करवा चौथ पूजा सामग्री
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करवा चौथ पूजा सामग्री

करवा चौथ पर कुछ भी ना रह जाए अधूरा! जानें पूजा की संपूर्ण सामग्री लिस्ट और सरल विधि, ताकि हर पत्नी का व्रत हो पूर्ण और सफल।

करवा चौथ पूजा सामग्री के बारे में

करवा चौथ की पूजा के लिए विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है। इसमें एक मिट्टी या तांबे का करवा, छलनी, दीया, रूई, सिंदूर, कुमकुम, हल्दी, चावल, फल, मिठाई, जल का लोटा, मेहंदी, श्रृंगार का सामान, और भगवान शिव, पार्वती, गणेशजी की तस्वीर या मूर्ति शामिल होती है।

करवा चौथ

करवा चौथ एक ऐसा पर्व है जो प्रेम, विश्वास और आस्था का सुंदर प्रतीक माना जाता है, जहां सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए पूरे दिन श्रद्धा से उपवास रखती हैं। यह पर्व हर साल सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है जो अपने पति की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और सुखमय जीवन की कामना के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। यह व्रत कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, जब चंद्रमा निकलता है।

इस विशेष दिन की पूजा विधि क्या है? इसकी तैयारी कैसे करें? और कौन-कौन सी चीज़ें जरूरी होती हैं? चलिए अब जानते हैं करवा चौथ व्रत की संपूर्ण विधि और आवश्यक सामग्रियों के बारे में..

करवा चौथ की पूजा और सामग्रियों का महत्व

करवा चौथ की पूजा में विशेष रूप से भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है, क्योंकि यह त्रिदेवों और शक्ति का आशीर्वाद पाने का अत्यंत शुभ अवसर होता है। महिलाएं इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक बिना जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं और पूरी श्रद्धा के साथ व्रत का पालन करती हैं।

रात को चंद्रमा निकलने पर महिलाएं उसे अर्घ्य देती हैं और फिर पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत पूरा करती हैं। यह परंपरा न केवल प्रेम का प्रतीक है, बल्कि सात जन्मों तक अटूट संबंध की भावना को भी दर्शाती है। चलिए जानते हैं, करवा चौथ व्रत में उपयोग होने वाली हर पूजा सामग्री का आध्यात्मिक महत्व क्या है, जो इस पावन दिन को और भी खास बना देता है।

करवा चौथ पूजा में सामग्री का महत्व

  • करवा: जल भरकर चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए उपयोग होता है, यह सुख-समृद्धि का प्रतीक है।
  • छलनी: छलनी का उपयोग चंद्रमा और पति का चेहरा देखने के लिए किया जाता है, इसे दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है।
  • दीपक: दीपक को प्रेम और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है और इसे छलनी में रखकर देखने से रिश्तों में मधुरता बढ़ती है।
  • सींक: करवा की टोंटी में डाली जाती है, शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक।
  • कुमकुम, रोली, चंदन, अक्षत: देवी-देवताओं को अर्पित की जाने वाली शुभ सामग्रियां।
  • फूल: पूजा में सुगंध और पवित्रता के लिए अर्पित किए जाते हैं।
  • फल और मिठाई: भगवान को भोग लगाने के लिए; समृद्धि और पूर्णता का प्रतीक।
  • सोलह श्रृंगार: सुहाग और सौंदर्य का प्रतीक; महिलाएं इसे पूरे भाव से धारण करती हैं।
  • कलावा: हाथ में बांधा जाने वाला पवित्र धागा, जो रक्षा और शुभता का संकेत है।
  • जल: अर्घ्य और पूजन के लिए आवश्यक, पवित्रता का प्रतीक।

करवा चौथ पूजा सामग्री की सूची

यह सूची करवा चौथ की पूजा को विधिपूर्वक संपन्न करने में आपकी मदद करेगी।

  • करवा माता की तस्वीर या चित्र
  • घी का दीपक, कलश
  • अबीर, गुलाल
  • कुमकुम, हल्दी, अक्षत (चावल), चंदन
  • मेहंदी
  • कलावा (मौली)
  • जनेऊ का जोड़ा (गणेशजी और शिवजी के लिए)
  • फूल
  • धूपबत्ती
  • नारियल
  • नैवेद्य (मिठाई)
  • मिट्टी का करवा, सींक, छलनी
  • सुहाग सामग्री (बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां आदि)
  • करवा कथा की पुस्तक
  • दक्षिणा के लिए रुपये
  • बुजुर्ग महिला (सास) के लिए वस्त्र

करवा चौथ पूजन सामग्री कहाँ से खरीदें और कैसे चुनें?

करवा चौथ की पूजा को बिना किसी बाधा के संपन्न करने के लिए जरूरी है कि पूजा की सभी सामग्रियाँ पहले से ही इकट्ठा कर ली जाएं। ये सामग्री आप स्थानीय पंसारी की दुकान, पूजा सामग्री स्टोर, या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से आसानी से खरीद सकते हैं। सामग्री खरीदते समय शुद्धता, ताज़गी और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। करवा, छलनी, दीपक, कलावा और श्रृंगार का सामान अच्छे ब्रांड या विश्वसनीय दुकानदार से ही लें, ताकि सामग्री शुद्ध और उपयुक्त हो। सारी सामग्री एक जगह समय से पहले तैयार रखें ताकि पूजा के समय किसी प्रकार की कमी या परेशानी न हो।

पूजा विधि में सामग्री का क्रम और उपयोग

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और सास द्वारा दी गई सरगी ग्रहण करें।
  • इसके बाद निर्जला व्रत का यह संकल्प बोलकर व्रत धारण करें। 'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।'
  • सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  • घर में या मंदिर जाकर शिव परिवार की पूजा करें और पुष्प, फल, मिठाई अर्पित करें।
  • करवा चौथ की कथा सुनें या पढ़ें।
  • शाम की पूजा की थाली में धूप, दीप, रोली, मिठाई आदि सजाएं।
  • उसमे करवा में चावल भरकर और ढक्कन में शक्कर भर कर दक्षिणा रखें।
  • इसके बाद छलनी में जलता दीपक रखकर चंद्रमा के दर्शन करें।
  • फिर उसी छलनी से पति का चेहरा देखें और उनके हाथों से जल ग्रहण कर व्रत संपन्न करें।
  • पूजा में हुई भूलों के लिए भगवान से क्षमा मांगें और घर के बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • इसके बाद पूजा में उपयोग की गई श्रृंगार सामग्री और करवा सास या किसी सुहागिन महिला को भेंट करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • अंत में व्रत पूर्ण होने के बाद शांतचित्त होकर सात्विक भोजन करें।

यह थी करवा चौथ की पूजा सामग्री से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी। ऐसी मान्यता है कि जब हम करवा चौथ के इस पावन व्रत को पूरी श्रद्धा और सम्पूर्ण सामग्री के साथ करते हैं, तो न केवल चंद्रदेव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि पति की दीर्घायु, वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द, और घर में सुख-शांति का वास भी सुनिश्चित होता है। तो इस करवा चौथ पर, आप भी संपूर्ण सामग्री के साथ विधिपूर्वक व्रत और पूजा करें, ताकि देवी पार्वती और चंद्रदेव की कृपा आप और आपके परिवार पर सदैव बनी रहे।

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Published by Sri Mandir·October 10, 2025

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