जबलपुर घूमने का प्लान बना रहे हैं? तो इन अद्भुत प्राकृतिक स्थलों और ऐतिहासिक जगहों के बारे में जरूर जानें, जो आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे।
जबलपुर में धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों में त्रिपुरी मंदिर, चौंसठ योगिनी मंदिर, रानी दुर्गावती की समाधि, और ग्वारीघाट प्रमुख हैं। ग्वारीघाट में नर्मदा आरती विशेष रूप से आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है। आइये जानते हैं इसके बारे में...
मध्य प्रदेश के हृदयस्थल में स्थित जबलपुर, नर्मदा नदी के किनारे बसा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है। यह न केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, जैसे कि भेड़ाघाट और धुआँधार जलप्रपात, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जबलपुर में अनेक प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जो न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं बल्कि अपनी वास्तुकला, इतिहास और मान्यताओं के कारण भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। आइए जानते हैं जबलपुर के प्रसिद्ध मंदिरों और उनसे जुड़े तथ्यों के बारे में।
स्थान: भेड़ाघाट, जबलपुर
विशेषता: यह मंदिर 10वीं शताब्दी में कलचुरी वंश के राजा देवपाल द्वारा बनवाया गया था। यह भारत के सबसे पुराने और रहस्यमयी योगिनी मंदिरों में से एक है। यहाँ माँ दुर्गा के 64 योगिनी स्वरूपों की मूर्तियाँ एक वृत्त में स्थापित हैं। मंदिर की विशेष बात यह है कि यह पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और नर्मदा नदी का सुंदर दृश्य यहाँ से देखा जा सकता है। इसके वास्तुशिल्प में गुर्जर-प्रतिहार शैली की झलक मिलती है। कहा जाता है कि यहाँ साधना करने से मानसिक शक्तियाँ जाग्रत होती हैं।
स्थान: त्रिपुरी, जबलपुर
विशेषता: त्रिपुरी देवी मंदिर को त्रिपुर सुंदरी माँ का प्राचीन निवास माना जाता है। यह स्थान कभी त्रिपुरी राज्य की राजधानी था और यहाँ त्रिपुर सुंदरी देवी की उपासना की जाती थी। मान्यता है कि त्रिपुरासुर का वध करने के बाद देवी त्रिपुर सुंदरी इस स्थान पर प्रकट हुई थीं। मंदिर परिसर में नवरात्रि के समय भव्य मेला लगता है और दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
स्थान: विजय नगर, जबलपुर
विशेषता: कचनार मंदिर में भगवान शिव की 76 फीट ऊँची विशाल प्रतिमा स्थित है, जो एक कृत्रिम गुफा के ऊपर बनी है। इस गुफा के भीतर 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृति स्थापित की गई है। यह मंदिर शिवभक्तों के लिए एक प्रमुख आस्था का केंद्र है और महाशिवरात्रि पर यहाँ विशेष पूजा-अर्चना होती है। मंदिर की भव्यता और वातावरण श्रद्धालुओं को अध्यात्मिक अनुभव कराता है।
स्थान: हनुमानताल क्षेत्र, जबलपुर
विशेषता: यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और यहाँ एक विशाल जलाशय (ताल) भी स्थित है, जिससे इसका नाम पड़ा है। यहाँ की मान्यता है कि यह ताल स्वयं प्रभु श्रीराम के काल में निर्मित हुआ था और भगवान हनुमान स्वयं यहाँ विराजमान हैं। मंगलवार के दिन यहाँ भारी संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। मंदिर परिसर में रामायण का पाठ और सुंदरकांड का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है।
स्थान: गोल बाजार, जबलपुर
विशेषता: यह मंदिर श्रीकृष्ण और राधारानी को समर्पित है। यहाँ की मूर्तियाँ अत्यंत सुंदर और आकर्षक हैं। मंदिर परिसर में जन्माष्टमी पर भव्य झांकियों और रासलीला का आयोजन होता है। यह स्थान भक्तों के लिए भक्ति और आनंद का संगम है।
स्थान: गोहलपुर, जबलपुर
विशेषता: यह मंदिर भगवान शिव के तांडव स्वरूप को समर्पित है। यहाँ शिवलिंग के साथ शिव की नृत्य मुद्रा में प्रतिमा स्थापित है। मंदिर का वास्तुशिल्प दक्षिण भारतीय शैली से प्रेरित है और यहाँ भजन-संध्या एवं रुद्राभिषेक का आयोजन होता है।
स्थान: ग्वारीघाट के पास, जबलपुर
विशेषता: यह एक गुफा मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ शिवलिंग एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है, जिससे यह और भी पवित्र माना जाता है। श्रावण मास में यहाँ विशेष मेले का आयोजन होता है। माना जाता है कि इस स्थान पर तपस्या करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
स्थान: ग्वारीघाट, नर्मदा तट
विशेषता: यह मंदिर माँ नर्मदा को समर्पित है और ग्वारीघाट पर स्थित है, जहाँ प्रतिदिन संध्या आरती अत्यंत मनोहारी होती है। यह स्थान नर्मदा स्नान, दीपदान और धार्मिक क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहाँ की आरती में भाग लेने से जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है।
स्थान: गढ़ा, जबलपुर
विशेषता: इस मंदिर को मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध माना जाता है। भक्त यहाँ आकर भगवान हनुमान से अपनी मनोकामनाएँ माँगते हैं और पूर्ण होने पर नारियल और मिठाई चढ़ाते हैं। मंदिर परिसर में भजन, आरती और संकटमोचन हनुमान स्तुति का नियमित आयोजन होता है।
स्थान: शहपुरा मार्ग, जबलपुर
विशेषता: यह माँ दुर्गा के अष्टभुजा स्वरूप को समर्पित मंदिर है। यहाँ की मूर्ति अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती है। नवरात्रि में मंदिर में भव्य साज-सज्जा और दुर्गा सप्तशती का पाठ होता है। भक्त माँ से शक्ति, रक्षा और कल्याण की कामना करते हैं।
जबलपुर न केवल प्राकृतिक सुंदरता का नगर है, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ के मंदिर न केवल आस्था के केंद्र हैं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक विरासत के भी प्रतीक हैं। यदि आप जबलपुर घूमने का मन बना रहे हैं, तो इन मंदिरों में दर्शन अवश्य करें। यहाँ की दिव्यता, भक्ति और शांति निश्चित ही आपको एक नई ऊर्जा और आध्यात्मिक संतुलन प्रदान करेगी।
ऐसी ही धार्मिक जानकारी के लिए आप श्री मंदिर के साथ जुड़े रहें। हम आपके लिए ऐसे रोचक व ज्ञानवर्धक लेख लाते रहेंगे।
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