क्या आप यमराज की कृपा से अकाल मृत्यु और पितृ दोष से मुक्ति चाहते हैं? जानिए यमदेव को प्रसन्न करने के सरल उपाय, पूजन विधि और उनके पीछे का आध्यात्मिक रहस्य।
कई लोगों को पितृ दोष होता है, जिसके कारण उन्हें जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे आर्थिक संकट, वैवाहिक समस्याएं और संतान सुख में बाधा आदि। तो अगर आप पितृ दोष से परेशान हैं और उससे मुक्ति पाना चाहते हैं, तो यमराज को प्रसन्न करना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे में यमराज को क्या और कौन सी वस्तुएं चढ़ाना चाहिए, जिससे पितृ दोष का निवारष हो सके तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें और जानें सब कुछ।
शास्त्रों के अनुसार, पितृ दोष एक सूक्ष्म, लेकिन गंभीर ज्योतिषीय समस्या मानी जाती है, जिसका प्रभाव जीवन के कई क्षेत्रों में देखने को मिलता है। यदि समय रहते इसका निवारण न किया जाए तो यह ज्यादा परेशान करती है। ऐसे में यदि यमराज को श्रद्धा और विधिपूर्वक कुछ विशेष चीदें चढ़ाई जाएं तो इससे पितृ दोष को शांत किया जा सकता है। इसके साथ ही जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी प्राप्त होती है। तो आइए जानतें हैं पितृ दोष के लिए यमराज को क्या चढ़ाना चाहिए।
काले तिल का तर्पणः काले तिल यमराज को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं। पितृ पक्ष या अमावस्या के दिन जल में काले तिल मिलाकर तर्पण करना श्रेष्ठ उपाय माना गया है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और पितृ दोष का असर धीरे-धीरे कम होता है।
दक्षिण दिशा में दीपक जलानाः यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी हैं। इस दिशा में तिल के तेल का दीपक जलाकर एक सूती बाती से दीपदान करना अत्यंत शुभ होता है। जानाकारी अनुुसर, इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वे आशीर्वाद देते हैं।
ब्राह्मण को दानः यमराज की कृपा प्राप्त करने के लिए ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान देना चाहिए। इससे पितृ दोष कम होता है।
श्राद्ध और पिंडदान करनाः पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध एवं पिंडदान अनिवार्य माने जाते हैं। पिंडदान के समय जौ, चावल, काले तिल और गाय का दूध मिलाकर अर्पण करने से पितरों की तृप्ति होती है।
तिल का तेलः यमराज को तिल का तेल का दीपक चढ़ाया जाता है। ऐसे में दक्षिण दिशा में तिल के तेल का दीपक जलाकर पूजा करें। इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।
पीपल की पूजाः पीपल वृक्ष की पूजा यमराज और पितरों दोनों को प्रसन्न करती है। ऐसे मे पितृ दोष के निवारण हेतू शनिवार और अमावस्या को पीपल देव को जल जरूर अर्पित करना चाहिए।
गौ सेवा और दान-पुण्यः गाय को भोजन कराना, ब्राह्मण को अन्न-जल और वस्त्र दान करना यह यमराज को प्रसन्न करने का एक और श्रेष्ठ उपाय है। इससे पितरों को पुण्य प्राप्त होता है और वे वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए यमराज को जो वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं, वे विशेष धार्मिक महत्व रखती हैं। यमराज को प्रसन्न करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। यदि आप इन सामग्री को सही विधि से अर्पित करते हैं, तो न केवल पितृ दोष दूर होता है बल्कि जीवन में सुख और शांति भी आथी है।
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