🕉️ चंद्रमा की ऊर्जा शांत करने के लिए क्यों महत्वपूर्ण है रुद्राभिषेक? शरद पूर्णिमा है इस महापूजा का सुनहरा अवसर 🔱🌺
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चंद्र ग्रह पीड़ा शांति विशेष

शरद पूर्णिमा दिव्य रुद्राभिषेक एवं चंद्र ग्रह पीड़ा शांति पूजा

चंद्र दोष उपचार, भावनात्मक संतुलन, मानसिक शांति और रिश्तों में सद्भाव के लिए
temple venue
श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
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🕉️ चंद्रमा की ऊर्जा शांत करने के लिए क्यों महत्वपूर्ण है रुद्राभिषेक? शरद पूर्णिमा है इस महापूजा का सुनहरा अवसर 🔱🌺

🪔 हिंदू धर्म के अनुसार, शरद पूर्णिमा को किया गया रुद्राभिषेक बेहद फलदायी माना गया है। कहते हैं कि इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण आभा और दिव्य शीतलता के साथ धरती को आशीर्वाद देता है और अमृत वर्षा करता है। इस विशेष रात्रि में यदि भगवान शिव पर जल, दुग्ध, शहद और पंचामृत से महाभिषेक किया जाए तो जीवन के सभी छोटे-बड़े कष्ट दूर हो सकते हैं। शरद पूर्णिमा की रात को भगवान शिव का आह्वान मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत शुभ माना गया है। इस दिव्य काल में रुद्राभिषेक कराने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है और परिवार में शांति, सद्भाव और सौभाग्य के बंद दरवाजे खुल सकते हैं।

🌙 चंद्र ग्रह पीड़ा शांति पूजा:

🪔 हिंदू धर्म में चंद्रमा को मन का नियंत्रक माना जाता है, जो भावनाओं, अंतर्ज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। जिस तरह सूर्य जीवन शक्ति और शारीरिक ऊर्जा को नियंत्रित करते हैं, उसी प्रकार चंद्रमा भावनात्मक संतुलन और आंतरिक शांति की राह मजबूत करता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में शुभ स्थिति में विराजमान चंद्रमा, मानसिक स्पष्टता, आत्मविश्वास और भावनात्मक शक्ति बढ़ाता है, जबकि पीड़ित चंद्रमा भय, बेचैनी, उतार-चढ़ाव और भ्रम को फैला देता है। विद्वानों का विश्वास है कि रुद्राभिषेक के फल से महादेव के शीश पर सुशोभित चंद्रदेव भी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को रिश्तों में सद्भाव और संतुलन का दिव्य आशीर्वाद देते हैं।

🪔 महादेव के शीश पर चंद्रमा का महत्व बहुत पुराना है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले विष के कारण शिव जी का शरीर गर्म हो गया था, जिसे शांत करने के लिए देवताओं ने उनसे चंद्रमा को धारण करने का अनुरोध किया, क्योंकि चंद्रमा शीतलता का प्रतीक है। इसलिए, भावनात्मक संतुलन और चंद्र दोष उपचार में महादेव और चंद्रदेव की संयुक्त पूजा की जाती है। इस अनुष्ठान में शामिल चंद्र ग्रह पीड़ा शांति पूजन, शरद पूर्णिमा पर बेहद शुभ और प्रभावी माना गया है। शरद पूर्णिमा पर विशेष मंत्रों और अर्घ्य द्वारा चंद्र देव का विधिवत पूजन, जीवन को एक नए बदलाव की दिशा दिखा सकता है। यह महापूजा मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन, पारिवारिक सुख और रिश्तों में सामंजस्य को सामान्य से कई गुना बढ़ा सकती है।

🌸 श्री मंदिर द्वारा शरद पूर्णिमा दिव्य रुद्राभिषेक एवं चंद्र ग्रह पीड़ा शांति पूजा में भाग लें और जीवन में मानसिक शांति और रिश्तों में सद्भाव का आशीर्वाद पाएं 🌸

श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
प्रयागराज (इलाहाबाद) में स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर, जिसे सोमेश्वर नाथ मंदिर के नाम से भी प्रख्यात है, शहर के पवित्र स्थलों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे एकादक्ष रुद्र के निवास के रूप में मान्यता प्राप्त है। बता दें कि सोमेश्वर महादेव रुद्रों में से एक हैं। मंदिर की विशेषता इसके त्रिशूल में समाहित है, जो पृथ्वी के चारों ओर चंद्र कक्षा के अनुरूप घूमता है।

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान चंद्र ने अपनी सत्ताईस पत्नियों में से रोहिणी का पक्ष लिया, जिससे दक्ष प्रजापति क्रोधित हो गए। रोहिणी के प्रति अत्यधिक स्नेह के कारण दक्ष ने चंद्र को क्षय रोग का श्राप दे दिया। जब चंद्रमा भगवान विष्णु की शरण में गए, तो उन्होंने चंद्रदेव को प्रयाग में भगवान शिव की पूजा करने का सुझाव दिया। वर्षों की तपस्या के बाद, भगवान शिव ने चंद्रमा को श्राप के कारण हुए कष्ट से मुक्त किया। माना जाता है कि चंद्रमा आज भी प्रयाग में मंदिर के आसपास अमृत की वर्षा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो जातक श्रद्धापूर्वक सोमेश्वरनाथ की पूजा करते हैं, उन्हें मानसिक पीड़ा और शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है।

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