30 दिसंबर 2025 को क्या है?
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30 दिसंबर 2025 को क्या है?

जानिए इस दिन की षष्ठी तिथि, पंचांग, नक्षत्र, शुभ-अशुभ समय, योग, करिणा और इस दिन के धार्मिक व ज्योतिषीय महत्व से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी।

आज के दिन के बारे में

30 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक आस्था के लिए **शांत और शुभ** माना जाता है। इस तिथि पर की गई पूजा, ध्यान और दान को विशेष फलदायी बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन की आध्यात्मिक साधना घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है और जीवन में स्थिरता तथा सौभाग्य बढ़ाती है। भक्तजन अपनी क्षमता अनुसार पूजा-व्रत करके आने वाले समय के लिए मंगलकामनाएँ करते हैं।

30 दिसंबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 30 दिसंबर 2025 को कौन-से व्रत, त्योहार और शुभ योग बन रहे हैं? 30 दिसंबर 2025, मंगलवार का दिन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। यह दिन पौष मास, हेमंत ऋतु और दक्षिणायन का महत्वपूर्ण समय है। इस दिन पड़ने वाली पौष पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति इस दिन को आध्यात्मिक रूप से विशेष बनाती है।

पंचांग विवरण

  • तिथि: शुक्ल पक्ष दशमी – सुबह 7:52 AM तक
  • नक्षत्र: भरणी – रात 3:59 AM तक
  • योग: सिद्ध – रात 1:02 AM तक
  • करण: गर – सुबह 7:50 AM तक
  • वार: मंगलवार
  • मास (अमांत): पौष
  • मास (पूर्णिमांत): पौष
  • विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
  • शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
  • सूर्य राशि: धनु
  • चंद्र राशि: मेष
  • ऋतु: हेमंत
  • अयन: दक्षिणायन
  • दिशाशूल: उत्तर दिशा
  • चंद्र की दिशा: पूर्व

त्योहार व पर्व

पौष पुत्रदा एकादशी

30 दिसंबर 2025 को पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। यह एकादशी विशेष रूप से संतान की प्राप्ति तथा उनके सुखी और दीर्घायु जीवन के लिए व्रत रखने का दिन है। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा का विशेष महत्व है। इस व्रत को रखने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन किया गया व्रत संतान सुख और परिवार की उन्नति में सहायक होता है।

शुभ–अशुभ समय

  • शुभ मुहूर्त: 11:40 AM से 12:22 PM
  • राहुकाल: 2:40 PM से 4:00 PM
  • गुलिक काल: 12:01 PM से 1:21 PM
  • यमघंट काल: 9:23 AM से 10:42 AM

सूर्य और चंद्र विवरण

  • सूर्योदय: 6:44 AM
  • सूर्यास्त: 5:19 PM
  • चंद्रोदय: 1:17 PM
  • चंद्रास्त: 2:03 AM

पूजा-व्रत विधि

  • प्रातः स्नान कर स्वच्छ व्रत–वस्त्र धारण करें।

  • विष्णु भगवान का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।

  • भगवान विष्णु को तुलसी दल, पीला पुष्प, धूप–दीप और नैवेद्य अर्पित करें।

  • एकादशी व्रत में फलाहार या निर्जला उपवास रखा जा सकता है।

  • "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप शुभ माना जाता है।

  • रात में हरि वासर तक जागरण करना पुण्यकारी माना गया है।

निष्कर्ष

30 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। यह व्रत संतान प्राप्ति, परिवार की उन्नति और मनोकामना पूर्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। मंगलवार के दिन विष्णु पूजा, दान और उपवास करने से विशेष लाभ मिलता है। यह दिन आध्यात्मिक शांति और दिव्यता प्राप्त करने के लिए उत्तम है।

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Published by Sri Mandir·December 12, 2025

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