क्या आप जानते हैं गुरु कवच के पाठ से शिक्षा, ज्ञान और भाग्य में कैसे वृद्धि होती है? जानें पाठ विधि और इसके दिव्य लाभ।
गुरु कवच एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक शास्त्र है, जो वैदिक ज्योतिष के अनुसार जातक की कुंडली और ग्रह योगों के आधार पर उसकी जीवन यात्रा को दिशा देता है। यह कवच विशेष रूप से बृहस्पति ग्रह के प्रभाव से जुड़ा होता है, जो विद्या, ज्ञान, वाणी, और समृद्धि के कारक होते हैं। गुरु देव के आशीर्वाद से व्यक्ति धन, मान-सम्मान, और प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। गुरु कवच का सही पूजन और मंत्रोच्चारण से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
गुरु कवच, जिसे बृहस्पति कवच या गुरु ग्रह कवच भी कहा जाता है, एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो गुरु ग्रह (बृहस्पति) की पूजा और आशीर्वाद के लिए समर्पित है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी है जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होता है। गुरु ग्रह को धर्म, ज्ञान, शिक्षा, और समृद्धि का कारक माना जाता है। इसके प्रभाव से जीवन में कई तरह की बाधाएं और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विशेष रूप से व्यापार में सफलता, शिक्षा में उन्नति, और आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए गुरु कवच का पाठ अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसके नियमित पाठ से जीवन में खुशहाली और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। इसलिए, गुरु कवच का पाठ जीवन में सफलता और समृद्धि के रास्ते को खोलता है।
ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः।
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु।।
पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा।
आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः।।
नैऋत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे।
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः।।
भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा।
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः।।
ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः।
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः।।
रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु।
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च।।
डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः।
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः।।
परतु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः।
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा।।
महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा।
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा।।
गुरु कवच का पाठ करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। सबसे पहले, गुरु कवच का पाठ गुरुवार के दिन करना अत्यंत लाभकारी होता है क्योंकि गुरु ग्रह को समर्पित होने के कारण गुरुवार का दिन विशेष रूप से गुरु ग्रह के प्रभाव को मजबूत करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। पूजा करते समय भी गुरु कवच का पाठ करना चाहिए, क्योंकि इससे पूजा के लाभ में वृद्धि होती है और जीवन में समृद्धि तथा शांति का संचार होता है। यदि आप गुरु ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं, तो रोजाना गुरु कवच का पाठ भी किया जा सकता है।
इससे गुरु ग्रह की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलती है। गुरु कवच का पाठ करते समय ध्यान से सुनें और मंत्रों का अर्थ समझने की कोशिश करें ताकि पाठ का पूरा लाभ मिल सके। इसके अलावा, पाठ करते समय सकारात्मक रहें और भगवान में विश्वास बनाए रखें, क्योंकि सकारात्मक मानसिकता से पाठ अधिक प्रभावी होता है। सभी नियमों का पालन करते हुए विधि-विधान से गुरु कवच का पाठ करना चाहिए, ताकि गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त हो और जीवन में सफलता, समृद्धि और मानसिक शांति आए।
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