क्या ॐ हं हनुमते नमः मंत्र से डर और बाधाएं खत्म हो सकती हैं? जानिए हनुमान जी के इस चमत्कारी मंत्र का अर्थ, जप संख्या और जाप की विधि।
हनुमान जी को ताकत, भक्ति और बल का प्रतीक माना जाता है। उनके मंत्रों का जाप करने से मन और शरीर दोनों को ताकत मिलती है और जीवन की परेशानियाँ दूर होने लगती हैं। अगर हम कुछ खास मंत्रों का सही तरीके से जाप करें, तो जीवन में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है।
हनुमान जी को शक्ति, भक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि उनके मंत्रों का जाप करने से मन और शरीर दोनों को बल मिलता है और जीवन की मुश्किलें धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। यदि हम इन मंत्रों का सही तरीके से जाप करें, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। इन्हीं मंत्रों में एक खास मंत्र है – "ॐ हं हनुमते नमः"। माना जाता है कि यह मंत्र हनुमान जी को बहुत प्रिय है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और व्यक्ति का आत्मविश्वास, साहस और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।
ॐ: ये एक पवित्र शब्द है, जिसे ईश्वर की आवाज या ब्रह्मांड की शुरुआत की ध्वनि माना जाता है।
हं ये हनुमान जी का खास बीज मंत्र है, जो ताकत और ऊर्जा को जगाता है।
हनुमते इसका मतलब है "हनुमान जी को", जो शक्ति और भक्ति से भरे हुए हैं।
नमः इसका मतलब है "नमस्कार" या "प्रणाम करना"।
इस मंत्र का पूरा अर्थ:
हे हनुमान जी! आपको मेरा प्रणाम। कृपा करके मुझे ताकत, समझदारी, हिम्मत और ऊर्जा दीजिए।
"ॐ हं हनुमते नमः" मंत्र का जाप बहुत शक्तिशाली और असरदार माना जाता है। यह एक आसान तरीका है जिससे हम हनुमान जी को खुश कर सकते हैं और उनसे ताकत, हिम्मत और सुरक्षा की कृपा पा सकते हैं। पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें
लाल फूल, सिंदूर और चोला चढ़ाएं।
शांत और ध्यान लगाकर मंत्र का जाप करें।
रोज़ाना 11, 21, 108 या 1008 बार मंत्र जप सकते हैं।
जाप करते समय रुद्राक्ष या तुलसी की माला का इस्तेमाल करें।
जाप के बाद हनुमान चालीसा या बजरंग बाण पढ़ना शुभ माना जाता है।
हनुमान जी का यह मंत्र मन को शांत करता है और शरीर में नई ऊर्जा भरता है। रोज़ जाप करने से इंसान अंदर से मजबूत महसूस करता है।
बजरंगबलि के इस मंत्र के असर से मन के बुरे विचार, डर और टेंशन धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं।
जब कोई खुद को कमजोर या दुखी महसूस करता है, तो यह मंत्र उसमें नई ताकत और भरोसा लाता है।
यह मंत्र जीवन की परेशानियों, रुकावटों और दुखों को हटाने में मदद करता है।
यह मंत्र जलन रखने वालों, बुरी नजर और शत्रुओं से रक्षा करता है।
**ॐ हं हनुमते नमः**
उच्चारण: ओम् हं हनु-मत-ए नमः
ॐ "ओम्" कहें, थोड़ा लंबा खींचते हुए। यह ब्रह्मांड की ध्वनि है।
हं इसे "हं" या "हंम" की तरह बोले, यह बीज मंत्र है।
हनुमते इसे "हनु-मत-ए" के रूप में स्पष्ट बोलें।
नमः इसे "नमः" (नम ह ) कहें, 'ह' का उच्चारण हल्का हो।
यदि आपका भी मन परेशान हो, तनाव हो या उलझन हो, तब यह मंत्र मन को शांत करता है। इसका जाप करने से अच्छी ऊर्जा मिलती है और बेचैनी धीरे-धीरे खत्म होने लगती है।
यह मंत्र हनुमान जी की तरह हमारी हर परिस्थिति रक्षा करता है। भूत-प्रेत, बुरी नजर, डर या रात के डर से परेशान लोग अगर रोज इसका जाप करें, तो वे सुरक्षित और निडर महसूस करते हैं।
जिन्हें बोलने, फैसला लेने या जिम्मेदारी निभाने में डर लगता है, उनके लिए यह मंत्र बहुत फायदेमंद है। यह अंदर की छुपी ताकत और भरोसे को जगाता है।
इस मंत्र का जाप शरीर में नई शक्ति को भरता है। थकान, कमजोरी और सुस्ती दूर होती है। साथ ही यह सेहत और सोच दोनों को बेहतर बनाता है।
अगर आपके बार-बार काम अटक रहे हों या परेशानी आ रही हो, तो यह मंत्र बहुत सहायक है। इसका जाप करने से सफलता पाने का रास्ता आसान होता है।
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