"माँ की चुनरिया की लहरों में खो जाएं, 'लहर लहर लहरा गई रे मेरी मां की चुनरिया' भजन पढ़ें और भक्ति में समाएं!"
ये भजन माँ दुर्गा की महिमा और श्रद्धा को व्यक्त करता है। इस भजन के माध्यम से भक्ति भावना को बल मिलता है और आस्था गहरी होती है। इसे सुनने या गाने से मन को शांति और सुकून मिलता है। माँ की चुनरिया में भक्तों के लिए सुरक्षा और आशीर्वाद का प्रतीक छुपा है, जो जीवन की कठिनाइयों को दूर करने की प्रेरणा देता है।
लहर लहर लहरा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
माँ की चुनरियाँ,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया बरसाने को पहुंची,
उड़के चुनरिया बरसाने में पहुंची,
राधा जी के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया अयोध्या को पहुंची,
उड़के चुनरिया अयोध्या में पहुंची,
सिता जी के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया हरिधाम को पहुंची,
उड़के चुनरिया हरिधाम में पहुंची,
लक्ष्मी जी के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया कैलाश को पहुंची,
उड़के चुनरिया कैलाश में पहुंची,
गौरा जी के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया मेवाड़ को पहुंची,
उड़के चुनरिया मेवाड़ में पहुंची,
मीरा जी के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया कीर्तन में पहुंची,
उड़के चुनरिया कीर्तन में पहुंची,
भक्तों के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
लहर लहर लहरा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
माँ की चुनरियाँ,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
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