1 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, गौरी पूजा का महत्व, शुभ-अशुभ समय और देवी गौरी की आराधना का शुभ अवसर।
1 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक महत्व और शुभ अवसरों से जुड़ा रहेगा। इस दिन कौन-कौन से व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, इनके पीछे की पौराणिक मान्यताएं क्या कहती हैं और कौन से शुभ मुहूर्त खास रहेंगे, यह जानना रोचक होगा। इस लेख में जानिए 1 सितंबर 2025 से जुड़ी पूरी जानकारी, जो इस दिन को खास बनाती है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 1 सितंबर 2025 को कौन-सा व्रत और त्योहार है तथा यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों खास है?
1 सितंबर 2025 सोमवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। इस दिन गौरी पूजा का शुभ पर्व मनाया जाएगा। देवी गौरी की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि यह स्त्रियों के लिए सौभाग्य और परिवार की समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
तिथि प्रारंभ: नवमी तिथि – प्रातः 2:44 बजे तक
नक्षत्र: ज्येष्ठा – शाम 7:56 बजे तक, इसके बाद मूल नक्षत्र प्रारंभ
योग: विष्कुम्भ – शाम 4:32 बजे तक
करण: बालव – दोपहर 1:51 बजे तक
वार: सोमवार (भगवान शिव का दिन)
इस प्रकार, ज्येष्ठा नक्षत्र और विष्कुम्भ योग के संयोग में किया गया पूजा-पाठ अत्यंत मंगलकारी रहेगा।
गौरी पूजा मुख्यतः स्त्रियों द्वारा की जाती है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, वैवाहिक सुख और परिवार की खुशहाली के लिए यह व्रत और पूजा करती हैं। वहीं, अविवाहित कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए देवी गौरी की आराधना करती हैं। पौराणिक मान्यता है कि देवी गौरी सौभाग्य, समृद्धि और सुन्दरता की देवी हैं। उनकी पूजा करने से जीवन में सौंदर्य, सामंजस्य और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।
1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. मिट्टी या लकड़ी की चौकी पर देवी गौरी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
3. दीपक जलाकर पुष्प, फल, नैवेद्य और सुहाग सामग्री अर्पित करें।
4. नवमी तिथि पर गौरी माता की कथा का श्रवण करें।
5. आरती करके परिवार की मंगलकामना करें।
अभिजीत मुहूर्त: 11:32 AM से 12:22 PM
राहुकाल: 7:13 AM से 8:48 AM
गुलिक काल: 1:32 PM से 3:07 PM
यमघंट काल: 10:23 AM से 11:57 AM
सूर्योदय: 5:38 AM
सूर्यास्त: 6:17 PM
चंद्रोदय: 1:34 PM
चंद्रास्त: 11:56 PM
सूर्य राशि: सिंह
चंद्र राशि: वृश्चिक
दिशाशूल: पूर्व दिशा
ऋतु: वर्षा
आयन: दक्षिणायन
1 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस दिन गौरी पूजा का पर्व मनाया जाएगा जो स्त्रियों के लिए मंगलकारी माना जाता है। देवी गौरी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, परिवार में समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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