पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माँ पार्वती की कृपा से जब गणेश जी का प्राकट्य हुआ। तब बुध ग्रह के स्वामी बुधदेव वहीं विराजमान थे। गणेश जी के तेज और गुणों को देखकर उन्होंने बुधग्रह का स्वामी दिन बुधवार उन्हें समर्पित कर दिया।
यही कारण है कि बुधवार के दिन बुद्धिदाता गणपति की आराधना का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश के प्रिय चढ़ावा का अर्पण करने से उनकी विशेष कृपा बरसती है।
चिंतामन गणेश मंदिर में चढ़ावा क्यों करें?
यह मंदिर सदियों से चिंतामुक्ति एवं मनोकामनापूर्ति तीर्थ के नाम से विश्व विख्यात है. मान्यतानुसार माँ सीता ने वनवास के दौरान यहीं विश्राम किया था।
सेवा प्रक्रिया
बुधवार के दिन चिंतामन गणेश मंदिर के पुरोहित जी आपके नाम से मंदिर गर्भगृह में मुख्य प्रतिमा के सामने चढ़ावा अर्पित करेंगे। जिसका वीडियो प्रमाण आपको चढ़ावा होने के बाद 24-48 घंटों में ऐप पर प्राप्त होगा।