होली भाई दूज का महत्व

होली भाई दूज का महत्व

जाननें के लिए पढ़ें


होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj)

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज या भ्राता द्वितीया के नाम से जाना जाता है। ये भाई-बहन के प्रेम को दर्शाता एक बेहद ही खूबसूरत त्यौहार है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना के लिए पूजा व व्रत रखती हैं, और इसके बदले में भाई अपनी बहन को जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है। ये त्यौहार साल में दो बार मनाया जाता है। एक 'दिवाली' के बाद और दूसरा 'होली' के बाद

चलिए जानते हैं कि साल 2023 में होली के बाद भाई दूज कब मनाई जाएगी, एवं कब होंगे शुभ मुहूर्त

होली भाई दूज 2024 (Holi Bhai Dooj 2024 Dates)

साल 2024 में होली भाई दूज का पर्व 27 मार्च बुधवार को मनाया जाएगा। द्वितीया तिथि का प्रारम्भ 26 मार्च 2024 को दोपहर 02 बजकर 55 मिनट पर होगा और द्वितीया तिथि का समापन 27 मार्च 2024 को शमा 05 बजकर 06 मिनट पर होगा।

भाई दूज क्या है? (What Is Bhai Dooj)

कार्तिक में आने वाले भाई दूज की तरह ही 'होली भाई दूज' भी एक ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है। इस दिन बहनें अपने भाई के सुखमय जीवन के लिए कामना करती हैं, बदले में भाई उन्हें जीवन भर रक्षा करने का वचन देते हैं।

होली के बाद भाई दूज क्यों मनाई जाती है? (Why Holi Bhai Dooj Celebrated)

एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक भाई द्वितीया तिथि पर अपनी बहन के घर तिलक करवाने के लिए गया, परंतु रास्ते में उसे नदी, शेर व सांप आदि मिले जो उसके प्राण लेना चाहते थे। भाई ने उन सबको वचन दिया कि जब वो बहन के यहां से टीका लगवाकर वापस लौटेगा तो अपने प्राण दे देगा। ये वचन देने के बाद भाई अत्यंत दुखी था। जब बहन ने भाई के दुख का कारण जाना तो एक उपाय सुझाया, जिससे भाई के प्राणों की रक्षा हुई। इसके बाद भाई ने जीवन भर बहन की रक्षा करने का संकल्प लिया। भाई बहन के इसी अटूट बंधन, प्रेम और समर्पण को और प्रगाढ़ करने के लिए भाई दूज का ये पावन पर्व मनाया जाता है।

भाई दूज का महत्व क्या है? (Importance Of Bhai Dooj)

हिन्दू धर्म में कई सारे रीति रिवाज विद्यमान हैं, जिनका अपना अलग ही महत्व होता है। इनमें से भाईदूज एक ऐसा उत्सव है जो विशेष रूप से भाई-बहन के प्रेम को समर्पित होता है। इस दिन भाई और बहन के बीच प्रेम की भावना देखने को मिलती है। इस दिन विवाहित बहनें अपने भाई को भोजन के लिए अपने घर पर आमंत्रित करती है और अपने भाई को प्रेमपूर्वक भोजन कराती है। बहन अपने भाई को तिलक करती हैं और उनकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जिसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं। कहते हैं कि इस दिन जो कोई भी बहन विधि पूर्वक और शुभ मुहूर्त में अपने भाई का तिलक करती है और फिर पूजा आदि करती है उसके भाई के जीवन से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और उनकी उम्र लंबी होती है।

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?

समान लेख

thumbnail
गौरी हब्बा कब है?
गौरी हब्बा 2025 की तिथि, पूजन विधि, कर्नाटक की परंपराएं, व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त की सम्पूर्ण जानकारी। यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए विशेष फलदायक माना जाता है।
thumbnail
हरतालिका तीज 2025 कब है?
हरतालिका तीज 2025 की तिथि, पूजा विधि, व्रत कथा, नियम और शिव-पार्वती पूजन से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी जानें। यह व्रत सौभाग्य, प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है।
thumbnail
वराह जयंती 2025 कब है?
वराह जयंती 2025 की तिथि, पूजा विधि, वराह अवतार की कथा और व्रत से जुड़ी संपूर्ण जानकारी जानें। यह दिन धर्म की रक्षा और भगवान विष्णु के शक्तिशाली स्वरूप की आराधना का प्रतीक है।
thumbnail
चंद्र दर्शन 2025 कब है?
इस पवित्र अवसर पर चंद्रमा के दर्शन का महत्व और अनुष्ठान की जानकारी प्राप्त करें।
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook