Tripindi Shradh and Pind Daan Trimbakeshwar 25th
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शनि का नक्षत्र विशेष

19,000 शनि मूल मंत्र जाप और हवन

जीवन में समस्याओं से मुक्ति और मानसिक स्पष्टता के लिए
temple venue
श्री नवग्रह शनि मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
pooja date
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srimandir devotees
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Tripindi Shradh and Pind Daan Trimbakeshwar 25th

शनि उन शक्तिशाली ग्रहों में से एक हैं, जिनकी चाल और स्थितियां मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित कर सकती हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, जिन लोगों पर शनिदेव की कृपा होती है उन्हें जीवन में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। जब कुंडली में शनि शुभ स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है। इसके विपरीत, यदि शनि अशुभ स्थिति में हो तो बने बनाए काम भी बिगड़ने लगते हैं और जीवन में अनचाही बाधाएं भी आने लगती हैं।

शनिदेव को प्रसन्न करने के वैसे तो कई उपाय हैं लेकिन उनमें मंत्रों के जाप का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि देव के मूल मंत्र का जाप करने के साथ हवन करने से जीवन के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। यह काम में रुकावट एवं बाधाओं से मुक्त करने में भी मददगार सिद्ध होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की महादशा 19 वर्ष तक चलती है इसलिए इस दशा में मूल मंत्र का 19,000 बार जाप करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। अनुराधा नक्षत्र का स्वामी शनि है। इसलिए इस नक्षत्र के दौरान शनि पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इसी कारण अनुराधा नक्षत्र के दौरान उज्जैन के श्री नवग्रह शनि मंदिर में 19,000 मूल मंत्र जाप एवं हवन का आयोजन किया जा रहा है, श्री मंदिर के माध्यम से इसमें भाग लें और जीवन में समस्याओं से मुक्ति और मानसिक स्पष्टता का आशीष पाएं।

श्री नवग्रह शनि मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश

श्री नवग्रह शनि मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
क्षिप्रा नदी के तट पर बसी नगरी उज्जैन में स्थित श्री नवग्रह शनि मंदिर की स्थापना राजा विक्रमादित्य ने की थी। वर्णित हैं कि, राजा विक्रमादित्य ने इस मंदिर की स्थापना शनि की साढ़ेसाती से मुक्त होने के बाद कराई थी। शनिदेव के साथ भगवान नवग्रह शांति मंडल के स्वरुप में विराजमान है, सभी ग्रहों की दशाएं विराजमान हैं। कहा जाता है कि विक्रमादित्य ने इस मंदिर को बनाने के बाद ही विक्रम संवत की शुरुआत की थी। इस मंदिर में शनिदेव भगवान शिव के रूप में विराजमान हैं।

यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना के लिए शनिदेव पर तेल चढ़ाते हैं। मान्यता है कि जो भी यहां सच्चे मन से शनिदेव को प्रसन्न करता है उसे शनिदेव कभी दुख नहीं देते और सारे कष्ट दूर कर देते हैं। साथ ही देश के कोने-कोने से लोग यहां ग्रह दोष या फिर ग्रहों से होने वाले नकारात्मक प्रभाव एवं उससे आने वाले कार्य में बाधाओं से मुक्ति के लिए यहां पूजा करते हैं।

సమీక్షలు & రేటింగ్స్

శ్రీ మందిరం గురించి మన ప్రియమైన భక్తులు ఏమనుకుంటున్నారో చదవండి.
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Achutam Nair

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