को सुंदर फूलों से सजाया जाता है और भजन-कीर्तन के साथ विशेष पूजा होती है।

  • गौर पूर्णिमाः श्री चैतन्य महाप्रभु के प्रकट होने का दिन, जिसे भक्त प्रेम और भक्ति के साथ मनाते हैं। इस दिन संकीर्तन और प्रभु की महिमा का गुणगान होता है।

  • राम नवमीः भगवान श्रीराम के जन्मदिन पर विशेष आरती, कथा और भजन का आयोजन होता है।

  • गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूटः कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा बड़े श्रद्धा भाव से मनाई जाती है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की प्रतीक रूप में पूजा की जाती है। वहीं, अन्नकूट जिसमें विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग प्रभु को अर्पित किया जाता है, जिसे बाद में भक्तों में प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाता है।

विशेष आयोजन इन पावन अवसरों पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है, और भजन-कीर्तन, नृत्य, नाटिका जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इन दिनों मंदिर में भारी संख्या में भक्त आते हैं, जिससे वातावरण भक्तिभाव, आनंद और शांति से भर जाता है।

इस्कॉन मंदिर भोपाल मंदिर कैसे पहुंचे?

इस्कॉन भोपाल मंदिर, पटेल नगर (रायसेन रोड) में स्थित है और शहर के पूर्वी हिस्से से आसानी से पहुँचा जा सकता है। यहां पहुँचने के लिए आप कई साधनों का उपयोग कर सकते हैं, जो सड़क मार्ग हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है जहां सुविधाजनक और सरल तरीके से पहुंचा जा सकता है।

  • टैक्सी या ऑटो रिक्शा: भोपाल शहर के किसी भी हिस्से से आप आसानी से टैक्सी या ऑटो रिक्शा लेकर सीधे मंदिर पहुँच सकते हैं। हालांकि, यह विकल्प विशेष रूप से तब सुविधाजनक होता है जब आपके साथ सामान हो या आप आरामदायक यात्रा करना चाहें।
  • बस सेवा: मंदिर तक पहंुचने के लिए शहर में चलने वाली लोकल बसें मंदिर के पास के स्टॉप तक जाती हैं। हालांकि, बस से आने पर आपको अंतिम कुछ दूरी पैदल तय करनी पड़ सकती है।
  • मेट्रो: मंदिर तक पहुंचने के लिए मेट्रो सेवा का उपयोग भी किया जा सकता है। नजदीकी मेट्रो स्टेशन से उतरकर आप टैक्सी या ऑटो से मंदिर आसानी स पहुँच सकते हैं।
  • निजी वाहन: अगर आप अपने वाहन से आना चाहें तो मंदिर तक ड्राइव करना आसान है। यहाँ पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे यात्रा और भी आरामदायक बन जाती है। हर माध्यम से मंदिर तक पहुँचना सुविधाजनक और सुगम है, जिससे श्रद्धालु आसानी से दर्शन का लाभ ले सकते हैं।
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Published by Sri Mandir·July 11, 2025

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