18 सितंबर 2025 को क्या है?
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

18 सितंबर 2025 को क्या है?

18 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, आश्विन कृष्ण एकादशी, एकादशी व्रत, नवरात्रि पूजा का महत्व और शुभ मुहूर्त व पूजा विधि।

आज के दिन के बारे में

18 सितंबर 2025 का दिन धर्म और परंपराओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस दिन पितृ पक्ष से जुड़े श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व रहता है। साथ ही, कौन से व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे और दिनभर के शुभ-अशुभ मुहूर्त क्या होंगे, यह जानना हर श्रद्धालु के लिए उपयोगी है। इस लेख में जानिए 18 सितंबर 2025 से जुड़ी संपूर्ण जानकारी, जो इस दिन को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से खास बनाती है।

18 सितंबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 18 सितंबर 2025 को कौन-सा व्रत और त्योहार है तथा यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों खास है? 18 सितंबर 2025 गुरुवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन द्वादशी श्राद्ध (बारस श्राद्ध) मनाया जाएगा। पितृ पक्ष के अंतर्गत आने वाला यह दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

पंचांग विवरण

  • तिथि प्रारंभ: 17 सितंबर 2025 को रात 11:39 बजे

  • तिथि समाप्त: 18 सितंबर 2025 को रात 11:24 बजे

  • वार: गुरुवार (बृहस्पति देव का दिन)

  • नक्षत्र: रेवती – पूरे दिन

  • योग: वृद्धि – सुबह 8:17 बजे तक, फिर ध्रुव योग

  • करण: वणिज – सुबह 8:28 बजे तक, उसके बाद विष्टि करण

  • महीना (अमान्त): भाद्रपद

  • महीना (पूर्णिमांत): अश्विन

द्वादशी श्राद्ध का महत्व

द्वादशी श्राद्ध उन पितरों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु द्वादशी तिथि को हुई हो। इस दिन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि सन्यास ग्रहण करने वाले व्यक्तियों का श्राद्ध भी इसी तिथि पर किया जाता है। इसे बारस श्राद्ध भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होकर परिवार को सुख-समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं।

पूजा-विधि एवं अनुष्ठान

  • प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  • श्राद्ध कर्म कुतुप, रौहिण या अपराह्न मुहूर्त में सम्पन्न करें।

  • पितरों का स्मरण कर तिल, जल, पुष्प और पिंड अर्पित करें।

  • ब्राह्मणों को भोजन व दान दें।

  • अंत में पितरों के नाम का तर्पण करें।

शुभ-अशुभ समय

  • कुतुप मुहूर्त: 11:50 AM से 12:39 PM

  • रौहिण मुहूर्त: 12:39 PM से 1:28 PM

  • अपराह्न काल: 1:28 PM से 3:55 PM

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:32 AM से 12:22 PM

  • राहुकाल: 1:32 PM से 3:07 PM

  • गुलिक काल: 9:47 AM से 11:22 AM

  • यमघंट काल: 6:41 AM से 8:16 AM

सूर्योदय और सूर्यास्त

  • सूर्योदय: 5:41 AM

  • सूर्यास्त: 6:05 PM

  • चंद्रोदय: 6:48 PM

  • चंद्रास्त: 6:29 AM (19 सितंबर को)

ग्रह और राशि

  • सूर्य राशि: सिंह

  • चंद्र राशि: मीन (प्रातः तक), फिर मेष

  • दिशाशूल: दक्षिण दिशा

  • ऋतु: वर्षा

  • आयन: दक्षिणायन

निष्कर्ष

18 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन द्वादशी श्राद्ध मनाया जाएगा। यह दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत श्राद्ध व तर्पण करने से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

divider
Published by Sri Mandir·September 11, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook