श्री गोरखनाथ जी की आरती (Sri Gorakhnath Ji Ki Aarti)
गुरू गोरखनाथ भगवान शिव के अवतार हैं, जिन्हें गुरु मत्स्येन्द्रनाथ का मानस पुत्र भी माना जाता है, साथ ही गुरू गोरखनाथ एक योग सिद्ध योगी थे। भगवान शिव के अवतार होने के कारण गोरखनाथ जी की पूजा पूरे भारतवर्ष में की जाती हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि गुरू गोरखनाथ जी की आरती करने से क्या होता है। तो आइए जानते हैं गोरखनाथ जी की आरती के महत्व के बारे में।
गुरू गोरखनाथ जी की आरती पढ़ना और सुनना उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है, जो अपने जीवन में पूर्ण सुख प्राप्त करना चाहते हैं। गुरू गोरखनाथ जी अपने भक्तों को दिव्य सुरक्षा प्रदान करते हैं। गोरखनाथ जी की आरती पढ़ने से बाबा गोरखनाथ जातक को स्वास्थ्य, धन, समृद्धि, सौभाग्य और अपने जीवन में जो कुछ भी चाहता है वो सब कुछ देते है। तो किसी को अपने जीवन में पूर्ण शांति और सुख चाहिए, उसे हर रोज गोरखनाथ जी की आरती पढ़नी चाहिए। तो आइए पढ़ते हैं श्री गोरखनाथ जी की आरती (Sri Gorakhnath Ji Ki Aarti In Hindi) हिंदी में
श्री गोरखनाथ जी की आरती के लिरिक्स (Gorakhnath Chalisa Lyrics)
जय गोरख देवा, जय गोरख देवा । कर कृपा मम ऊपर, नित्य करूँ सेवा ॥
शीश जटा अति सुंदर, भाल चन्द्र सोहे । कानन कुंडल झलकत, निरखत मन मोहे ॥
गल सेली विच नाग सुशोभित, तन भस्मी धारी । आदि पुरुष योगीश्वर, संतन हितकारी ॥
नाथ नरंजन आप ही, घट घट के वासी । करत कृपा निज जन पर, मेटत यम फांसी ॥
रिद्धी सिद्धि चरणों में लोटत, माया है दासी । आप अलख अवधूता, उतराखंड वासी ॥
अगम अगोचर अकथ, अरुपी सबसे हो न्यारे । योगीजन के आप ही, सदा हो रखवारे ॥
ब्रह्मा विष्णु तुम्हारा, निशदिन गुण गावे । नारद शारद सुर मिल, चरनन चित लावे ॥
चारो युग में आप विराजत, योगी तन धारी । सतयुग द्वापर त्रेता, कलयुग भय टारी ॥
गुरु गोरख नाथ की आरती, निशदिन जो गावे । विनवित बाल त्रिलोकी, मुक्ति फल पावे ॥