31 दिसंबर 2025 को क्या है?
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31 दिसंबर 2025 को क्या है?

जानिए इस दिन की सप्तमी तिथि, पंचांग, नक्षत्र, शुभ-अशुभ समय, योग, करिणा और इस दिन के धार्मिक व ज्योतिषीय महत्व से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी।

आज के दिन के बारे में

31 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से शांत और सकारात्मक माना जाता है। वर्ष के अंतिम दिन किए गए पूजा-पाठ, ध्यान और दान को विशेष फलदायी माना गया है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर नए वर्ष के लिए शुभ वातावरण बनाता है।

31 दिसंबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 31 दिसंबर 2025 को कौन-सा व्रत, त्योहार, ग्रह स्थितियाँ और शुभ योग हैं? 31 दिसंबर 2025, बुधवार को शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन पौष पुत्रदा एकादशी (गौण), वैष्णव पौष पुत्रदा एकादशी और कूर्म द्वादशी जैसे पवित्र पर्व मनाए जाते हैं। द्वादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होने के कारण यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।

पंचांग विवरण

  • तिथि: शुक्ल पक्ष द्वादशी – रात 1:49 AM तक
  • नक्षत्र: कृतिका – रात 1:30 AM तक
  • योग: साध्य – रात 9:14 PM तक
  • करण: बव – दोपहर 3:24 PM तक
  • वार: बुधवार
  • मास (अमांत): पौष
  • मास (पूर्णिमांत): पौष
  • विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
  • शक संवत: 1947 (विश्ववासु)
  • सूर्य राशि: धनु
  • चंद्र राशि: मेष
  • ऋतु: हेमंत
  • आयन: दक्षिणायन
  • दिशाशूल: उत्तर
  • चंद्र की दिशा: पूर्व दिशा

त्योहार व पर्व

1. गौण पौष पुत्रदा एकादशी

यह एकादशी पुत्र की प्राप्ति, परिवार की उन्नति और संतान सुख की कामना से रखी जाती है। भक्त व्रत, पूजा और दान करते हैं।

2. वैष्णव पौष पुत्रदा एकादशी

वैष्णव परंपरा में यह एकादशी विशेष महत्व रखती है। भगवान विष्णु की आराधना, मंत्र-जप और व्रत रखने से मनोकामनाओं की पूर्ति होने का विश्वास है।

3. कूर्म द्वादशी

इस दिन भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की पूजा की जाती है। जल, दान और तुलसी सेवा अत्यंत शुभ मानी जाती है।

शुभ-अशुभ समय

  • शुभ मुहूर्त: 11:41 AM से 12:23 PM
  • राहुकाल: 12:02 PM से 1:21 PM
  • गुलिक काल: 10:42 AM से 12:02 PM
  • यमघंट काल: 8:03 AM से 9:23 AM

सूर्य और चंद्र विवरण

  • सूर्योदय: 6:44 AM
  • सूर्यास्त: 5:20 PM
  • चंद्रोदय: 2:05 PM
  • चंद्रास्त: 3:11 AM

पूजा-व्रत विधि

  • सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें।

  • भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी अर्पित करें।

  • पौष पुत्रदा एकादशी पर व्रत रखें - फलाहार/आंशिक उपवास कर सकते हैं।

  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।

  • शाम को दीपक जलाकर विष्णु आरती करें।

  • द्वादशी तिथि होने के कारण ब्राह्मण भोजन या दान देना शुभ माना जाता है।

निष्कर्ष

31 दिसंबर 2025 धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत शुभ दिन है। एकादशी और द्वादशी के संगम के कारण यह तिथि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इस दिन व्रत, पूजा, जप और दान करने से मानसिक शांति, संतान सुख, परिवार में सौभाग्य और मनोकामना सिद्धि प्राप्त होती है।

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Published by Sri Mandir·December 12, 2025

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