
जानिए इस दिन का पंचांग, अवश्यष्टमी, मार्गशीर्ष की अष्टमी तिथि, शुभ-अशुभ समय, चंद्र दर्शन और धार्मिक महत्व से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी।
2 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से शुभ फल देने वाला माना जाता है। इस दिन किए गए पूजन, व्रत और दान से जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और मनोकामना सिद्धि प्राप्त होती है। भक्त इस दिन भगवान और देवी-देवताओं की आराधना कर अपने जीवन में शांति, आनंद और सकारात्मक ऊर्जा की कामना करते हैं।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 2 दिसंबर 2025 को कौन-सा व्रत, त्योहार और शुभ योग पड़ रहा है और यह दिन धार्मिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है? 2 दिसंबर 2025, मंगलवार के दिन शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन मत्स्य द्वादशी और प्रदोष व्रत जैसे अत्यंत पुण्यदायी पर्व मनाए जाते हैं। यह तिथि भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। द्वादशी पर व्रत, पूजा, दान और उपवास से जीवन में शांति, सौभाग्य और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
1. मत्स्य द्वादशी
इस दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत से संतान सुख, स्वास्थ्य और पापों से मुक्ति मिलती है। जल और मछलियों को दाना डालना अतिशुभ माना जाता है।
2. प्रदोष व्रत (मंगलवार प्रदोष)
मंगलवार का प्रदोष भगवान शिव और मंगल ग्रह दोनों को शांत करने वाला माना जाता है। इस दिन शिव-पार्वती की पूजा से कष्टों का नाश, धन वृद्धि और रोगों से बचाव होता है। शाम के समय प्रदोष काल में दीप, धूप और बेलपत्र चढ़ाना अत्यंत फलदायी है।
सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें।
भगवान विष्णु (मत्स्य अवतार) और भगवान शिव की पूजा करें।
द्वादशी और प्रदोष व्रत का संकल्प लें।
तुलसी दल, धूप, दीप, जल और नैवेद्य अर्पित करें।
प्रदोष काल में शिवजी की विशेष आराधना करें।
गरीबों को भोजन, दान और जलदान करना अत्यंत पुण्यकारी है।
2 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ है। मत्स्य द्वादशी और प्रदोष व्रत जैसे दो महत्वपूर्ण पर्व इस तिथि को और भी पवित्र बनाते हैं। इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा, दान, व्रत और मंत्र-जप करने से शुभ फल, मानसिक शांति, स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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