राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह देशभर में अपनी विशेष मान्यता और आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्रतिदिन देश-विदेश से श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं। खासतौर पर फाल्गुन माह में आयोजित होने वाला खाटू श्याम का लक्खी मेला एक अद्वितीय अनुभव होता है, जिसे लोग श्रद्धा और आस्था से पूरा करने आते हैं।
इस वर्ष, फाल्गुन महीने में 12 मार्च 2024 को यह मेला आरंभ होगा, जो श्रद्धालुओं को खाटू श्याम के साथ एक आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाएगा। इस मेले में बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से आएंगे, जो अपने जीवन के समस्त सुख, शांति और समृद्धि की कामना लेकर बाबा के चरणों में माथा टेकने पहुंचते हैं।
इस वर्ष, खाटू श्याम का प्रसिद्ध लक्खी मेला 28 फरवरी से शुरू होकर 11 मार्च 2025 तक चलेगा। इस मेले के दौरान, श्रद्धालु अपने दिल की हर इच्छा लेकर बाबा के दर पर आते हैं। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारस तिथि को विशेष रूप से मान्यता प्राप्त है, क्योंकि यह तिथि बाबा श्याम से जुड़े एक महत्वपूर्ण धार्मिक घटना की स्मृति में है। इस दौरान श्रद्धालुओं को विशेष पुण्य लाभ प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, खाटू श्याम ग्यारस का विशेष महत्व है। यह दिन उस ऐतिहासिक घटना की याद दिलाता है, जब बर्बरीक ने भगवान श्री कृष्ण को अपना सिर अर्पित किया था। बर्बरीक, महाभारत के एक महान योद्धा और भगवान शिव के भक्त थे। जब श्री कृष्ण ने बर्बरीक से महाभारत के युद्ध को देखने का अनुरोध किया, तो बर्बरीक ने बिना किसी संकोच के अपने सिर को दान में दे दिया। इस महान बलिदान के कारण, बर्बरीक को ‘श्याम’ के नाम से जाना गया और वे भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए कलियुग में पूजे जाएंगे। यही कारण है कि खाटू श्याम का मेला श्रद्धा और आस्था से भरा होता है।
खाटू श्याम ग्यारस का दिन न केवल एक ऐतिहासिक घटना को याद करता है, बल्कि यह दिन भक्तों के लिए एक अत्यधिक पवित्र अवसर होता है। मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन खाटू श्याम के दर्शन करता है, बाबा श्याम उसकी सारी इच्छाएं पूरी करते हैं। यहां तक कि माना जाता है कि बाबा श्याम अपनी कृपा से भक्तों की हर समस्या को दूर कर देते हैं। लक्खी मेले के दौरान खाटू श्याम नगरी पूरी तरह से बाबा श्याम के रंग में रंगी रहती है, और श्रद्धालु बाबा की भक्ति में मग्न रहते हैं
फाल्गुन लक्खी मेले के दौरान खाटू श्याम मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और जागरण जैसे धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया जाता है। इन आयोजनों में भक्त बाबा श्याम के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा अर्पित करते हैं। मेले में एक विशेष जुलूस भी निकाला जाता है, जिसमें खाटू श्याम जी की भव्य मूर्ति को रथ पर सजाकर गांव के चारों ओर घुमाया जाता है। इस दौरान, भक्तजन जोश और उमंग के साथ ‘जय श्याम’ के नारे लगाते हैं और पूरे क्षेत्र को बाबा श्याम की भक्ति में सराबोर कर देते हैं।
खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में स्थित है। अगर आप इस स्थान की यात्रा करने का मन बना रहे हैं, तो सबसे पहले जयपुर पहुंचने का विचार करें। जयपुर से खाटू श्याम मंदिर तक जाने के लिए कई साधन उपलब्ध हैं। आप यहां से प्राइवेट कैब ले सकते हैं, या फिर विभिन्न बसों की सेवाएं भी उपलब्ध हैं जो सीधे मंदिर तक पहुंचाती हैं। अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं, तो खाटू श्याम मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन रिंगस है, जो खाटू श्याम मंदिर से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रिंगस स्टेशन से आप आसानी से ऑटो या टैक्सी लेकर खाटू श्याम मंदिर पहुंच सकते हैं।
यह यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा होती है, बल्कि यह आपके जीवन में शांति और सुख के साथ-साथ एक अविस्मरणीय अनुभव भी बन जाती है। खाटू श्याम के दर्शन से जो आशीर्वाद मिलता है, वह जीवन को एक नई दिशा देता है और भक्त को अपनी सच्ची आस्था और भक्ति से जोड़ता है। ऐसे ही अन्य सभी धार्मिक उत्सवों और महोत्सवों से संबंधित जानकारी के लिए श्री मंदिर से जुड़े रहें।
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