
जानिए इस दिन का पंचांग, गीता जयंती, गुरुवायुर एकादशी, मोक्षदा एकादशी और शुभ-अशुभ मुहूर्त से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी।
1 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किए जाने वाले पूजन, व्रत और दान से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। भक्तगण इस दिन विशेष रूप से भगवान और देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करके अपने जीवन में सौभाग्य और कल्याण की कामना करते हैं। इस लेख में जानिए आज के धार्मिक महत्व, पूजन विधि और इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 1 दिसंबर 2025 को कौन-सा व्रत, त्योहार और शुभ योग हैं और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों विशेष है? 1 दिसंबर 2025, सोमवार को शुक्ल पक्ष का दिन है। इस तिथि पर गीता जयंती, गुरुवायुर एकादशी, मोक्षदा एकादशी और विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। यह दिन धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इन पर्वों का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही रूपों में गहरा महत्व है।
तिथि: शुक्ल पक्ष — रात 7:02 PM तक
नक्षत्र: रेवती — रात 11:14 PM तक
योग: व्यतीपात — रात 12:59 AM तक
करण: वणिज — सुबह 8:18 AM तक
वार: सोमवार
मास (अमांत): मृगशिरा
मास (पूर्णिमांत): मृगशिरा
विक्रम संवत: 2082 (कालियुक्त)
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
सूर्य राशि: वृश्चिक
चंद्र राशि: मीन
ऋतु: हेमंत
आयन: दक्षिणायन
दिशाशूल: पूर्व दिशा
चंद्र की दिशा: उत्तर दिशा
1. गीता जयंती
1 दिसंबर 2025 को गीता जयंती मनाई जाएगी। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए पवित्र उपदेश श्रीमद्भगवद्गीता के दिव्य अवतरण का दिन है। इस दिन गीता पाठ, ध्यान और श्रीकृष्ण पूजा शुभ माना जाता है।
2. गुरुवायुर एकादशी
यह एकादशी विशेष रूप से गुरुवायुर मंदिर (केरल) से जुड़ी है और विष्णु भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। दिन भर व्रत, कीर्तन और भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है।
3. मोक्षदा एकादशी
मोक्ष प्राप्ति और पितृ उद्धार के लिए अत्यंत फलदायी। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
शुभ मुहूर्त
राहुकाल
गुलिक काल
यमघंट काल
सूर्योदय: 6:27 AM
सूर्यास्त: 5:08 PM
चंद्र उदय: 2:03 PM
चंद्रास्त: 2:09 AM
सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर या मंदिर में श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा करें।
गीता जयंती होने के कारण गीता पाठ अवश्य करें।
एकादशी व्रत का संकल्प लें (उपवास/फलाहार कर सकते हैं)।
तुलसी दल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
शाम को आरती करें और मोक्षदा एकादशी की कथा सुनें या पढ़ें।
1 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत विशेष है। गीता जयंती, गुरुवायुर एकादशी, मोक्षदा एकादशी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार इस दिन को पवित्र बनाते हैं। इस दिन पूजा, पाठ, दान और व्रत करने से पुण्य, शांति और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।
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