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भरणी नक्षत्र क्या है?

क्या करें और क्या न करें भरणी नक्षत्र में? जानिए जन्म, विवाह, करियर और उपायों से जुड़ी जरूरी जानकारी!

भरणी नक्षत्र

जानकारी अनुसार, 27 नक्षत्र होते हैं जो चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होते हैं। 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र होता है भरणी नक्षत्र। अगर आप इस नक्षत्र से संबंधित सभी तरह के सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो पढ़ें हमारे इस लेख को, जिसमें आपको मिलेंगे सारे जवाब एक साथ।

भरणी नक्षत्र क्या है?

भरणी नक्षत्र का मतलब होता है भरण-पोषण करना, यानी किसी चीज का पोषण और संरक्षण करना। भरणी नक्षत्र के सभी चार चरण मेष राशि में आते हैं, इसलिए इसकी राशि मेष मानी जाती है। इस नक्षत्र का प्रतीक त्रिकोण आकार है, जो इसकी ऊर्जा और गुणों को दर्शाता है। भरणी नक्षत्र वाले लोग साहसी, मेहनती और दृढ़ निश्चयी होते हैं।

भरणी नक्षत्र का ज्योतिषीय महत्व

भरणी नक्षत्र का ज्योतिषीय महत्व बहुत खास है। इसे नए जीवन की शुरुआत और सृजन शक्ति का प्रतीक माना जाता है। भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग रचनात्मक, साहसी और महत्वाकांक्षी होते हैं। ये लोग स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं और अपने काम में मेहनती रहते हैं। भरणी नक्षत्र का संबंध यम देवता से भी माना जाता है, जो न्याय और धर्म के प्रतीक हैं। इसलिए, भरणी नक्षत्र वाले लोग ईमानदार और धर्म के प्रति सजग होते हैं।

भरणी नक्षत्र का स्वामी ग्रह कौन है?

भरणी नक्षत्र का स्वामी ग्रह शुक्र है। यह नक्षत्र मेष राशि में आता है। शुक्र ग्रह प्रेम, सुंदरता, रचनात्मकता और भौतिक समृद्धि का प्रतीक है। शुक्र की ऊर्जा से यह नक्षत्र सौंदर्य और कला से जुड़ा होता है। इस नक्षत्र में जन्में लोग प्रेमी, रचनात्मक और खुशमिजाज होते हैं।

भरणी नक्षत्र में जन्मे जातकों का स्वभाव और विशेषताएं

साहसी और महत्वाकांक्षी: भरणी नक्षत्र में जन्मे लोग साहसी और महत्वाकांक्षी होते हैं। वे जीवन में चुनौतियों का सामना बिना डरे करते हैं और अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी मेहनत करते हैं।

कला और सौंदर्य प्रेमी: ये लोग कला, सौंदर्य और रचनात्मक कार्यों से गहरा लगाव रखते हैं। चित्रकारी, फोटोग्राफी जैसे क्षेत्रों में उनकी रुचि और प्रतिभा देखने को मिलती है।

स्वतंत्र और रचनात्मक: भरणी नक्षत्र के जातक स्वतंत्र सोच वाले होते हैं। वे नए विचारों को अपनाते हैं और रचनात्मक क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने की क्षमता रखते हैं।

दृढ़ इच्छाशक्ति: इन लोगों में मजबूत इच्छाशक्ति होती है। वे जीवन में आने वाली बाधाओं से घबराते नहीं और लगातार मेहनत करते रहते हैं।

धैर्यवान और ईमानदार: वे धैर्यवान होते हैं और विवादों से दूर रहना पसंद करते हैं। साथ ही, ये सच्चे और ईमानदार होते हैं।

स्वच्छता प्रेमी: भरणी नक्षत्र के जातक स्वच्छता और साफ-सफाई में विश्वास रखते हैं। 

भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों का करियर और व्यवसाय

भरणी नक्षत्र में जन्मे लोग स्वभाव से बहुत ही कलात्मक और रचनात्मक होते हैं, इसलिए ये अभिनय, संगीत, नृत्य, लेखन जैसे कला के क्षेत्रों में अच्छी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इनकी रुचि रचनात्मक कामों में होने के कारण ये कलाकार, गायक, संगीतकार या लेखक बन सकते हैं। इसके साथ ही, भरणी नक्षत्र वाले लोग प्रबंधन, वित्त, और उद्यमिता जैसे व्यवसायिक क्षेत्रों में भी अपना नाम बना सकते हैं। भरणी नक्षत्र के जातक चाय, कॉफी के व्यवसाय या टूरिस्ट गाइड के रूप में भी अच्छा करियर बना सकते हैं। जानकारी अनुसार, तंबाकू के व्यवसाय में भी भरणी नक्षत्र के लोग सफल हो सकते हैं। भरणी नक्षत्र के लोग अपनी मेहनत, रचनात्मकता और धैर्य से जीवन में कई क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं।

भरणी नक्षत्र और विवाह जीवन

भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों का वैवाहिक जीवन सामान्यतः संतुलित और प्रेमपूर्ण होता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिलाएं अपने रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव और ज़िम्मेदारी दोनों को बराबरी से निभाती हैं। उन्हें ऐसा जीवनसाथी मिलना आम है जो न सिर्फ उन्हें स्नेह देता है, बल्कि हर परिस्थिति में उनका साथ भी निभाता है। ये महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में प्रभावशाली भूमिका निभाती हैं और कई बार निर्णयों में अग्रणी भी रहती हैं और अपने रिश्ते में अधिक प्रभावशाली होती हैं, लेकिन वे हमेशा अपने साथी के प्रति ईमानदार और भरोसेमंद रहती हैं। वहीं, भरणी नक्षत्र में जन्मे पुरुषों का वैवाहिक जीवन सामान्यतः सुखद रहता है, लेकिन इन्हें भी रिश्तों में समझदारी और संयम रखना जरूरी होता है। 

भरणी नक्षत्र के लिए उपाय और शुभ मंत्र

भरणी नक्षत्र के दिन कुछ खास उपाय और मंत्र करने से जीवन में सुख, समृद्धि और तरक्की होती है। इस दिन आंवले के पेड़ के पास जाकर उसकी जड़ में जल चढ़ाएं और हाथ जोड़कर पेड़ को प्रणाम करें। अगर आंवला नहीं हो तो उसके फल का दर्शन करें। धन बढ़ाने के लिए लक्ष्मी जी की पूजा करें और शाम को घी का दीपक जलाएं। पारिवारिक खुशियों के लिए सूखे नारियल से बनी बर्फी बनाकर उसे त्रिकोण आकार में काटकर माता लक्ष्मी को भोग लगाएं और प्रसाद बांटें। अपने तेज को बढ़ाने के लिए खुशबू वाला इत्र लेकर मंदिर में अर्पित करें। प्रेम जीवन को मजबूत करने के लिए घर के आंगन में त्रिकोण बनाएं और उसमें आंवले का फल रखकर पूजा करें। व्यवसाय में वृद्धि के लिए सफेद कमीज दान करें और जीवनसाथी की तरक्की के लिए ज्वार का दान करें। करियर में सफलता के लिए हल्दी और इलायची अपने पास रखें और अगले दिन मंदिर में अर्पित करें। सेहत सुधारने के लिए उबले आलू गाय को खिलाएं और उसका आशीर्वाद लें। बुरी नजर से बचने के लिए कपूर और लौंग जलाएं। अगर दांपत्य जीवन में समस्या हो तो आंवले के पेड़ पर सूत बांधकर आरती करें। भगवान यम की पूजा भी विशेष फलदायक होती है। इन उपायों से भरणी नक्षत्र के शुभ प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, किसी भी तरह के उपायों और मंत्रों को क्रियान्वित करने से पहले किसी जानकार और विशेषज्ञ पंडित से इसकी जानकारी जरूर लेनी चाहिए।

भरणी नक्षत्र में क्या करें और क्या न करें?

भरणी नक्षत्र एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है जिसमें कुछ खास कार्य करने और कुछ चीजों से बचने की सलाह दी जाती है। इस नक्षत्र के दौरान सही कर्म करने से जीवन में सफलता और खुशहाली आती है। 

भरणी नक्षत्र में क्या करें

  1. आंवले के पेड़ की पूजा: भरणी नक्षत्र में आंवले के पेड़ की पूजा करें और अगर संभव हो तो घर या आस-पास आंवले का पौधा लगाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

  2. लक्ष्मी पूजा: इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करना लाभकारी होता है। इससे घर में धन और समृद्धि बढ़ती है।

  3. आंवले का दान: आंवले का फल या मुरब्बा मंदिर में दान करें। यह दंपत्ति के रिश्ते को मजबूत बनाता है।

  4. हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी की पूजा करें, जिससे बाधाएं दूर होती हैं।

  5. स्नान में दही मिलाना: मंगलवार को पानी में थोड़ा दही मिलाकर स्नान करें, इससे आपका व्यवहार दूसरों पर अच्छा प्रभाव डालता है।

भरणी नक्षत्र में क्या न करें

  1. आंवले का सेवन न करें: इस नक्षत्र के दौरान आंवले या उससे बने पदार्थ खाने से बचें।

  2. आंवले के पेड़ को नुकसान न पहुंचाएं: आंवले के पेड़ या उसके फल को नुकसान पहुंचाना अशुभ होता है।

  3. झूठा दिखावा और पाखंड न करें: झूठा दिखावा और पाखंड करने से बचना चाहिए।

  4. रूढ़िवादी विचार न रखें: पुराने और कठोर विचारों से दूर रहें और खुले दिल से सोचें।

  5. विवाद से बचें: विवादों से दूर रहें। यदि कोई समस्या हो तो शांति और प्रेम से उसका समाधान करें। इन बातों का ध्यान रखने से जीवन में बेहतर महसूस करेंगे। हालांकि, अधिक सटीक सलाह और गहन जानकारी के लिए किसी योग्य ज्योतिषाचार्य या पंडित से मार्गदर्शन अवश्य लें, ताकि आपको सही दिशा मिल सके और आपके जीवन में सुख, शांति और शुभता बनी रहे।

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Published by Sri Mandir·June 18, 2025

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