नाग पंचमी आरती
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नाग पंचमी आरती

नाग पंचमी के दिन आरती से मिलती है नाग देवता की विशेष कृपा। पढ़ें आरती के संपूर्ण बोल और जानें इसका धार्मिक महत्व।

नाग पंचमी आरती के बारे में

भोलेनाथ के परम प्रिय नाग देवता, जो सदा उनके गले में सुशोभित रहते हैं वे नाग पंचमी पर विशेष पूजनीय माने जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक आरती और पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होकर साधकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यदि आप भी इस शुभ दिन पर विशेष फल चाहते हैं, तो जानिए नाग पंचमी की आरती और पूजा की सही विधि।

नाग पंचमी आरती

नाग पंचमी का पर्व नाग देवता की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित होता है। इस दिन नाग पंचमी की आऱती करके नाग देवता को प्रसन्न किया जाता है। तो जानिए नाग पंचमी की आरती।

श्रीनागदेव आरती पंचमी की कीजै ।

तन मन धन सब अर्पण कीजै ।

नेत्र लाल भिरकुटी विशाला ।

चले बिन पैर सुने बिन काना ।

उनको अपना सर्वस्व दीजे।।

पाताल लोक में तेरा वासा ।

शंकर विघन विनायक नासा ।

भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै।।

शीश मणि मुख विषम ज्वाला ।

दुष्ट जनों का करे निवाला ।

भगत तेरो अमृत रस पिजे।।

वेद पुराण सब महिमा गावें ।

नारद शारद शीश निवावें ।

सावल सा से वर तुम दीजे।।

नोंवी के दिन ज्योत जगावे ।

खीर चूरमे का भोग लगावे ।

रामनिवास तन मन धन सब अर्पण कीजै ।

आरती श्री नागदेव जी कीजै ।।

नाग पंचमी आरती करने का सही तरीका

नाग पंचमी के दिन सही विधि से की गई आरती विशेष फलदायक मानी जाती है। वहीं, इससे भोलेबाबा अति प्रसन्न होते हैं और साधक की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं नाग पंचमी आरती करने का सही तरीका ताकि आप पर भी बरसे भोलेनाथ की कृपा।

  • नाग पंचमी आरती करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • फिर पूजा के लिए एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं और उस पर नाग देवता, भोलेशंकर की प्रतिमा, शिवलिंग या चित्र स्थापित करें।
  • उसके बाद पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • अब पूजा सामग्री में फूल-फल, बेलपत्र, धतूरा, चंदन, अक्षत (चावल), दूध, मिठाई, अर्पित करें और दीपक में घी या कपूर डालकर जलाएं।
  • इन सब कार्य के बाद आरती की थाली तैयार करें जिसमें दीपक, कपूर, फूल और चंदन हो।
  • फिर दीपक जलाकर नाग देवता के सामने 4 बार चरणों में, 2 बार नाभि पर, 1 बार मुख पर और 7 बार पूरे घुमाते हुए नाग पंचमी की आरती शपरू करें।
  • आरती के बाद ॐ नागेंद्रहाराय नमः आदि मंत्रों का उच्चारण भी कर सकते हैं।
  • आरती के बाद नाग देवता से प्रार्थना करें और आशीर्वाद लें।
  • फिर पूजा में हुई भूल-चूक के लिए भगवान से क्षमा प्रार्थना करें और अंत में प्रसाद वितरित करके खुद भी ग्रहण करें।
  • इस प्रकार से की गई आरती न केवल फलदायी होची है बल्कि महादेव व नाग देवता की विशेष कृपा भी दिलाती है।
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Published by Sri Mandir·July 21, 2025

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