कूर्मा जयंती की शुभकामनाएं
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

कूर्मा जयंती की शुभकामनाएं

कूर्मा जयंती पर भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की पूजा करें और अपनों को भेजें शुभकामनाएं। यहां पाएं कूर्मा जयंती की शुभकामनाएं हिंदी में।

कूर्म जयंती के बारे में

जब-जब धर्म संकट में पड़ता है, जब-जब असुरों का अभिमान देवताओं की आस्था को चुनौती देता है, तब-तब भगवान विष्णु किसी ना किसी रूप में अवतरित होकर इस सृष्टि को संतुलित करते हैं। उनके दशावतारों में से एक अत्यंत विलक्षण और कम चर्चित अवतार है कूर्म अवतार, जो सृष्टि के संतुलन का मौन लेकिन विराट प्रतीक है।

कूर्म जयंती क्या है?

कूर्म जयंती, वही पुण्य तिथि है, जब भगवान विष्णु ने कच्छप (कछुआ) का रूप धारण कर समुद्र मंथन में मंदराचल पर्वत को अपने पीठ पर स्थिर रखा। यह घटना न केवल सृष्टि के संतुलन का परिचायक है, बल्कि यह भी सिखाती है कि ‘वो’ जो सबसे शांत दिखता है, वही सबसे बड़ा धैर्यवान योद्धा होता है। वर्ष 2026 में कूर्म जयंती 1 मई को मनाई जाएगी।

कूर्म अवतार की कथा

सत्ययुग में जब देवता और असुर अमृत पाने के लिए समुद्र मंथन के लिए एकजुट हुए, तो मंदराचल पर्वत को मथनी बनाया गया। लेकिन वह भारी पर्वत समुद्र में डूबने लगा। न देवताओं की शक्ति उसे संभाल सकी, न असुरों की चतुराई। तब भगवान विष्णु ने कच्छप का रूप धारण कर पर्वत को अपनी पीठ पर स्थिर किया। यह एक शक्ति और समर्पण का अद्भुत उदाहरण है। इस अवतार के बिना समुद्र मंथन संभव नहीं था, और न ही अमृत की प्राप्ति।

कूर्म जयंती का आध्यात्मिक महत्व

धैर्य का प्रतीक: कूर्म अवतार जीवन में धैर्य और संतुलन का गहरा संदेश देता है। संकल्प शक्ति: पर्वत जैसी समस्याओं को अपनी पीठ पर उठा लेना एक असाधारण संकल्प का उदाहरण है।

भक्तों के लिए मार्गदर्शक: जो अपने जीवन में विषम परिस्थितियों से गुजर रहे हैं, उन्हें यह अवतार यह सिखाता है कि शांति और स्थिरता के साथ हर समस्या का समाधान हो सकता है।

पूजा विधि एवं उपवास

1. सुबह जल्दी उठकर स्नान कर संकल्प लें।

2. भगवान कूर्म की प्रतिमा या चित्र पर जल, अक्षत, पुष्प, चंदन, धूप-दीप से पूजा करें।

3. ‘ॐ नमो भगवते कूर्माय नमः’ मंत्र का जाप करें।

4. व्रत रखकर विष्णु सहस्त्रनाम, नारायण कवच, या श्रीसूक्त का पाठ करें।

5. दीन-दुखियों को अन्न, वस्त्र, जल आदि दान करें।

कूर्म जयंती की दिव्य शुभकामनाएं

1. कूर्म रूप में विष्णु भगवान आए, पर्वत को पीठ पर उठाए।

धर्म की स्थिरता फिर लौटी, कूर्म जयंती सुख समृद्धि लाए।

2. जब मंदराचल डोल चला, तब प्रभु ने पीठ बनाई धरा।

कूर्म जयंती पर करे जो प्रार्थना, पाएं जीवन में शुभ विचार।

3. कछुए का अवतार लेकर जब प्रभु ने धर्म बचाया,

कूर्म जयंती पर उसी बलिदान को हमने अपनाया।

4. पीठ पर सृष्टि का भार, कूर्म भगवान का अवतार।

विनम्रता, स्थिरता और शांति – यही उनका उपहार।

5. कच्छप की चाल धीमी सही, पर धैर्य की गहराई है वही।

कूर्म जयंती पर सिख लें हम, सयंम और सहनशीलता में ही विजय है छिपी।

6. जब कोई हल न दिखे संसार में,

स्मरण करें कूर्म अवतार में।

धैर्य और समर्पण की हो जय-जयकार,

शुभ हो कूर्म जयंती बारंबार।

7. कूर्म अवतार की गाथा निराली,

धरती पर पुनः छाया उजियाली।

जिन्होंने धारण किया मंदराचल का भार,

उन प्रभु को कोटि कोटि नमस्कार।

8. कूर्म जयंती की यह शुभ बेला,

हर मन में भक्ति की रेला।

विष्णु कृपा से हों सिद्ध सभी काम,

जीवन में सदा बना रहे उनका नाम।

9. धैर्य की परिभाषा बनें जो,

विष्णु भगवान हैं वो।

कूर्म जयंती का पर्व हमें सिखाए,

हर तूफान को कैसे सह जाए।

10. सृष्टि की पीठ बने भगवान,

कूर्म अवतार हैं अद्भुत महान।

इस जयंती पर करें हम व्रत,

जीवन को बनाएं मंगलमय नित्य।

11. कूर्म अवतार का संदेश है महान,

धैर्य रखो, होगा कल्याण।

12. जो पर्वत को संभालते हैं पीठ पर,

वो ही पालनहार हैं हर युग में।

13. संकट में जब लगे दिशा नहीं मिलती,

कूर्म अवतार की कथा से प्रेरणा लें।

14. कूर्म जयंती के दिन प्रभु विष्णु को स्मरण करें,

जीवन में संतुलन और स्थिरता लाएं।

15. शांति की खोज में जो भटके हैं,

उन्हें कूर्म जयंती मार्ग दिखाए।

16. विष्णु के कूर्म अवतार से मिले नई दृष्टि,

भक्ति और बल का अनोखा समन्वय।

17. कूर्म भगवान की भक्ति से हटते हैं अवरोध,

हर कार्य में मिलता है शुभ आरंभ।

18. सागर का मंथन जीवन की परीक्षा है,

कूर्म जयंती उस परीक्षा को पार करने की प्रेरणा है।

19. जो अपने कंधों पर धर्म उठाते हैं,

वो ही युगों तक पूजे जाते हैं।

20. कूर्म जयंती के शुभ अवसर पर,

आपके जीवन में सुख, स्वास्थ्य और सफलता की वर्षा हो।

21. कच्छप रूप में जो धारण करें सृष्टि का भार,

उन्हीं विष्णु भगवान को कोटि-कोटि नमस्कार।

निष्कर्ष

कूर्म जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक जागरण का पर्व है। यह हमें जीवन में धैर्य, समर्पण और आंतरिक शक्ति की आवश्यकता का बोध कराता है। जब जीवन में भारी मंदराचल आ जाएं, तो भगवान कूर्म की तरह उन्हें स्थिरता से उठाने का संकल्प ही सच्चा धर्म है।

divider
Published by Sri Mandir·May 23, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:
Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102
Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.