माँ कात्यायनी के मंत्र
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

माँ कात्यायनी के मंत्र (Maa Katyayani Mantra)

जानें माँ कात्यायनी के पूजन विधि और मंत्र के लाभ।

माँ कात्यायनी के बारे में

नवदुर्गा के नौ स्वरूपों में से मां दुर्गा के छठे स्वरूप को मां कात्यायनी के रूप में पूजते हैं। मां कात्यायनी की पूजा नवरात्रि के छठे दिन यानी षष्ठी को की जाती है। मां कात्यायनी को अमोघ फलदायिनी भी कहते हैं। मान्यता है कि भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने मां दुर्गा के कात्यायनी रूप की ही पूजा की थीं। मां कात्यायनी ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में भी प्रतिष्ठित हैं।

माँ कात्यायनी के स्वयं सिद्ध बीज मंत्र

माँ कात्यायनी, देवी दुर्गा के एक शक्तिशाली रूप हैं, जिन्हें विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान पूजा जाता है। उनका बीज मंत्र अत्यधिक शक्तिशाली माना जाता है और इसका जप करने से भक्तों को अनेक लाभ मिलते हैं।

share
मंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:

अर्थ: यह बीज मंत्र उर्जा और शक्ति का प्रतीक है। इस मंत्र का उच्चारण करने से देवी त्रिनेत्रा की कृपा प्राप्त होती है, जो भक्तों को ज्ञान, सुरक्षा और संतुलन प्रदान करती हैं। यह मंत्र भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।

माँ कात्यायनी का पूजन मंत्र

share
ॐ क्रीं कात्यायनी क्रीं नम:।

अर्थ: इस मंत्र का उच्चारण करने से भक्त देवी कात्यायनी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह मंत्र शक्ति, साहस, और किसी भी कठिनाई का सामना करने की क्षमता को बढ़ाता है। इसे साधना, पूजा या ध्यान के समय जपने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।

share
चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानव घातिनी।।

अर्थ: यह श्लोक देवी कात्यायनी की महिमा का वर्णन करता है। वे चंद्रमा के समान उज्ज्वल तलवार के साथ शेर पर सवार हैं और अपने भक्तों को शुभता देने वाली हैं। वे दानवों का नाश करने वाली शक्तिशाली देवी हैं। यह मंत्र देवी की शक्ति और उनकी रक्षा करने की क्षमता को दर्शाता है।

share
या देवी सर्वभूतेषु कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

अर्थ: इस श्लोक के द्वारा देवी कात्यायनी की महिमा का वर्णन किया जाता है, जो सभी जीवों में स्थित हैं। यह श्लोक देवी की व्यापकता और उनकी शक्तियों को दर्शाता है साथ ही इस श्लोक में उनके प्रति नमन और श्रद्धा व्यक्त की गई है। यह मंत्र देवी कात्यायनी की उपासना और भक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

मंत्र जाप विधि

माँ कात्यायनी मंत्र का कम से कम 51 बार जाप करना ही चाहिए। साधक चाहें तो इससे अधिक बार भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

इन मंत्रों का 1,25,000 बार भी जाप किया जाता है।

माँ दुर्गा के छठवें स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी इस स्वरूप में चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प धारण कर रखी हैं।

माँ दुर्गा के इस स्वरूप की आराधना से रोग, शोक, संताप और भय से मुक्ति मिलती है। विद्यार्थी को मां कात्यायनी की पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे उन्हें सफलता और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

divider
Published by Sri Mandir·September 21, 2025

Did you like this article?

आपके लिए लोकप्रिय लेख

और पढ़ेंright_arrow
Card Image

माँ चंद्रघंटा के मंत्र

मां चंद्रघंटा के शक्तिशाली मंत्रों का महत्व, जो भय से मुक्ति, साहस, और मानसिक शांति प्रदान करते हैं। इन मंत्रों के नियमित जाप से जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है।

right_arrow
Card Image

माँ कूष्मांडा के मंत्र

मां कूष्मांडा के मंत्र का जाप नवरात्रि के चौथे दिन विशेष फलदायी होता है। इस मंत्र से मां के आशीर्वाद से स्वास्थ्य, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति होती है। मन की शांति, आत्मबल और उन्नति का अनुभव होता है।

right_arrow
Card Image

माँ स्कंदमाता के मंत्र

माँ स्कंदमाता के मंत्र जो शक्ति, साहस और समृद्धि के लिए अति प्रभावी माने जाते हैं। इन मंत्रों के जाप से लाभ प्राप्त होता है, इन मंत्रों का नियमित जाप भक्त के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होता है

right_arrow
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook