क्या आप अपने जीवन में दिव्य ज्ञान, शांति और सफलता चाहते हैं? दत्तात्रेय स्तुति से पाएं भगवान दत्तात्रेय का आशीर्वाद – जानिए इसका पाठ और चमत्कारी लाभ।
दत्तात्रेय स्तुति भगवान दत्तात्रेय की महिमा का गुणगान करने वाली एक दिव्य प्रार्थना है। इसका पाठ साधक को ज्ञान, वैराग्य और आध्यात्मिक बल प्रदान करता है। यह स्तुति विशेष रूप से गुरुवार के दिन की जाती है।
भगवान दत्तात्रेय को हिंदू धर्म में एक अद्वितीय और परम पूजनीय देवता माना जाता है। वे ब्रह्मा, विष्णु और महेश - इन तीनों देवों के संयुक्त अवतार हैं, जो अत्रि ऋषि और देवी अनुसूया के पुत्र के रूप में प्रकट हुए। उन्हें गुरु परंपरा का आदिगुरु और परम ज्ञानी माना जाता है। दत्तात्रेय स्तुति का पाठ करने से साधक को ज्ञान, वैराग्य, आध्यात्मिक शक्ति और समस्त सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। यह स्तुति भक्तों को जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करती है।
जटाधरं पाण्डुरङ्गं शूलहस्तं कृपानिधिम्।
सर्वरोगहरं देवं दत्तात्रेयं नमामिहम्॥
ॐ दिगम्बराय विद्महे, अवधूताय धीमहि।
तन्नो दत्तः प्रचोदयात्॥
जय योगेश्वर दत्ता, तेरा ही गुणगान।
त्रिदेवा का अवतार, तेरी लीला महान॥
अनुसूया सुत प्यारे, अत्रि के घर जन्मे।
वेद ज्ञान के दाता, ब्रह्मज्ञानी मन में॥
शूल, डमरू और कमंडल, तेरे हाथ बिराजे।
सब दुखों को हरने वाले, भक्तजनों के काजे॥
गाऊँ तेरी महिमा, हे प्रभु दिगम्बर।
तेरी कृपा से होवे, जीवन मेरा सुखकर॥
योग सिद्धि के दाता, तू ही है अवधूत।
तेरी शरण में आए, हर एक है मजबूत॥
अष्ट सिद्धियों के स्वामी, तू ही है नौ निधियाँ।
तेरी दया से मिलती, हर बाधा से निधियाँ॥
भूत-प्रेत पिशाच डरे, जब नाम तेरा उच्चारण।
सब विपदाएँ दूर हों, हो जाए सब निवारण॥
शिष्य तेरे चालीस, तूने ज्ञान का दीप जलाया।
जीवन के हर पथ पर, तूने ही राह दिखाया॥
सद्गुरु तू ही मेरा, तू ही मेरा आधार।
अज्ञान तिमिर हरण कर, दे ज्ञान का भंडार॥
जय जय जय श्री गुरुदेव, जय जय दत्तात्रेय।
दीन जनों का तारनहारा, तू ही है सर्वश्रेय॥
दत्तात्रेय स्तुति का पाठ करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने से इसके पूर्ण लाभ प्राप्त होते हैं:
दत्तात्रेय स्तुति का नियमित पाठ करने से साधक को कई प्रकार के शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और लौकिक लाभ प्राप्त होते हैं:
दत्तात्रेय स्तुति का पाठ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह एक शक्तिशाली आध्यात्मिक अभ्यास है जो व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में परिवर्तित कर सकता है और उसे पूर्णता की ओर ले जा सकता है।
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