20 सितंबर 2025 को क्या है?
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20 सितंबर 2025 को क्या है?

20 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, आश्विन कृष्ण त्रयोदशी, द्वादशी व्रत का महत्व, त्रयोदशी पूजा, नवरात्रि पूजा और शुभ मुहूर्त व पूजा विधि।

आज के दिन के बारे में

20 सितंबर 2025 का दिन आस्था और धार्मिक परंपराओं के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इस दिन पितृ पक्ष के अंतर्गत होने वाले श्राद्ध का विशेष महत्व रहेगा। साथ ही, कौन से व्रत-उपवास मनाए जाएंगे और दिनभर के कौन से शुभ-अशुभ मुहूर्त आपके कार्यों के लिए उपयुक्त होंगे, यह जानना लाभकारी है। इस लेख में जानिए 20 सितंबर 2025 से जुड़ी पूरी जानकारी, जो इस दिन को और भी खास बनाती है।

20 सितंबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 20 सितंबर 2025 को कौन-सा व्रत और त्योहार है तथा यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों खास है? 20 सितंबर 2025 शनिवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस दिन चतुर्दशी श्राद्ध (चौदस श्राद्ध) मनाया जाएगा। यह श्राद्ध उन पितरों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु चतुर्दशी तिथि को हुई हो। पितृ पक्ष में चतुर्दशी श्राद्ध का विशेष महत्व है और इसे अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।

पंचांग विवरण

  • तिथि प्रारंभ: 19 सितंबर 2025 को रात 11:00 बजे

  • तिथि समाप्त: 20 सितंबर 2025 को रात 10:32 बजे

  • वार: शनिवार (शनि देव का दिन)

  • नक्षत्र: अश्विनी – सुबह 7:22 बजे तक, उसके बाद भरणी नक्षत्र

  • योग: व्याघात – सुबह 6:34 बजे तक, फिर हर्षण योग

  • करण: कौलव – सुबह 7:58 बजे तक, फिर तैतिल करण

  • महीना (अमान्त): भाद्रपद

  • महीना (पूर्णिमांत): अश्विन

चतुर्दशी श्राद्ध का महत्व

चतुर्दशी श्राद्ध को चौदस श्राद्ध भी कहा जाता है। इस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु चतुर्दशी तिथि को हुई हो। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण करने से पितृ आत्माएं प्रसन्न होती हैं और परिवार को शांति, समृद्धि तथा संकटों से मुक्ति का आशीर्वाद देती हैं। विशेष रूप से अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए पितरों का श्राद्ध इस तिथि को करने का विधान है।

पूजा-विधि एवं अनुष्ठान

  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  • श्राद्ध अनुष्ठान कुतुप, रौहिण या अपराह्न काल में सम्पन्न करें।

  • पितरों को तिल, पुष्प, पिंड और जल अर्पित करें।

  • ब्राह्मणों को भोजन करवाकर वस्त्र और दक्षिणा दें।

  • अंत में तर्पण करके श्राद्ध को पूर्ण करें।

शुभ-अशुभ समय

  • कुतुप मुहूर्त: 11:50 AM से 12:39 PM

  • रौहिण मुहूर्त: 12:39 PM से 1:28 PM

  • अपराह्न काल: 1:28 PM से 3:54 PM

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:32 AM से 12:22 PM

  • राहुकाल: 8:38 AM से 10:12 AM

  • गुलिक काल: 5:41 AM से 7:15 AM

  • यमघंट काल: 1:47 PM से 3:21 PM

सूर्योदय और सूर्यास्त

  • सूर्योदय: 5:41 AM

  • सूर्यास्त: 6:03 PM

  • चंद्रोदय: 7:48 PM

  • चंद्रास्त: 8:34 AM (21 सितंबर को)

ग्रह और राशि

  • सूर्य राशि: सिंह

  • चंद्र राशि: मेष (प्रातः तक), उसके बाद वृषभ

  • दिशाशूल: पूर्व दिशा

  • ऋतु: वर्षा

  • आयन: दक्षिणायन

निष्कर्ष

20 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन चतुर्दशी श्राद्ध मनाया जाएगा। यह श्राद्ध विशेष रूप से अकाल मृत्यु प्राप्त पितरों के लिए किया जाता है। इस दिन श्रद्धापूर्वक श्राद्ध और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।

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Published by Sri Mandir·September 11, 2025

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