
जानिए मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि, आज का पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और व्रत-त्योहार से जुड़ी खास जानकारी।
23 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक आस्था और श्रद्धा से परिपूर्ण है। इस दिन भक्तजन व्रत, पूजा और दान के माध्यम से ईश्वर की आराधना करते हैं। मान्यता है कि आज के दिन किया गया हर शुभ कार्य कई गुना फल देता है और जीवन में सुख, समृद्धि व सौभाग्य का आशीर्वाद लाता है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 23 नवंबर 2025 को कौन-सा व्रत या त्योहार है और यह दिन धार्मिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है? 23 नवंबर 2025, रविवार के दिन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। यह दिन मृगशिरा मास के हेमंत ऋतु में आता है और धार्मिक दृष्टि से शुभ और लाभकारी माना जाता है। इस दिन विशेष पूजा, व्रत और धार्मिक कर्मों का महत्व बढ़ जाता है।
तिथि: शुक्ल पक्ष तृतीया – शाम 7:26 बजे तक
नक्षत्र: मूल – शाम 7:28 बजे तक
योग: धृति – दोपहर 12:09 बजे तक
करण: गर – शाम 7:23 बजे तक
वार: रविवार (सूर्य देव का दिन)
मास: मृगशिरा (अमान्त और पूर्णिमांत)
विक्रम संवत: 2082 (कालियुक्त)
शक संवत: 1947 (विश्ववासु)
सूर्य राशि: वृश्चिक
चंद्र राशि: धनु
दिशाशूल: पश्चिम
चंद्र निवास: पूर्व
ऋतु: हेमंत
आयन: दक्षिणायन
शुभ मुहूर्त: 11:24 AM से 12:06 PM
राहुकाल: 3:48 PM से 5:09 PM
गुलिक काल: 2:27 PM से 3:48 PM
यमघंट काल: 11:45 AM से 1:06 PM
सूर्योदय: 6:21 AM
सूर्यास्त: 5:09 PM
चंद्रोदय: 8:59 AM
चन्द्रास्त: 7:23 PM
तृतीया व्रत: इस दिन तृतीया व्रत का विशेष महत्व है। महिलाओं के लिए यह व्रत संतान सुख, परिवार की भलाई और सुख-समृद्धि के लिए फायदेमंद माना जाता है।
सूर्य पूजा: रविवार होने के कारण सूर्य देव की आराधना करना अत्यंत शुभ होता है। सूर्य देवता स्वास्थ्य, शक्ति और समृद्धि के कारक माने जाते हैं।
दान और पूजा: इस दिन दान और पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से दूध, गेहूं, चावल और वस्त्र का दान अत्यंत फलदायी माना जाता है।
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर या मंदिर में सूर्य देव और इच्छानुसार अन्य देवताओं की प्रतिमा स्थापित करें।
दीपक जलाएं, पुष्प और तिलक अर्पित करें।
“ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।
व्रत या फलाहार रखें और दिनभर भक्ति एवं ध्यान में समय बिताएं।
शाम के समय आरती और प्रसाद अर्पित करें।
23 नवंबर 2025 धार्मिक दृष्टि से शुभ और पुण्यदायक दिन है। इस दिन तृतीया व्रत, सूर्य पूजा और दान-पुण्य करने से जीवन में स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और शांति आती है। सूर्य देव और देवी-देवताओं की उपासना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक बल का विकास होता है।
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