हरतालिका तीज के व्रत पर करें मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा पूरी श्रद्धा से। जानें पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट और आसान विधि जिससे व्रत हो सफल और फलदायी।
हरतालिका तीज की पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री का विशेष धार्मिक महत्व होता है। इस पूजा में मिट्टी की गौरी-शिव प्रतिमा, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, फल, फूल, पान-सुपारी, नारियल, मिठाई, कलश और दीपक आदि का उपयोग होता है, जो देवी पार्वती की भक्ति और सौभाग्य की प्रतीक मानी जाती हैं।
हरतालिका तीज हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण और कठिन व्रतों में से एक है। यह पर्व माता पार्वती और भगवान शिव के अटूट प्रेम, त्याग और तपस्या का प्रतीक है। हरतालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। ''हरतालिका' शब्द 'हरत' और 'आलिका' से बना है, जिसका अर्थ है 'सहेली द्वारा हरण'।
पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती की सखी उन्हें उनके पिता के घर से हरकर घने जंगल में ले गई थी, ताकि उनके पिता उनकी इच्छा के विरुद्ध भगवान विष्णु से उनका विवाह न करा दें। वहीं, माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। इस दिन, महिलाएँ निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा कर अखंड सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन और मनचाहे वर की कामना करती हैं।
हरतालिका तीज का उपवास पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जल रहकर भगवान शिव और माता गौरी का पूजन करती हैं और अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त करती हैं। इस पावन व्रत के प्रभाव से जीवनसाथी को दीर्घायु का लाभ होता है। ऐसी मान्यता है कि यह व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान प्राप्ति में भी यह व्रत सहायक होता है।
हरतालिका तीज पर उपयोग की जाने वाली प्रत्येक सामग्री का अपना आध्यात्मिक महत्व होता है, जो पूजा को अधिक प्रभावशाली बनाता है:
हरतालिका तीज की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री की एक विस्तृत सूची यहाँ दी गई है:
हरतालिका तीज की पूजा सामग्री आप आसानी से स्थानीय बाजारों और ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं।
हरतालिका तीज की पूजा मुख्य रूप से शाम के समय या रात में की जाती है। सामग्री का उपयोग सामान्यतः इस क्रम में होता है:
हरतालिका तीज का व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समर्पण, आस्था और आत्मबल का श्रेष्ठ प्रतीक है। पूजा की वस्तुओं का चयन और उनका विधिपूर्वक प्रयोग इस व्रत की दिव्यता को और बढ़ाता है। यह पर्व हमें देवी पार्वती की अटूट निष्ठा और भगवान शिव के लिए उनके समर्पण की याद दिलाता है। इस हरतालिका तीज पर पूर्ण भक्ति और विश्वास के साथ शिव-पार्वती की आराधना करें और उनके वरदान से अपने जीवन में सौभाग्य, स्नेह और समृद्धि प्राप्त करें।
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