कर्ज, क्लेश या विघ्नों से परेशान हैं? मंगल स्तुति आपके लिए है! जानिए इसके जप से कैसे बदल सकता है आपका भाग्य।
मंगल स्तुति एक शुभकामना मूलक स्तुति है, जिसमें भगवान मंगल (अंगारक) से जीवन में सुख, सफलता, स्वास्थ्य और बाधाओं से मुक्ति की प्रार्थना की जाती है। यह स्तुति विशेष रूप से मंगलवार को पढ़ी जाती है और मंगल दोष से राहत देती है।
सनातन धर्म में मंगलवार का दिन बहुत खास माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की विशेष पूजा और व्रत का महत्व होता है। साथ ही इस दिन मंगल ग्रह की भी पूजा की जाती है, जिससे जीवन में आने वाली कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।
हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि मंगलवार के दिन उनकी सच्चे मन से की गई पूजा से जीवन के दुख, भय और कष्ट दूर होते हैं। उनके नाम का स्मरण करने मात्र से मन को शक्ति और आत्मविश्वास मिलता है।
हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि मंगलवार के दिन उनकी सच्चे मन से की गई पूजा से जीवन के दुख, भय और कष्ट दूर होते हैं। उनके नाम का स्मरण करने मात्र से मन को शक्ति और आत्मविश्वास मिलता है।
मंगल दोष (मांगलिक दोष) एक ज्योतिषीय स्थिति होती है जिसमें जातक की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थान पर होता है। इस दोष के कारण- शादी में देरी होती है, वैवाहिक जीवन में तनाव रहता है, स्वास्थ्य और करियर में रुकावटें आती हैं। आइए मंगल स्तुत करते हैं-
रक्ताम्बरो रक्तवपु: किरीटी, चतुर्मुखो मेघगदो गदाधृक ।
धरासुत: शक्तिधरश्च शूली, सदा मम स्याद वरद: प्रशान्त: ।।
धरणीगर्भसंभूतं विद्युतेजसमप्रभम ।
कुमारं शक्तिहस्तं च मंगलं प्रणमाम्यहम ।।
ऋणहर्त्रे नमस्तुभ्यं दु:खदारिद्रनाशिने ।
नमामि द्योतमानाय सर्वकल्याणकारिणे ।।
देवदानवगन्धर्वयक्षराक्षसपन्नगा: ।
सुखं यान्ति यतस्तस्मै नमो धरणि सूनवे ।।
यो वक्रगतिमापन्नो नृणां विघ्नं प्रयच्छति ।
पूजित: सुखसौभाग्यं तस्मै क्ष्मासूनवे नम: ।।
प्रसादं कुरु मे नाथ मंगलप्रद मंगल ।
मेषवाहन रुद्रात्मन पुत्रान देहि धनं यश: ।।
रक्तांबरो रक्तवपुः किरीटी चतुर्भुजो मेषगमो गदाभृत् ।
धरासुतः शक्तिधरश्च शूली सदा ममस्याद्वरदः प्रशांतः ॥
अंगारकः शिरो रक्षेन्मुखं वै धरणीसुतः ।
श्रवौ रक्तांबरः पातु नेत्रे मे रक्तलोचनः ॥
नासां शक्तिधरः पातु मुखं मे रक्तलोचनः ।
भुजौ मे रक्तमाली च हस्तौ शक्तिधरस्तथा ॥
वक्षः पातु वरांगश्च हृदयं पातु लोहितः।
कटिं मे ग्रहराजश्च मुखं चैव धरासुतः ॥
जानुजंघे कुजः पातु पादौ भक्तप्रियः सदा ।
सर्वण्यन्यानि चांगानि रक्षेन्मे मेषवाहनः ॥
या इदं कवचं दिव्यं सर्वशत्रु निवारणम् ।
भूतप्रेतपिशाचानां नाशनं सर्व सिद्धिदम् ॥
सर्वरोगहरं चैव सर्वसंपत्प्रदं शुभम् ।
भुक्तिमुक्तिप्रदं नृणां सर्वसौभाग्यवर्धनम् ॥
रोगबंधविमोक्षं च सत्यमेतन्न संशयः ॥
जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की विशेष पूजा करनी चाहिए। इससे मंगल ग्रह शांत होता है और उसका बुरा प्रभाव कम हो जाता है।
अगर आप भी जीवन की परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन श्रद्धा और विश्वास से हनुमान जी की पूजा जरूर करें और मंगल स्तुति का पाठ करें। मंगल ग्रह की कृपा से आपका जीवन सुखमय और सफल होगा। जय बजरंगबली।
Did you like this article?
कुबेर स्तुति का पाठ करने से धन-संपत्ति, समृद्धि और वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होती है। यहाँ पढ़ें सम्पूर्ण कुबेर स्तुति हिन्दी में, लाभ और महत्व सहित।
बुध स्तुति का पाठ करने से वाणी में मधुरता, बुद्धि में तीव्रता और व्यापार में सफलता प्राप्त होती है। यहाँ पढ़ें सम्पूर्ण बुद्ध स्तुति हिन्दी में, लाभ और महत्व सहित।
धन्वंतरि स्तुति का पाठ करने से रोगों से मुक्ति, उत्तम स्वास्थ्य और आयुर्वेदिक लाभ प्राप्त होते हैं। यहाँ पढ़ें सम्पूर्ण धन्वंतरि स्तुति हिन्दी में, लाभ और महत्व सहित।