10 सितंबर 2025 को क्या है?
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10 सितंबर 2025 को क्या है?

10 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, आश्विन कृष्ण तृतीया, तृतीया श्राद्ध और गौरी तृतीया व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

आज के दिन के बारे में

10 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। इस दिन पड़ने वाले व्रत और त्योहार आस्था को गहरा करने वाले होंगे, साथ ही इनके पीछे की पौराणिक कथाएं भी प्रेरणादायक हैं। शुभ मुहूर्त और योग इस दिन की विशेषता को और बढ़ा देंगे। इस लेख में जानिए 10 सितंबर 2025 से जुड़ी पूरी और खास जानकारी, जो इस दिन को आपके लिए खास बनाती है।

10 सितंबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 10 सितंबर 2025 को कौन-सा व्रत और त्योहार है तथा यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों खास है?

10 सितंबर 2025 बुधवार का दिन है और यह अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस दिन तृतीया श्राद्ध और चतुर्थी श्राद्ध मनाया जाएगा। पितृ पक्ष में यह दिन उन पितरों के श्राद्ध के लिए विशेष माना जाता है जिनका देहांत तृतीया तिथि को हुआ था।

पंचांग विवरण

  • तिथि प्रारंभ: तृतीया तिथि – 9 सितंबर को सुबह 8:58 बजे से प्रारंभ

  • तिथि समाप्त: 10 सितंबर को सुबह 9:31 बजे तक

  • नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद – सुबह 10:32 बजे तक, इसके बाद रेवती नक्षत्र

  • योग: शूल – सुबह 7:11 बजे तक, इसके बाद गंड योग

  • करण: वणिज – प्रातः 7:57 बजे तक, इसके बाद विष्टि करण

  • वार: बुधवार (भगवान गणेश का दिन)

तृतीया एवं चतुर्थी श्राद्ध का महत्व

पितृ पक्ष में तृतीया और चतुर्थी श्राद्ध का विशेष महत्व है। तृतीया तिथि को श्राद्ध करने से वे पितर तृप्त होते हैं जिनका निधन इसी तिथि को हुआ हो, साथ ही परिवार में सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है। चतुर्थी श्राद्ध विशेष रूप से उन पितरों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु चतुर्थी तिथि को हुई हो। इन दोनों दिनों में श्रद्धा भाव से तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मण भोजन और दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। मान्यता है कि तृतीया और चतुर्थी श्राद्ध करने से पितर प्रसन्न होकर वंशजों को आशीर्वाद देते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

श्राद्ध विधि

  • प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।

  • पितरों का ध्यान कर तिल, पुष्प और जल से तर्पण करें।

  • कुशासन पर दक्षिणाभिमुख बैठकर पिंडदान करें।

  • ब्राह्मण को भोजन कराएं और वस्त्र तथा दान दें।

  • गौ, कौवे, कुत्ते और चींटियों को भोजन अर्पित करें।

शुभ-अशुभ समय

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:31 AM से 12:19 PM

  • राहुकाल: 12:22 PM से 1:56 PM

  • गुलिक काल: 9:49 AM से 11:22 AM

  • यमघंट काल: 7:15 AM से 8:49 AM

सूर्योदय और सूर्यास्त

  • सूर्योदय: 5:42 AM

  • सूर्यास्त: 6:07 PM

  • चंद्रोदय: 8:04 PM

  • चंद्रास्त: 8:31 AM

ग्रह और राशि

  • सूर्य राशि: सिंह

  • चंद्र राशि: मीन

  • दिशाशूल: उत्तर दिशा

  • ऋतु: वर्षा

  • अयन: दक्षिणायन

निष्कर्ष

10 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत खास है क्योंकि इस दिन तृतीया श्राद्ध किया जाएगा। पितरों की तृप्ति और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए श्राद्ध, तर्पण और दान करना इस दिन विशेष पुण्यकारी माना जाता है।

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Published by Sri Mandir·September 9, 2025

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