नर्मदा जी की आरती (Narmada Ji ki Aarti)
सनातन धर्म में पर्वतों, नदियों, पशु-पक्षियों और जीव जंतुओं को बड़े ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उसी के तहत हम बात करने वाले है, नर्मदा नदी के बारे में। नर्मदा नदी को हिंदू धर्म में देवी का रूप माना जाता है, लोग उनकी पूजा करते हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि माँ नर्मदा की आरती करने से क्या होता है? तो आइए जानते हैं नर्मदा आरती के महत्व और लाभ के बारे में।
नर्मदा आरती का महत्व और लाभ (Importance Of Narmada Aarti)
नर्मदा माता को भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त है कि जो भी भक्त उनकी पूजा अर्चना करेगा और उनके पानी से स्नान करेगा। उसके द्वारा जाने अनजाने में हुए पापो का नाश होता है। इसी के साथ नर्मदा को सुख और आनंद प्रदान करने वाली देवी भी माना जाता है। इसलिए जो भी व्यक्ति माँ नर्मदा की आरती सुनता और पढ़ता है, तो उसके मन को शांति मिलती है और सभी प्रकार के पापो का नाश होता है। तो आइए पढ़ते है नर्मदा मैया की आरती हिंदी (Narmada Aarti In Hindi) में।
श्री नर्मदा जी की आरती के लिरिक्स (Sri Narmada Ji Ki Aarti Lyrics)
ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी। ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥ ॐ जय जय जगदानन्दी।
देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचण्डी। सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि शारद पदवन्ती॥ ॐ जय जय जगदानन्दी।
देवी धूमक वाहन, राजत वीणा वादयन्ती। झूमकत झूमकत झूमकत, झननन झननन रमती राजन्ती॥ ॐ जय जय जगदानन्दी।
देवी बाजत ताल मृदंगा, सुर मण्डल रमती। तोड़ीतान तोड़ीतान तोड़ीतान, तुरड़ड़ तुरड़ड़ तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती॥ ॐ जय जय जगदानन्दी।
देती सकल भुवन पर आप विराजत, निश दिन आनन्दी। गावत गंगा शंकर सेवत रेवा शंकर, तुम भव मेटन्ती॥ ॐ जय जय जगदानन्दी।
मैया जी को कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती। अमरकंठ में विराजत, घाटनघाट कोटी रतन ज्योति॥ ॐ जय जय जगदानन्दी।
मैया जी की आरती निशदिन पढ़ि गावें, हो रेवा जुग-जुग नर गावें। भजत शिवानन्द स्वामी जपत हरि, मनवांछित फल पावें॥
ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी। ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥ ॐ जय जय जगदानन्दी।