क्या आप राधा रानी की भक्ति और प्रेम की शक्ति पाना चाहते हैं? जानिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए क्या-क्या चढ़ाएं और राधा पूजा की सही विधि व महत्व।
राधा रानी का नाम लेते ही हृदय में सच्चे प्रेम का भाव जागृत होता है। यदि आप अपने जीवन में सच्चा प्रेम, अच्छा और सच्चा जीवनसाथी या वैवाहिक सुख की कामना करते हैं तो राधा रानी को अर्पित ये छोटे-छोटे उपाय आपके काम आ सकते हैं। तो आइए जानते हैं वे कौन-कौन सी विशेष वस्तुएं हैं जो अर्पण करने से श्रीकृणण की प्रिय राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त हो। हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें औऱ जानिए सब कुछ।
हमें औरन की परवाह नहीं, अपनी ठकुरानी श्री राधिका रानी। इस गीत की पंक्ति श्री कृष्ण की प्रिय राधा रानी की भक्ति और प्रेम को बहुत गहराई से दर्शाती है। वहीं, राधा रानी को प्रेम, भक्ति और समर्पण की मूर्ति माना जाता है। वे भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रिय और उनकी शक्ति का स्वरूप हैं।
राधा अष्टमी, उनका जन्मोत्सव, प्रेम और वैवाहिक सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत पावन दिन माना गया है। इस दिन श्रद्धा से व्रत, पूजन और विशेष उपाय करने से मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त हो सकता है तथा विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं। तो आइए जानते हैं प्रेम की प्राप्ति के लिए राधा रानी को क्या चढ़ाएं।
चढ़ाएं गुलाब का फूलः यदि किसी कन्या का विवाह बार-बार रुक रहा हो तो राधा अष्टमी के दिन गुलाब के फूल राधा रानी को चढ़ाएं। इसके साथ ही ॐ ह्रीं श्री राधिकायै नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं और योग्य वर की प्राप्ति होती है और राधा रानी भी प्रसनिन होती हैं।
भोजपत्र और चंदन की स्याहीः यदि कोई युवक या युवती अपनी पसंद के जीवनसाथी से विवाह करना चाहता हो तो भोजपत्र पर चंदन की स्याही से अपने प्रिय का नाम लिखें। फिर उस भोजपत्र को राधा-कृष्ण के मंदिर में अर्पित करें। यह उपाय प्रेम विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करता है और संबंधों को सकारात्मक दिशा देता है।
मालपुए या रबड़ी का भोगः दांपत्य जीवन में मिठास बढ़ाने और पति-पत्नी के बीच प्रेम को प्रगाढ़ करने के लिए राधा रानी और श्रीकृष्ण को मालपुए या रबड़ी का भोग अर्पित करें। यह भोग दोनों के बीच आत्मिक प्रेम को मजबूत करता है और वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाता है।
कुमकुम, हल्दी और वैजयंती पुष्पः राधा अष्टमी के दिन स्त्रियों को राधा रानी को कुमकुम, हल्दी, अक्षत और वैजयंती का फूल अर्पित करना चाहिए। यह पूजा स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद देती है और घर में सुख-शांति बनाए रखती है।
विवाह में बाधा दूर करने के लिएः राधाष्टमी के दिन गुप्त रूप से तिल का दान करना बहुत शुभ माना गया है। यह दान प्रेम में बाधा को शांत करता है। इसके अलावा उड़द की दाल, काले कपड़े, लोहे की वस्तुएं आदि का दान भी कर सकते हैं। इन चीजों का दान करने से कुंडली में स्थित दोषों का निवारण होता है और विवाह में आने वाली समस्याएं कम होती हैं।
राधा अष्टमी का व्रत करने से राधा रानी के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण की भी कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत प्रेम, विवाह और वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी इच्छाओं की पूर्ति में सहायक माना गया है। इस दिन व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए संयम, सेवा और साधना में लीन रहना चाहिए।
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