राजस्थान में घूमने की जगह जानना चाहते हैं? यहां पढ़ें उन ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की सूची, जो इस राज्य को खास बनाते हैं — हर पर्यटक को एक बार ज़रूर घूमना चाहिए।
वैसे तो राजस्थान, आमेर किला, उदयपुर की झीलें, जोधपुर का मेहरानगढ़ किला, जैसलमेर का सोनार किला, रणथंभौर नेशनल पार्क और माउंट आबू जैसे स्थल के लिए प्रसिद्ध हैं। लेकिन आज इस लेख के माध्यम से आपको कुछ खास मंदिरों के बारे में जानकारी मिलेगी, तो अंत तक इसम लेख को पढ़ें और पायें प्रसिद्द मंदिरों की जानकारी..
राजस्थान भारत का एक ऐतिहासिक राज्य है, जो अपने राजाओं, किलों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर जैसे शहर ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। राजस्थान का इतिहास वीरता और शौर्य गाथाओं से भरा है।
यहां के किले जैसे आमेर किला, मेहरानगढ़ किला और चित्तौड़गढ़ किला दर्शनीय हैं। राजस्थान में कई मशहूर मंदिर भी हैं, जैसे खाटू श्यामजी, एकलिंगजी मंदिर, रणकपुर जैन मंदिर और ब्रह्मा मंदिर (पुष्कर)। ये मंदिर स्थापत्य कला, भक्ति और परंपरा का सुंदर संगम हैं। राजस्थान की मिट्टी में इतिहास, आस्था और संस्कृति की गूंज साफ सुनाई देती है।
भगवान श्याम (कलियुग के कृष्ण) को समर्पित है। यह मंदिर भक्तों की अटूट श्रद्धा का केंद्र है। फाल्गुन मेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं। मान्यता है कि श्याम बाबा हर मनोकामना पूरी करते हैं।
यह मंदिर भगवान ब्रह्मा को समर्पित है और भारत में ऐसा एकमात्र प्रमुख मंदिर है। पुष्कर झील के किनारे स्थित है। मंदिर में संगमरमर की मूर्ति और सिल्वर सिक्कों से सजे स्तंभ हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर विशाल मेला लगता है।
यह मंदिर भगवान आदिनाथ (पहले तीर्थंकर) को समर्पित है। सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर जैन वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। इसमें 1444 खंभे हैं, जिन पर सुंदर नक्काशी है, और हर खंभा अलग है। यह जगह शांति और ध्यान के लिए प्रसिद्ध है।
यह मंदिर भगवान शिव के एक रूप, "एकलिंग" को समर्पित है। मार्बल से बना यह मंदिर 8वीं शताब्दी में बनवाया गया था। मेवाड़ के राजाओं का कुलदेवता माना जाता है। यहां शिवरात्रि पर विशेष आयोजन होते हैं।
हनुमान जी को समर्पित है। यह मंदिर विशेष रूप से बुरी आत्माओं और तांत्रिक प्रभावों से मुक्ति के लिए जाना जाता है। हर मंगलवार और शनिवार को यहाँ विशेष भीड़ होती है।
खाटू श्याम से मिलती-जुलती मान्यताओं वाला यह मंदिर भी भक्तों में लोकप्रिय है। नवविवाहित जोड़े यहां आशीर्वाद लेने आते हैं।
यह मंदिर करणी माता को समर्पित है, जो दुर्गा का अवतार मानी जाती हैं। यहाँ हजारों सफेद चूहे (काबा) रहते हैं जिन्हें पवित्र माना जाता है। अगर कोई सफेद चूहा दिखाई दे जाए, तो उसे शुभ संकेत माना जाता है।
इसे मंकी टेम्पल भी कहा जाता है। पहाड़ियों के बीच स्थित यह मंदिर प्राकृतिक जल स्रोतों और कुंडों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर परिसर में हनुमान जी और सूर्य देवता के मंदिर भी हैं।
राजा मानसिंह द्वारा निर्मित। शीश महल, गणेश पोल और दीवान-ए-आम प्रसिद्ध भाग हैं। हाथी की सवारी और लाइट शो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
राव जोधा द्वारा बनवाया गया। ऊँचाई से पूरा जोधपुर शहर नीला दिखाई देता है। किले में संग्रहालय और शाही शस्त्रागार है।
भारत का सबसे बड़ा किला, जो रानी पद्मिनी और राणा प्रताप की वीरता का प्रतीक है। विजय स्तंभ और रानी पद्मिनी महल दर्शनीय स्थल हैं।
"सोनार किला" के नाम से प्रसिद्ध। पीले पत्थरों से बना यह किला आज भी जीवंत है—लोगों के घर और दुकानें किले के अंदर हैं।
पिछोला झील के किनारे स्थित, यह महल वास्तुकला और इतिहास का अद्भुत मिश्रण है। शीश महल, मोर चौक और झील के दृश्य अत्यंत सुंदर हैं।
थार मरुस्थल के बीच में बना यह किला आक्रमणकारियों से कभी जीत नहीं पाया। महलों, मंदिरों और बागों का सुंदर समन्वय।
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