स्वाति नक्षत्र
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स्वाति नक्षत्र

क्या करें और क्या न करें स्वाति नक्षत्र में? जानिए जन्म, विवाह, करियर और उपायों से जुड़ी जरूरी जानकारी!

स्वाति नक्षत्र के बारे में

स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोग बेहद स्वतंत्र विचारों वाले, आत्मनिर्भर और अपने कार्यों में सच्चे होते हैं। ये किसी पर निर्भर रहना पसंद नहीं करते और जीवन में अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं। इनके अंदर स्वाभाविक आकर्षण, सरलता और विनम्रता होती है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे स्वाति नक्षत्र के स्वभाव, विशेषताएं, करियर में सफलता के संकेत, वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य संबंधी पहलू और कौन से उपाय इस नक्षत्र के जातकों के लिए शुभ माने जाते हैं।

स्वाति नक्षत्र क्या है?

स्वाति नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से 15वां नक्षत्र है और यह तुला राशि में स्थित होता है। स्वाति का अर्थ होता है "स्वतंत्र गति वाला" और यह नक्षत्र वायु तत्व से संबंधित होता है, जो इसे चंचलता, परिवर्तनशीलता और स्वतंत्रता प्रदान करने वाला बनाता है। इस नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह हवा में हिलती हुई एक पतली सी शाखा है, जो दर्शाता है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे जातक परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने में सक्षम होते हैं। यह नक्षत्र पूर्ण स्वतंत्रता, आत्मविश्वास और व्यक्तिगत विकास का प्रतीक माना जाता है।

स्वाति नक्षत्र का ज्योतिषीय महत्व

स्वाति नक्षत्र का का स्वामी राहु है और यह वायु तत्व से संबंधित होता है। स्वाति नक्षत्र को "स्वाधीनता का नक्षत्र" भी कहा जाता है, क्योंकि इसका मुख्य गुण है स्वतंत्रता। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग किसी के अधीन रहना पसंद नहीं करते। इनके कार्य करने का तरीका अलग और अनोखा होता है। राहु के प्रभाव से ये जातक तेज दिमाग और रणनीतिक सोच वाले होते हैं।

स्वाति नक्षत्र का स्वामी ग्रह कौन सा है?

स्वाति नक्षत्र का स्वामी ग्रह राहु है। राहु एक छाया ग्रह है जो छल, भ्रम, कल्पनाशक्ति और विदेशी संपर्कों से जुड़ा हुआ है। राहु जातकों में तीव्र जिज्ञासा, अनुसंधान की क्षमता और रहस्यमयी आकर्षण प्रदान करता है।

हालांकि स्वाति नक्षत्र तुला राशि में आता है, जिसका स्वामी शुक्र है, लेकिन इस नक्षत्र के संचालन की शक्ति राहु के हाथ में होती है। इस वजह से स्वाति नक्षत्र के जातकों में आकर्षण, कूटनीति, तर्क शक्ति और कभी-कभी असमंजस भी पाया जाता है। राहु की वजह से इन्हें जीवन में कई फैसले अचानक करने पड़ सकते हैं, जिसके लिए वो पहले से तैयार ने हों।

स्वाति नक्षत्र में जन्मे जातकों का स्वभाव एवं विशेषताएं 

स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोग स्वभाव से सौम्य, चतुर और बातों से लोगों को प्रभावित करने वाले होते हैं। ये लोग स्वतंत्र विचारों के होते हैं और किसी बंधन या दबाव में रहना पसंद नहीं करते। इनकी वाणी आकर्षक होती है और इनका सामाजिक दायरा काफी बड़ा होता है।

इनमें किसी भी परिस्थिति में खुद को ढाल लेने की क्षमता होती है। ये लोग स्वाभाविक रूप से शांतिप्रिय होते हैं, लेकिन राहु के प्रभाव से कभी-कभी भ्रमित या अस्थिर भी हो सकते हैं। ये ज्ञान और तकनीकी चीजों के प्रति आकर्षित रहते हैं और इनके अंदर सीखने की प्रबल इच्छा होती है।

मुख्य गुण

  • स्वतंत्रता प्रिय

  • भावुक लेकिन तार्किक

  • संवाद कौशल में निपुण

  • कल्पनाशील और नए विचारों वाले

  • कभी-कभी जल्द निर्णय लेने वाले

स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोगों का करियर और व्यवसाय

स्वाति नक्षत्र के जातक करियर के क्षेत्र में अक्सर अलग अलग क्षेत्रों में नई नई चीजें आजमाते रहते हैं। ये एक ही काम में बंधे रहने वाले नहीं होते। इनकी रुचियां बदलती रहती हैं।

ये लोग तकनीकी क्षेत्रों, मीडिया, मार्केटिंग, आयात-निर्यात, परामर्श सेवाएं, ज्योतिष, रिसर्च, लेखन, विदेशी कंपनियों, अनुवाद कार्य, इंटरनेट या डिजिटल दुनिया से जुड़े कार्यों में सफल हो सकते हैं।

राहु की वजह से इनका रुझान विदेशी व्यापार या विदेशी संपर्क वाले कार्यों की ओर अधिक रहता है।

स्वाति जातकों को बिज़नेस में भी सफलता मिल सकती है, विशेषकर तब जब वे स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं और खुद के निर्णय पर चलते हैं।

स्वाति नक्षत्र और विवाह जीवन

स्वाति नक्षत्र के जातक जीवनसाथी के मामले में बहुत सोच-विचार करके निर्णय लेते हैं। ये जीवन में प्रेम और भावनात्मक मेल को बहुत महत्व देते हैं, लेकिन साथ ही ये अपनी स्वतंत्रता से भी समझौता नहीं करना चाहते।

इनका वैवाहिक जीवन सामान्यतः मधुर रहता है, लेकिन कभी-कभी राहु के प्रभाव से भ्रम या गलतफहमी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यदि साथी समझदार और धैर्यवान हो तो वैवाहिक जीवन संतुलित बना रहता है।

स्वाति नक्षत्र की महिलाएं बहुत ही समर्पित और समझदार जीवनसाथी बनती हैं, लेकिन उन्हें भी स्पेस और सम्मान की आवश्यकता होती है।

उपाय व शुभ मंत्र 

राहु के प्रभाव से उत्पन्न समस्याओं को संतुलित करने के लिए कुछ सरल उपाय और मंत्रों का पालन लाभकारी होता है:

उपाय 

  • हनुमान जी की नियमित पूजा करें।

  • प्रतिदिन 108 बार "ॐ रां राहवे नमः" का जाप करें।

  • शनिवार को काले तिल का दान करें।

  • नीले या काले रंग का वस्त्र न पहनें।

  • शनिवार को राहु शांति यज्ञ कराना लाभकारी हो सकता है

शुभ मंत्र 

ॐ ऐं क्लीं स्वात्यै नमः

इस मंत्र का जाप करने से मानसिक संतुलन, ग्रह शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

स्वाति नक्षत्र में क्या करें और क्या न करें?

क्या करें 

  1. स्वाति नक्षत्र के जातक स्वतंत्र स्वभाव के होते हैं। लेकिन अपनी आज़ादी के चक्कर में परिवार और रिश्तों से दूरी बनाना ठीक नहीं। आत्मनिर्भर रहें लेकिन रिश्तों में जुड़ाव भी बनाए रखें।

  2. आपके पास बोलने की अच्छी कला है। इसे झगड़ों या दिखावे के लिए नहीं, बल्कि शांति, समझदारी और रिश्ते मजबूत करने के लिए इस्तेमाल करें।

  3. कई बार आप बिना सोचे कुछ कर बैठते हैं जो बाद में परेशानी बन जाता है। इसलिए किसी भी बात का फैसला सोच-समझकर लें।

  4. राहु के प्रभाव के कारण स्वाति नक्षत्र में जन्मे जातकों का मन बेचैन रह सकता है, ऐसे में ध्यान और योग ज़रूर करें। रोज़ कुछ समय ध्यान या योग करने से मन शांत और सोच स्पष्ट होती है।

  5. आपके दिमाग में अच्छे आइडिया आते हैं। उन्हें सिर्फ सोचकर छोड़ न दें। उन्हें सही प्लान बनाकर धीरे-धीरे अमल में लाने की कोशिश करें।

क्या न करें 

  1. स्वतंत्रता अच्छी बात है लेकिन अगर उससे रिश्तों में दूरी आने लगे तो नुकसान हो सकता है। इसलिए अपने लोगों को वक्त दें और उनकी अनदेखी न करें।

  2. राहु के असर से शक, डर या निराशा हावी हो सकती है। ऐसे में नकारात्मक सोच को तुरंत बदलें और सकारात्मक सोच की ओर बढ़ें।

  3. गुस्से में फैसले न लें, क्योंकि इस स्थिति में निर्णय लेना खतरनाक हो सकता है। गुस्सा आए तो कुछ देर शांत रहें, फिर सोचें और निर्णय लें।

  4. आपके साथ कोई धोखा कर सकता है या आप किसी भ्रम में पड़ सकते हैं। ऐसे में कोई भी बात या ऑफर आंख बंद करके न मानें, जांच-परख कर ही कदम बढ़ाएं।

  5. जल्दी लाभ के चक्कर में गलत रास्ता न अपनाएं। शॉर्टकट अपनाना नुकसानदायक हो सकता है। मेहनत से कमाया गया फल ही टिकता है, इसलिए लालच में आकर कोई गलत काम न करें।

स्वाति नक्षत्र के जातकों को राहु का प्रभाव स्वतंत्र, रहस्यमय और आकर्षक बनाता है, लेकिन कभी-कभी यह भ्रम और अस्थिरता भी ला सकता है। यदि ये जातक अपनी शक्तियों को सही दिशा में लगाएं और मानसिक संतुलन बनाए रखें, तो जीवन में उन्हें बहुत सफलता मिल सकती है

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Published by Sri Mandir·June 19, 2025

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