image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

सूर्य स्तुति (Surya Stuti)

क्या आप थकान, कमजोरी या नकारात्मक ऊर्जा से परेशान हैं? सूर्य स्तुति से पाएं सूर्य देव का आशीर्वाद, जीवन में ऊर्जा और सफलता – जानिए इसका पाठ और चमत्कारी लाभ।

सूर्य स्तुति के बारे में

सूर्य स्तुति भगवान सूर्य को समर्पित एक पवित्र स्तुति है, जो ऊर्जा, स्वास्थ्य और तेज प्रदान करने वाली मानी जाती है। इसका नियमित पाठ शरीर को बल, मन को स्थिरता और जीवन को प्रकाशमय बनाता है। सूर्य स्तुति से नेत्र रोगों में लाभ, आत्मविश्वास में वृद्धि और सरकारी कार्यों में सफलता मिलती है।

सूर्य स्तुति

हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को जीवन का आधार, ऊर्जा का स्रोत और सत्य का प्रतीक माना गया है। उन्हें प्रत्यक्ष देवता कहा गया है, क्योंकि वे प्रत्यक्ष रूप में दृष्टिगोचर होते हैं। सूर्य देव की उपासना से आत्मविश्वास, स्वास्थ्य, तेज, और मान-सम्मान प्राप्त होता है। सूर्य स्तुति का नियमित पाठ जीवन में सफलता, मानसिक स्पष्टता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

सूर्य भगवान की स्तुति

ॐ आदित्याय च सोमाय मङ्गलाय बुधाय च।

गुरु शुक्र शनिभ्यश्च राहवे केतवे नमः॥

जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।

तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्॥

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।

दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥

सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्।

श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणम्यहम्॥

सप्तलोकप्रकाशं च तेजोराशिं समुद्भवम्।

सप्तवर्णैः समायुक्तं सूर्यं देव नमोऽस्तु ते॥

यः शत्रूणां विनाशाय रक्षणाय च सज्जनम्।

सदैव पथदर्शी च तं सूर्यं प्रणम्यहम्॥

सर्वदोषहरं देवं सर्वरोगनिवारणम्।

अर्जुनस्य सखा कृष्णे साक्षात् देवदिवाकरः॥

नमस्ते रविरूपाय नमस्ते दिव्यचक्षुषे।

नमस्ते सर्वलोकस्य जीवनं तेजसां निधे॥

(यह स्तुति सरल हिंदी में मौलिक रूप से रची गई है, ताकि हर व्यक्ति इसका पाठ कर सके और लाभ पा सके)

ॐ आदित्याय नमः।

रथ पर सवार, रश्मियों से सज्जित,

तेजस्वी प्रभु, दिव्य प्रकाश युक्त।

हे आदित्य, जीवन के आधार,

तेरे बिना अंधकार हर द्वार।

तप्त स्वर्ण जैसा रूप तुम्हारा,

करुणा, शक्ति, और ज्ञान तुम्हारा।

सात घोड़ों की गति तेज तुम्हारी,

हर युग में तुम बने सहारे हमारी।

अंधकार मिटाने वाले देव,

प्रकाश से जग को भरने वाले हे सूर्यदेव।

प्रातः तुम्हें जो मन से ध्याता,

जीवन में सदा उन्नति पाता।

साक्षात ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र स्वरूप,

तुमसे चलती सृष्टि की रूप।

ग्रहों में तुम प्रधान कहलाए,

नवग्रहों में सर्वोच्च बतलाए।

सूर्य नमस्कार जो नित करता,

तन-मन स्वस्थ और तेज से भरता।

हे मित्र, पूषा, भास्कर महान,

कृपा करो, करो कल्याण।

ध्यान तुम्हारा जो नित लगाता,

उसका भाग्य स्वयं चमक जाता।

हे दिवाकर, जीवन के रक्षक,

करो हमारे दोषों का नाशक।

जय सूर्यदेव, तेज के धारी,

सृष्टि के आदि, शक्ति के अधिकारी।

तेरे चरणों में सिर नवाते,

भक्त तुम्हारे कृपा पाते।

सूर्य स्तुति पाठ विधि

सूर्य स्तुति का पाठ करने से पहले कुछ आवश्यक नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि इसका संपूर्ण लाभ प्राप्त किया जा सके:

1. दिन और समय

  • सूर्य स्तुति का सर्वोत्तम समय सूर्योदय के समय होता है।
  • विशेष रूप से रविवार का दिन सूर्य उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

2. स्नान और वस्त्र

  • प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • लाल या सफेद वस्त्र सूर्य उपासना में विशेष माने जाते हैं।

3. सूर्य को अर्घ्य देना

  • सूर्य स्तुति से पहले तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, चावल व रोली डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
  • अर्घ्य देते समय मन में सूर्य गायत्री मंत्र या “ॐ सूर्याय नमः” का जाप करें।

4. दिशा और आसन

  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • कुशासन या लाल आसन पर बैठकर स्तुति करें।

5. मन की एकाग्रता

  • स्तुति के दौरान मन को शांत, श्रद्धा युक्त और स्थिर रखें।
  • मोबाइल, शोर-शराबे और व्यर्थ विचारों से दूरी बनाए रखें।

6. सूर्य मंत्र जाप (वैकल्पिक)

  • पाठ के बाद चाहें तो निम्न सूर्य मंत्र का जाप कर सकते हैं:
  • “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” – 108 बार।

7. धूप-दीप और भोग

  • दीपक जलाएं, धूप दिखाएं और सूर्य देव को गुड़, लाल फूल या गेहूं अर्पित करें।

सूर्य स्तुति पाठ के फायदे

1. स्वास्थ्य लाभ

  • सूर्य स्तुति से हृदय, आंखों, हड्डियों और पाचन तंत्र को बल मिलता है।
  • विटामिन D की पूर्ति के साथ-साथ मानसिक रोगों में भी आराम मिलता है।

2. आत्मविश्वास में वृद्धि

  • सूर्य देव आत्मबल और नेतृत्व शक्ति के कारक हैं।
  • स्तुति से आत्मविश्वास, स्पष्टता और निर्णायक क्षमता में वृद्धि होती है।

3. रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

  • नियमित पाठ से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे मौसमी बीमारियाँ दूर रहती हैं।

4. ग्रह दोषों का नाश

  • सूर्य ग्रह कमजोर होने पर व्यक्ति को मान-सम्मान, करियर और पिता से जुड़े कष्ट होते हैं।
  • सूर्य स्तुति से ग्रह बल मिलता है और कुंडली के दोष दूर होते हैं।

5. सामाजिक प्रतिष्ठा और मान-सम्मान

  • सूर्य तेज का प्रतीक है। इसका पाठ करने से व्यक्ति के चेहरे पर आभा आती है और समाज में मान बढ़ता है।

6. सरकारी नौकरी, प्रमोशन में सहायता

  • सूर्य राज्य और प्रशासन से संबंधित है। स्तुति करने वालों को सरकारी क्षेत्र में लाभ मिलता है।

7. करियर में सफलता

  • नेतृत्व क्षमता, ऊर्जा और समय प्रबंधन जैसे गुणों में वृद्धि होती है जिससे करियर में तरक्की होती है।

8. परिवार में सामंजस्य

  • सूर्य स्तुति से पिता-पुत्र संबंध सुधरते हैं और पारिवारिक मतभेद कम होते हैं।

9. बच्चों की पढ़ाई में सुधार

सूर्य की कृपा से बुद्धि में तेज आता है और छात्र अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।

10. आध्यात्मिक लाभ

  • सूर्य स्तुति से ध्यान, योग, और साधना में सफलता मिलती है।
  • आत्मा में तेज और चेतना का विकास होता है।

सूर्य स्तुति एक शक्तिशाली वैदिक साधना है, जो तन, मन और आत्मा को ऊर्जा प्रदान करती है। इसका नियमित अभ्यास जीवन में स्थायित्व, शांति, स्वास्थ्य और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। यदि श्रद्धा और नियमितता के साथ इसे अपनाया जाए, तो यह साधक को आध्यात्मिक और सांसारिक दोनों लाभ प्रदान करती है।

divider
Published by Sri Mandir·September 11, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook