right-arrow
राष्ट्रीय हिंदी दिवस 2025
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

राष्ट्रीय हिंदी दिवस 2025

क्या आप जानते हैं राष्ट्रीय हिंदी दिवस 2025 कब और क्यों मनाया जाता है? हिंदी भाषा के गौरव और महत्व को दर्शाने वाले इस दिन का इतिहास और उद्देश्य यहां पढ़ें।

राष्ट्रीय हिंदी दिवस के बारे में

राष्ट्रीय हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन हिंदी भाषा के महत्व को याद किया जाता है। संविधान सभा ने 1949 में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था। हिंदी हमारी एकता और संस्कृति की पहचान है।

राष्ट्रीय हिंदी दिवस

भारत में हिंदी सिर्फ एक आम बोलचाल की भाषा ही नहीं, बल्कि यहां की राजभाषा भी है, जिसके सम्मान में हम हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में ‘राष्ट्रीय हिंदी दिवस’ मनाते हैं। अब हिंदी दिवस के बारे में जानने से पहले हमें यह समझना होगा, कि आखिर क्यों हमें हिंदी के लिए किसी एक दिन को चुनना पड़ा? तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से, राष्ट्रीय हिंदी दिवस से जुड़ी सभी रोचक जानकारियां प्रदान करेंगे।

  • 73वाँ हिन्दी दिवस समारोह
  • 14 सितंबर 2025, रविवार

क्या है हिन्दी दिवस?

हिन्दी दिवस हर वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। इसी ऐतिहासिक अवसर को याद करते हुए पूरे देश में हिन्दी दिवस मनाया जाता है।

हिंदी दिवस का इतिहास

भारत की आज़ादी के दो साल बाद यानी कि साल 1949 में, हिंदी को भाषा के रूप में मान्यता दी गयी और देवनागरी लिपि में लिखी गई एक इंडो-आर्यन भाषा को, नवगठित राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया। देश को मिली आज़ादी के बाद, अब संविधान में नियमों और कानून के अलावा नए राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का मुद्दा भी अहम था। तब 14 सितंबर 1949 को, संविधान सभा ने एक मत होकर हिंदी भाषा को राजभाषा बनाने का फैसला लिया। कुछ साल बाद, जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन के महत्व को देखते हुए, हर साल भारत में 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया और साल 1953 में पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया।

क्यों मनाते हैं हिन्दी दिवस?

  • हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और महत्व को बढ़ाने के लिए।
  • लोगों को अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व और सम्मान का भाव दिलाने के लिए।
  • युवा पीढ़ी को हिन्दी के उपयोग और संरक्षण के लिए प्रेरित करने हेतु।
  • भारतीय संस्कृति और एकता को सशक्त बनाने के लिए।

14 सितंबर को ही क्‍यों होता है हिंदी दिवस

हिंदी दिवस को लेकर ऐसा कहा गया है, कि 14 सितम्बर 1949 को हिंदी भाषा के पुरोधा कहे जाने वाले व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50वां जन्मदिन था, जिन्होंने इसको राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया था।

ऐसा कहा गया है, कि भारत विविधताओं का देश है और यही वजह है, कि यहां कई सारी भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं, मगर इन सब में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है।

हिन्दी दिवस का महत्व

  • हिन्दी हमारी पहचान और संस्कृति की धरोहर है।
  • यह भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है।
  • हिन्दी दिवस हमें भाषा के माध्यम से राष्ट्र की एकता का संदेश देता है।
  • यह हमें अंग्रेज़ी और अन्य विदेशी भाषाओं के प्रभाव के बीच अपनी भाषा को जीवित रखने की प्रेरणा देता है।

हिन्दी दिवस के कार्यक्रम

  • स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों में विशेष समारोह।
  • निबंध, भाषण, कविता और वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ।
  • हिन्दी साहित्यकारों और कवियों का सम्मान।
  • हिन्दी पुस्तकों और पत्रिकाओं की प्रदर्शनी।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन।

हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य

हिंदी दिवस मनाने का एक उद्देश्य यह भी है, कि हम हमारे समाज से गुम हो रही हिंदी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। आज़ादी से पहले, भारत में सभी सरकारी कामकाज अंग्रेजी भाषा में हुआ करते थे। हालांकि, देश की आज़ादी के बाद लोगों के बीच हिंदी भाषा को लगातार बढ़ावा दिया गया। लेकिन 14 सितंबर के दिन देश के नागरिकों को यह समझाने का प्रयास किया जाता है, कि जब तक वह हिंदी को पूरी तरह से नहीं अपनाएंगे, तब तक इस भाषा का विकास होना संभव नहीं है।

इन देशों में भी बोली जाती है हिंदी

हिंदी को हमेशा भारत से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के अलावा भी कई देशों में हिंदी बोली और समझी जाती है। इनमें फिजी, मॉरीशस, फिलीपींस, अमेरिका, न्यूजीलैंड, यूगांडा, सिंगापुर, नेपाल, गुयाना, सुरिनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं।

हिन्दी दिवस के दिन क्या करना चाहिए

  • हिन्दी में बातचीत और लेखन का अभ्यास करें।
  • हिन्दी साहित्य, कविताएँ और लेख पढ़ें।
  • बच्चों को हिन्दी की महत्ता के बारे में बताएं।
  • हिन्दी में रचनात्मक लेखन और कविताएँ लिखें।
  • सोशल मीडिया पर हिन्दी भाषा में अपने विचार साझा करें।

हिन्दी दिवस के दिन क्या न करें?

  • हिन्दी को कमतर आंकना या मज़ाक उड़ाना।
  • केवल अंग्रेज़ी पर निर्भर रहकर हिन्दी से दूरी बनाना।
  • गलत वर्तनी और अशुद्ध हिन्दी का प्रयोग न करें।
  • भाषा के आधार पर किसी के साथ भेदभाव न करें।

हिन्दी दिवस मनाने के लाभ

  • हिन्दी भाषा के प्रति गर्व और सम्मान बढ़ता है।
  • नई पीढ़ी को अपनी जड़ों और संस्कृति से जोड़ता है।
  • हिन्दी साहित्य और लेखन को प्रोत्साहन मिलता है।
  • राष्ट्र की एकता और सांस्कृतिक पहचान मजबूत होती है।
  • लोगों में भाषाई आत्मनिर्भरता की भावना जागृत होती है।

हिंदी भाषा के बारे में एक रोचक जानकारी यह भी मिलती है, कि आज हम जो हिंदी लिखते हैं, इसकी शुरुआत 1900 ईसवी में हुई थी। वहीं, खड़ी बोली यानी हिंदी में लिखी गई पहली कहानी इंदुमती थी। इसे किशोरीलाल गोस्वामी ने लिखा था और इसकी हिंदी भाषा काफ़ी हद तक वैसी ही है, जैसी आज लिखी और बोली जाती है। यह थी राष्ट्रीय हिन्दी दिवस की संपूर्ण जानकारी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी , तो ऐसी और भी जानकारी पाने के लिए, बने रहिए श्रीमंदिर के साथ।

divider
Published by Sri Mandir·September 4, 2025

Did you like this article?

आपके लिए लोकप्रिय लेख

और पढ़ेंright_arrow
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook