कलयुग में हनुमान जी को चिरंजीवी माना गया है, मंगलवार का दिन इन्हें समर्पित है। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा से जातक के सभी कष्ट एवं रोग दूर हो जाते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कई विधि एवं पाठ का उल्लेख किया गया है जिसमें से एक हनुमान स्तवन पाठ भी है। स्तवन का अर्थ होता है “प्रसन्न”, जो कि हनुमान जी का आह्वान एवं प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि हनुमत स्तवन का पाठ करने से बजरंगबली का आशीर्वाद आपके ऊपर सदैव बना रहता है और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
वहीं हनुमान बाहुक स्तोत्र पाठ को लेकर एक कथा प्रचलित है जिसमें बताया गया है कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित एक शक्तिशाली पाठ है, जिसकी रचना उन्होंने तब कि थी जब वह हाथ में असहनीय दर्द से पीड़ित थे। उन्होंने हनुमान बाहुक लिखना शुरू किया और भयानक दर्द दूर हो गया। माना जाता है कि हनुमान बाहुक का निरंतर जाप करने से जातक के सभी मानसिक व शारीरिक रोग ठीक हो जाते हैं। वहीं हनुमान जी को समर्पित श्री सुंदरकांड का पाठ भी बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इसलिए मंगलवार के शुभ दिन पर उज्जैन के प्राचीन श्री अंजनी पुत्र नीलगंगा हनुमान मंदिर में 108 हनुमत स्तवन मंत्र जाप, बाहुक स्तोत्र पाठ और सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में शामिल होने वाले भक्तों को बेहतर स्वास्थ्य एवं असाध्य रोगों से राहत का आशीष मिलता है।