8 नवंबर 2025 को क्या है?
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8 नवंबर 2025 को क्या है?: जानें आज का व्रत त्योहार

8 नवंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, भैया दूज (यम द्वितीया) की पूजा विधि, शुभ-अशुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व से जुड़ी खास जानकारी।

आज के दिन के बारे में

8 नवंबर 2025 का दिन आस्था और श्रद्धा से पूर्ण माना गया है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्य, व्रत और पूजा व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन की साधना से देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

8 नवंबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 8 नवंबर 2025 को कौन-सा व्रत या त्योहार है और यह दिन धार्मिक रूप से क्यों विशेष है? 8 नवंबर 2025, शनिवार के दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस दिन संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। जो भक्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत श्रद्धापूर्वक करते हैं, उन्हें जीवन के समस्त विघ्नों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पंचांग विवरण

  • तिथि: कृष्ण पक्ष तृतीया – सुबह 7:33 बजे तक

  • नक्षत्र: मृगशिरा – रात 10:03 बजे तक

  • योग: शिव – शाम 6:31 बजे तक

  • करण: विष्टि – सुबह 7:33 बजे तक

  • वार: शनिवार (शनिदेव का दिन)

  • मास: कार्तिक (अमान्त) / मृगशिरा (पूर्णिमांत)

  • विक्रम संवत: 2082 (कालियुक्त)

  • शक संवत: 1947 (विश्ववासु)

  • सूर्य राशि: तुला

  • चंद्र राशि: वृषभ

  • आयन: दक्षिणायन

  • ऋतु: शरद ऋतु

  • दिशाशूल: पूर्व दिशा

  • चंद्र निवास: दक्षिण दिशा

महत्त्व और पर्व

संकष्टी चतुर्थी

8 नवंबर 2025 को संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनाया जाएगा। यह व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है और भगवान गणेश को समर्पित होता है। इसे “विघ्नहर्ता चतुर्थी” भी कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा के दर्शन और गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है। व्रत करने वाले व्यक्ति दिनभर उपवास रखते हैं और रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत का पारण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सभी विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

पूजा और व्रत विधि

  • प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  • भगवान गणेश की प्रतिमा को लाल वस्त्र पर विराजमान करें।

  • दीपक जलाएं और दूर्वा, मोदक, पुष्प और फल अर्पित करें।

  • “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • दिनभर उपवास रखें और जल, फल या दूध ग्रहण कर सकते हैं।

  • रात्रि में चंद्रमा के दर्शन के बाद गणेश जी को अर्घ्य अर्पित करें और व्रत का पारण करें।

शुभ-अशुभ समय

  • शुभ मुहूर्त: 11:20 AM से 12:04 PM

  • राहुकाल: 8:57 AM से 10:20 AM

  • गुलिक काल: 6:11 AM से 7:34 AM

  • यमघंट काल: 1:05 PM से 2:28 PM

सूर्य और चंद्र विवरण

  • सूर्योदय: 6:11 AM

  • सूर्यास्त: 5:14 PM

  • चंद्रोदय: 7:46 PM

  • चंद्रास्त: 9:15 AM

ग्रह और राशि विवरण

  • सूर्य राशि: तुला

  • चंद्र राशि: वृषभ

  • दिशाशूल: पूर्व दिशा

  • ऋतु: शरद ऋतु

  • आयन: दक्षिणायन

निष्कर्ष

8 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन व्रत, पूजा और चंद्र दर्शन करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और जीवन में शांति, सफलता तथा सुख की प्राप्ति होती है। शनिवार का दिन होने के कारण इस दिन शनिदेव की उपासना भी लाभदायक मानी जाती है।

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Published by Sri Mandir·November 9, 2025

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