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राम लक्ष्मण द्वादशी 2025

राम लक्ष्मण द्वादशी 2025 के दिन करें श्रीराम और लक्ष्मण की विधिपूर्वक पूजा। जानें व्रत का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त धार्मिक लाभ के लिए जरूर पढ़ें।

राम लक्ष्मण द्वादशी के बारे में

राम लक्ष्मण द्वादशी एक पावन हिंदू पर्व है, जो भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को समर्पित है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और श्रीराम-लक्ष्मण की पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं। यह दिन पुण्यदायी होता है।

राम लक्ष्मण द्वादशी 2025

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को राम लक्ष्मण द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। इस विशेष दिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम व शेषनाग के अवतार श्री लक्ष्मण की विधिवत् पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन भगवान गोविंद विट्ठलनाथजी की भी उपासना करने का विधान है।

राम लक्ष्मण द्वादशी कब है?

  • राम लक्ष्मण द्वादशी ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर मनाई जाएगी।
  • साल 2025 में ये तिथि 07 जून, शनिवार को पड़ रही है।
  • द्वादशी तिथि का प्रारंभ 07 जून 2025 को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर होगा।
  • और वहीं द्वादशी तिथि का समापन 08 जून 2025 को सुबह 07 बजकर 17 मिनट पर होगा।

इस दिन के अन्य शुभ मुहूर्त

मुहूर्तसमय
ब्रह्म मुहूर्त  03:44 ए एम से 04:26 ए एम तक
प्रातः सन्ध्या  04:05 ए एम से 05:07 ए एम तक
अभिजित मुहूर्त  11:30 ए एम से 12:24 पी एम तक
विजय मुहूर्त  02:14 पी एम से 03:08 पी एम तक
गोधूलि मुहूर्त  06:46 पी एम से 07:06 पी एम तक
सायाह्न सन्ध्या  06:47 पी एम से 07:49 पी एम तक
अमृत काल  02:47 ए एम, जून 08 से 04:35 ए एम, जून 08 तक
निशिता मुहूर्त  11:36 पी एम से 12:18 ए एम, जून 08 तक

विशेष योग

मुहूर्तसमय
द्विपुष्कर योग  05:07 ए एम से 09:40 ए एम तक
सर्वार्थ सिद्धि योग  09:40 ए एम से 05:07 ए एम, जून 08 तक

राम लक्ष्मण द्वादशी को चंपक द्वादशी क्यों कहा जाता है?

राम लक्ष्मण द्वादशी के अवसर पर भगवान गोविंद विट्ठलनाथजी यानि श्रीकृष्ण की भी उपासना की जाती है। भगवान कृष्ण को चंपा के पुष्प अति प्रिय हैं, इसलिए इस विशेष दिन उनके पूजन व श्रृंगार में चंपा के फूलों का प्रयोग किया जाता है। यही कारण है कि राम लक्ष्मण द्वादशी को चंपक द्वादशी भी कहा जाता है।

राम लक्ष्मण द्वादशी का महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि जितना महत्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी, अर्थात् निर्जला एकादशी का है, उतना ही महत्वपूर्ण राम लक्ष्मण द्वादशी भी है। यह दिन इस लिए भी विशेष माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान राम, लक्ष्मण और श्री कृष्ण तीनों की ही एक साथ उपासना की जाती है। इस अवसर पा भक्त भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम, शेषनाग के अवतार श्री लक्ष्मण एवं श्रीगोविंद विट्ठलनाथजी की प्रतिमा की विधि विधान से पूजा करते हैं।

राम लक्ष्मण द्वादशी को लेकर एक मान्यता ऐसी भी है, कि त्रेता युग में महाराज दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए इसी द्वादशी तिथि का व्रत किया था, जिसके प्रभाव के कारण ही उन्हें राम लक्ष्मण जैसी संतानों की प्राप्ति हुई थी।

राम लक्ष्मण द्वादशी के लाभ

  • ऐसी माना जाता है कि चंपक द्वादशी के दिन चंपा के फूलों से भगवान श्री कृष्ण की पूजा व विधिवत् श्रृंगार करने से जातक को मृत्यु के पश्चात् मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • इस अवसर पर सच्चे मन से राम, लक्ष्मण व कृष्ण की उपासना करने से व्यक्ति की सभी प्मनोकामनायें पूर्ण होती हैं।
  • राम लक्ष्मण द्वादशी तिथि पर व्रत रखने और तीनों देवों के दर्शन मात्र से ही समस्त पाप नष्ट होते हैं, और जीवन में सुख समृद्धि आती है।

राम लक्ष्मण द्वादशी के अनुष्ठान

  • राम लक्ष्मण द्वादशी के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, और राम, लक्ष्मण व श्री कृष्ण का ध्यान करें।
  • यदि संभव हो तो इस दिन उपवास रखने का संकल्प लें
  • अब किसी मंदिर या घर के पूजास्थल पर जाकर भगवान कृष्ण और राम-लक्ष्मण की विधिवत् पूजा करें।
  • पूजा की थाल में कुमकुम, चंदन, चावल, धूप व दीपक आदि रखें। इसके पश्चात् दीपक जलाकर भगवान को चंपा के पुष्प की माला पहनाएं और मस्तक पर चंदन का टीका लगायें।
  • भोग के रूप में सभी देवों को पंचामृत व फल अर्पित करें।

तो भक्तों ये तो थी राम लक्ष्मण द्वादशी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी। हमारी कामना है कि इस अवसर पर आपकी आराधना सफल हो और आप पर भगवान राम, लक्ष्मण, श्री कृष्ण तीनों की कृपा सदैव बनी रहे। ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए श्री मंदिर पर।

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Published by Sri Mandir·May 28, 2025

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