गणेश चतुर्थी लखनऊ 2025
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

गणेश चतुर्थी लखनऊ 2025

गणेश चतुर्थी लखनऊ 2025, जानें लखनऊ में गणपति बप्पा की स्थापना, पूजा विधि, प्रमुख पंडाल, विसर्जन स्थल और धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों की विशेषताएँ।

लखनऊ में गणेश चतुर्थी के बारे में

लखनऊ शहर में गणेश चतुर्थी की तैयारी महीनों पहले से शुरू हो जाती है, हर साल अलग-अलग थीम के हिसाब से शहर के हर हिस्से में यह त्योहार मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर, 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट तक प्रभावी रहेगी। इस लेख में जानिए लखनऊ में गणेश चतुर्थी का महत्व, उत्सव की खास झलकियां और इससे जुड़ी परंपराएं।

लखनऊ में गणेश चतुर्थी का महत्व

1. धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव

लखनऊ में गणेश चतुर्थी न सिर्फ आस्था से जुड़ा पर्व है, बल्कि यह शहर के सांस्कृतिक जीवन का भी अहम हिस्सा बन चुका है। लोग पारंपरिक पूजा के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं।

2. सामूहिक सहभागिता का अवसर

मोहल्लों और कॉलोनियों में लोग मिलकर गणपति की स्थापना करते हैं, जिससे सामाजिक जुड़ाव और भाईचारा मजबूत होता है।

3. रचनात्मकता और सजावट का मंच

शहर भर में गणेश पंडालों की भव्य सजावट की जाती है। विभिन्न थीम्स पर आधारित सजावटी झांकियाँ स्थानीय रचनात्मकता को प्रकट करती हैं।

4. पर्यावरण के प्रति सजगता

इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं को अपनाकर लखनऊवासी पर्यावरण-संरक्षण का संदेश देते हैं, जिससे यह पर्व आधुनिक चेतना से भी जुड़ता है।

5. स्थानीय बाजारों की रौनक

पर्व के समय पूजा सामग्री, मिठाइयों, कपड़ों और सजावटी वस्तुओं की खरीदारी बढ़ जाती है, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है।

गणेश चतुर्थी की तैयारी कैसे करें?

1. घर की सफ़ाई और सजावट से शुरुआत करें: गणेश चतुर्थी से पहले घर को अच्छे से साफ़ करना ज़रूरी होता है। मुख्य द्वार पर तोरण और फूलों की सजावट करके भगवान के स्वागत की तैयारी करें। जहाँ मूर्ति स्थापित करनी हो वहाँ हल्दी, कुमकुम से स्वस्तिक बनाकर, अक्षत चढ़ाएं और मूर्ति के लिए चौकी रखें।

2. पूजा स्थान की सही तैयारी करें: चौकी पर लाल, पीला या केसरिया रंग का नया कपड़ा बिछाएं। पूजा की थाली में दीपक, अगरबत्ती, फूल, चावल, रोली आदि सजाकर पहले से तैयार रखें ताकि स्थापना के समय कोई कमी न हो।

3. मूर्ति लाने की पावन विधि: गणपति की प्रतिमा लाने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और सिर पर टोपी या साफा रखें। मूर्ति को पीतल या तांबे की थाली में रखें और घंटी या मंजीरे बजाते हुए घर लाएं।

4. गणपति का स्वागत और प्रवेश: जब प्रतिमा घर पहुंचे, तो सबसे पहले द्वार पर आरती करें। भक्ति गीतों और मंत्रों के साथ गणपति को घर के भीतर लाएं और "गणपति बप्पा मोरया" के जयकारों के बीच उन्हें तय स्थान पर विराजमान करें।

5. विधिवत स्थापना और पूजा करें: गणेश जी को चौकी पर स्थापित करने के बाद शुद्ध मन से पूजा करें। ऐसा माना जाता है कि पूरी श्रद्धा और विधि से गणपति जी को अपने घर लाने से सुख-शांति आती है।

भगवान गणेश की मूर्ती स्थापना कैसे करे?

1. पूजा से पहले की तैयारी: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल रंग का नया कपड़ा बिछाएं।

2. गणेश प्रतिमा की स्थापना और शुद्धिकरण: गणेश जी की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करने से पहले गंगाजल से शुद्ध करें। मूर्ति पर फूल, दूर्वा और चावल अर्पित करें।

3. पूजन की प्रक्रिया: घी का दीपक जलाकर पूजा आरंभ करें। भगवान को मोदक या उनकी प्रिय मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही श्रद्धा भाव से गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।

4. मंत्रों का जाप

पूजा के दौरान निम्न मंत्रों का उच्चारण करें:

  • ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥

  • ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं देही चिन्तां दूरं करोति स्वाहा ॥

  • ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।

  • ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये

  • वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥

  • ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

  • गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः

5. व्रत और आरती का पालन: पूजा के बाद आरती करें और दिनभर फलाहार व्रत रखें। संध्या समय फिर से विधिवत पूजा कर आरती करें, इसके बाद ही भोजन करें।

निष्कर्ष

गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो विघ्नों को दूर करने वाले और ज्ञान के देवता माने जाते हैं। उन्हें शुभ आरंभ और सफलता का प्रतीक माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु गणपति बप्पा से जीवन में आने वाली रुकावटों को दूर करने और अपने कार्यों में सफलता पाने की कामना करते हैं।

divider
Published by Sri Mandir·August 24, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook